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परीक्षण आवेश क्या है q0 , परिभाषा , test charge in hindi , विद्युत बल किसे कहते हैं

विद्युत बल किसे कहते हैं , test charge in hindi , परीक्षण आवेश क्या है q0 , परिभाषा :-

कूलाम का नियम: इस नियम के अनुसार दो स्थिर व बिन्दुवत आवेशों के मध्य लगने वाले विद्युत बल का मान दोनों आवेशो के परिमाण के गुणनफल के समानुपाती तथा बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

अर्थात विद्युत बल F ∝ q1q2/r2

F = K q1q2/r2

यहाँ समानुपाती नियतांक है जिसे विद्युत बल नियतांक कहते है जिसका मान 9 x 109न्यूटन x मीटर2/कुलाम2होता है।

F = q1q2/4πϵ0r2

चूँकि K = 1/4πϵ0

यहाँ ϵ0निर्वात में विद्युत शीलता है जिसका मान 8.85 × 10−12C2/Nm2होता है।

विद्युत बल नियतांक व निर्वात की विद्युतशीलता का MKS पद्धति में मात्रक (किग्रा x मीटर2/सेकंड x एम्पियर2) तथा (सेकंड4x एम्पियर2/किग्रा x मीटर3) तथा विमाएँ क्रमशः [M1L3T-4A-2] व [M-1L-3T4A2] होता है।

कुलाम नियम के महत्वपूर्ण बिंदु

  1. कुलाम बल केवल दो स्थिर व बिन्दुवत आवेशो के लिए ही कार्य करता है , गतिशील आवेशों पर कार्य नहीं करता है क्योंकि गतिशील आवेश पर विद्युत बल के साथ साथ चुम्बकीय बल भी कार्य करता है।
  2. कूलाम बल को केन्द्रीय बल भी कहते है क्योंकि दोनों आवेशित कण कुलाम बल के कारण इनके केन्द्रों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश ही आकर्षित या प्रतिकर्षित होते है।
  3. कुलाम बल न्यूनतम 10-15मीटर दूरी तक ही कार्य करता है क्योंकि इससे कम दूरी पर विद्युत बल के स्थान पर नाभिकीय बल कार्य करने लगते है।
  4. कूलाम बल एक अन्त: क्रिया बल होता है क्योंकि दो आवेशो के मध्य लगने वाला कुलाम बल अन्य आवेश की उपस्थिति से अप्रभावित रहता है।
  5. कुलाम बल न्यूटन के तीसरे (तृतीय) नियम की भी पालना करता है अर्थात क्रिया-प्रतिक्रिया नियम की पालना करता है।
  6. कूलाम बल एक संरक्षी बल होता है।

पैरावैद्युतांक (dielectric constant)

निर्वात में स्थित दो आवेशो के मध्य लगने वाले विद्युत बल तथा उतनी ही दूरी पर किसी माध्यम में लगने वाले विद्युत बल के अनुपात को पैरावैद्युतांक कहते है।

अर्थात माध्यम का पैरावैद्युतांक = ϵr= Fa/Fm

पैरावैद्युतांक एक मात्रकहिन व विमाहीन राशि है।

पदार्थ का नामपैरावैद्युतांक
निर्वात1
वायु1.00059
ऑक्सीजन1.00053
काँच5-10
आसुत जल80
धातुअनंत

विद्युत क्षेत्रelectric field

किसी आवेश के चारो ओर का वह क्षेत्र जिसमे कोई अन्य आवेशित कण विद्युत बल का अनुभव करता है , विद्युत क्षेत्र कहलाता है।

परिक्षण आवेशq0: परिक्षण आवेश एक काल्पनिक धनात्मक आवेश होता है जिसका मान सदैव एक इकाई होता है।

परिक्षण आवेश का स्वयं का कोई क्षेत्र नहीं होता और न ही यह आवेश किसी अन्य आवेश पर विद्युत बल आरोपित करता है। यह आवेश केवल परिक्षण करने के काम आता है।

विद्युत क्षेत्र की तीव्रता (E): विद्युत क्षेत्र में स्थित एकांक परिक्षण आवेश पर लगने वाले विद्युत बल के मान को ही विद्युत क्षेत्र की तीव्रता कहते है।

विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E = F/q0

विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक = न्यूटन/कुलाम होगा।

इसकी विमा [M1L1T-3A-1] होती है।

विद्युत क्षेत्र की तीव्रता एक सदिश राशि है जिसकी दिशा विद्युत क्षेत्र में स्थित परिक्षण आवेश की गति के अनुदिश होती है।

धनात्मक आवेश के कारण विद्युत क्षेत्र की दिशा धनात्मक आवेश से दूर की ओर होती है तथा ऋणात्मक आवेश के कारण विद्युत क्षेत्र की दिशा ऋणात्मक आवेश की ओर होती है।

एक समान विद्युत क्षेत्र में स्थित किसी धनात्मक आवेश पर लगने वाला विद्युत बल (F = qE) होता है। जिस्केकारण धनात्मक आवेश विद्युत क्षेत्र की दिशा के अनुदिश गति करता है परन्तु एक समान विद्युत क्षेत्र में स्थित किसी ऋणात्मक आवेश पर लगने वाला बल भी (F = -qE ) होता है परन्तु इस बल के कारण ऋणात्मक आवेश विद्युत क्षेत्र की दिशा के विपरीत गति करता है।

अर्थात

धनात्मक आवेश पर विद्युत बल F = +qE

ऋणात्मक आवेश पर विद्युत बल F = -qE