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कण की परिभाषा , मूल बिन्दु , बिंदु कण किसे कहते है , particle meaning and definition in hindi , basic point

particle meaning and definition in hindi , कण की परिभाषा , मूल बिन्दु , बिंदु कण किसे कहते है , basic point in hindi :-

कण :किसी पदार्थ का वह छोटे से छोटे भाग जिसे उसके द्रव्यमान व स्थिति द्वारा प्रदर्शित किया जा सके कण कहते है।

जैसे : सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति में ग्रहों को कण माना जा सकता है।
विराम अवस्था: यदि किसी वस्तु की स्थिति समय के साथ परिवर्तित नहीं होती है , इस अवस्था को विराम अवस्था कहते है।
गतिशील अवस्था: यदि किसी वस्तु की स्थिति में समय के साथ परिवर्तन होता है तो इस अवस्था को गतिशील अवस्था कहते है।
किसी वस्तु की स्थिति का निर्धारण समकोणीय निर्देशांक (x , y , z) और समय मापन घडी द्वारा करते है , घड़ी सहित इस निर्देशांक निकाय को निर्देश तंत्र कहते है।
मूल बिन्दु: किसी वस्तु की स्थिति के मापन के लिए एक निर्देश बिंदु का चुनाव किया जाता है जिसे मूल बिंदु कहते है।
मूल बिन्दु के दाई ओर की दिशा धनात्मक और बायीं ओर ऋणात्मक ली जाती है। ठीक इसी तरह उर्ध्वाधर ऊपर की दिशा धनात्मक और नीचे की दिशा ऋणात्मक ली जाती है।
गतिशील अवस्था तीन प्रकार की होती है –
1. एक विमीय गति: कण की वह गति जिसमे वह निर्देश बिन्दु के सापेक्ष एक सरल रेखा में गति करता है , एक विमीय गति कहलाती है या केवल एक निर्देशांक समय के साथ परिवर्तित हो तो पिण्ड की गति एक विमीय गति कहते है।
जैसे : वाहन की सड़क पर सीधी गति।
रेलगाड़ी की सीधी पटरी पर गति।
स्वतंत्रता पूर्वक गिरती हुई वस्तु।
2. द्विविमीय गति: यदि कोई कण किसी समतल में गति करता है तो यह द्विविमीय गति कहलाती है।
या
कण की वह गति जिसमे वह दो लम्बवत दिशाओ में गति करता है जैसे : चिंटी की गति , मेंढक की गति।

त्रिविमीय गति: यदि कोई कण मुक्त आकाश में गति करता है तो इस गति को त्रिविमीय गति कहते है।
जैसे : उड़ते हुई मक्खी या मच्छर की गति , पतंग की गति।
दूरी / पथ लम्बाई: किसी वस्तु के द्वारा निश्चित समय में तय की गयी पथ की कुल लम्बाई को दूरी कहते है।
यह एक सदिश राशि है , इसका मात्रक मीटर है।
विस्थापन: किसी वस्तु द्वारा निश्चित दिशा में तय की गयी दूरी को विस्थापन कहते है।
या किसी वस्तु की अंतिम तथा प्रारंभिक स्थितियों में अंतर को विस्थापन कहते है।
विस्थापन एक सदिश राशि है। इसका मात्रक मीटर है।
यदि कोई व्यक्ति r त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर गति करता है और चित्रानुसार P बिंदु से चलकर पुनः P बिंदु पर पहुँच जाता है।
दूरी = 2πr
विस्थापन = 0

यदि कोई व्यक्ति r त्रिज्या के अर्द्ध वृत्ताकार पथ में गति करता है और चित्रानुसार p बिन्दु से बिंदु Q पर आता है।
दूरी = πr
विस्थापन = r + r
विस्थापन = 2r

यदि उपरोक्त चित्र में कोई व्यक्ति P से Q तथा Q से P पर आता है तो दूरी = πr + πr = 2πr
विस्थापन = 0
यदि कोई व्यक्ति चित्रानुसार P से Q और Q से R तक आता है तो –

दूरी = x + x
विस्थापन = √2x
प्रश्न : प्रातः भ्रमण के समय एक व्यक्ति 40 मीटर त्रिज्या के अर्द्ध वृत्ताकार पथ पर चलता है , यदि वह एक सिरे से चलना प्रारंभ करके दुसरे सिरे पर पहुँच जाता है तो उसका विस्थापन ज्ञात करो ?
उत्तर : विस्थापन = 2r = 2 x 40 = 80 मीटर
प्रश्न : एक धावक 50 मीटर त्रिज्या के वृत्ताकार ट्रक पर दौड़ रहा है , ट्रक के पाँच चक्कर पूरे करने के पश्चात् उसका विस्थापन ज्ञात करो ?
उत्तर : धावत की प्रारंभिक व अंतिम स्थिति समान है इसलिए विस्थापन = 0
प्रश्न : यदि एक कण A से B तक आता है तो कण के द्वारा तय की गयी दूरी ज्ञात करो ?

उत्तर : दूरी = x + 2x = 3x
प्रश्न : एक बन्दर 80 मीटर त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर परिक्रमा कर रहा है तो एक पूरे चक्कर बन्दर द्वारा तय की गयी दूरी बताओ ?
उत्तर : दूरी = 2πr
दूरी = 2 x 3.14 x 80 = 502.40 मीटर
प्रश्न : एक व्यक्ति अपने घर से 50 मीटर उत्तर में फिर 40 मीटर पूर्व की ओर तत्पश्चात 20 मीटर दक्षिण की ओर चलकर मैदान में पहुंचाता है तो –
(i) मैदान में पहुँचने के लिए उसके द्वारा तय की गयी दूरी कितनी है ?
(ii) उसके घर से मैदान तक कितना विस्थापन हुआ ?
उत्तर : (i) दूरी = 50 + 40 + 20 = 110 मीटर
(ii) विस्थापन = 50 मीटर