WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

आवेशित चालक सतह पर विद्युत बल , विद्युत क्षेत्र के एकांक आयतन की ऊर्जा (energy per unit volume in electric field)

(electric force on charged conductor surface) आवेशित चालक सतह पर विद्युत बल :जब किसी चालक को आवेश दिया जाता है तो वह आवेश उस चालक के सम्पूर्ण पृष्ठ पर फ़ैल जाता है।

आवेशित चालक सतह पर समान प्रकृति का आवेश होने के कारण विद्युत बल सदैव बाहर की ओर लगता है। चालक सतह पर विद्युत बल की गणना के लिए एक पृष्ठीय अल्पांश AB की कल्पना करते है।

माना पृष्ठीय अल्पांश AB के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रताE1व शेष भाग ACB के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E2है इसलिए चालक के केन्द्र में स्थित बिंदु P1पर परिणामी विद्युत क्षेत्र की तीव्रता –

E1– E2= Ep1

चूँकि Ep1= 0

E1– E2= 0

चालक के अन्दर स्थित बिन्दु P1पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता सदैव शून्य होगी |

E1= E2 (समीकरण-1)

चालक के बाहर स्थित बिंदु P2पर परिणामी विद्युत क्षेत्र की तीव्रता –

E1+ E2= Ep2

E1+ E2= σ/E0[समीकरण-2]

चालक के बाहर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता सदैव σ/E0होती है।

समीकरण-1 का मान समीकरण-2 में रखने पर –

E2+ E2= σ/E0

2E2= σ/E0

E2= σ/2E0

यदि सतह का पृष्ठीय आवेश घनत्वσ हो तो अल्पांश AB पर उपस्थित आवेश [dq = σ.dS]

अल्पांश AB पर उपस्थित आवेश dq पर शेष भाग ACB के कारण उत्पन्न विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E2के कारण लगने वाला विद्युत बल

dF = dq.E2 समीकरण-5

समीकरण-3 और समीकरण-4 का मान समीकरण-5 में रखने पर –

dF = σ2dS/2E0

अत: सम्पूर्ण आवेशित चालक सतह पर बल –

∫dF = ∫ σ2dS/2E0

∫dF = σ2/2E0∫ dS [समीकरण-6]

आवेशित चालक सतह पर लगने वाला दाब –

P = F/∫ dS [दाब की परिभाषा P = F/A]

समीकरण 6 से F का मान रखकर हल करने पर –

P = σ2/2E0

इसे ही चालक सतह पर विद्युत दाब कहते है।

विद्युत क्षेत्र के एकांक आयतन की ऊर्जा (energy per unit volume in electric field)

जब किसी आवेशित गोले को जिसकी त्रिज्या r तथा पृष्ठीय आवेश घनत्वσ में , को आवेश दिया जाता है तो विद्युत बल के विरुद्ध कार्य किया जाता है अथवा जब किसी आवेशित गोले को संपीडित किया जाता है तो विद्युत बल के विरुद्ध कार्य किया जाता है अर्थात विद्युत क्षेत्र के एकांक आयतन की ऊर्जा की वृद्धि के लिए चालक गोले को या तो आवेशित किया जाता है या फिर उसके आकार को संपीड़ित किया जाता है।

विद्युत क्षेत्र के एकांक आयतन की ऊर्जा से वृद्धि करने के लिए चालक गोले को ‘dr’ दूरी तक संपीडित करने में विद्युत बल के विरुद्ध किया गया कार्य –

dW = Fext..dr [कार्य की परिभाषा से]

dW = Fext..dr cosθ

θ = 0 डिग्री

cos0 = 1

dW = Fext..dr [समीकरण-1]

आवेश चालक स्तर पर बल –

Fe= σ2/2E0∫dS

Fe= σ2/2E0(4πr2) [समीकरण-2]

चूँकि यहाँ Fe = Fext

इसलिए

Fext= σ2/2E0(4πr2) [समीकरण-3]

समीकरण-3 का मान समीकरण-1 में रखने पर –

dW = σ2/2E0(4πr2) dr

चूँकि आयतन = क्षेत्रफल x दूरी

dW = σ2/2E0dV

अत: आवेशित गोले को संपीडित करने में किया गया कुल कार्य –

W = ∫ σ2/2E0dV

W = σ2/2E0∫ dV

आवेशित गोले को संपीड़ित करने में किया गया कुल कार्य उसकी ऊर्जा के रूप में संचित होगा।

V = W = σ2/2E0∫ dV

अत: विद्युत क्षेत्र के एकांक आयतन की ऊर्जा –

Ud= V/∫dV

मान रख कर हल करने पर –

Ud= σ2/2E0

आवेशित साबुन के बुलबुले का दाब आधिक्य

माना साबुन के बुलबुले की त्रिज्या r तथा पृष्ठ तनाव T है। साबुन के बुलबुले पर वायुमंडलीय दाब (Patm) अन्दर की ओर आंतरिक वायु के कारण आंतरिक दाब (Pin) बाहर की ओर तथा पृष्ठ तनाव (T) के कारण दाब (Pt) अन्दर की ओर कार्य करता है।

साबुन के बुलबुले पर आन्तरिक दाब का मान वायुमंडलीय दाब से अधिक होता है तो आंतरिक दाब व वायुमण्डल के दाब के अंतर को ही साबुन के बुलबुले का दाब आधिक्य (Pex) कहते है (बाहर की ओर)

जब साबुन के बुलबुले को आवेशित किया जाता है तो इसका विद्युत दाब (Pe) बाहर की ओर कार्य करता है।

साबुन के बुलबुले पर पृष्ठ तनाव (T) के कारण दाब –

PT= 4T/r समीकरण-1 (अन्दर की ओर)

आवेशित साबुन के बुलबुले पर विद्युत दाब (Pe) –

Pe= σ2/2E0समीकरण-2 (बाहर की ओर)

साबुन के बुलबुले पर दाब आधिक्य (Pex) :-

Pex= Pin– Patmसमीकरण-2 (बाहर की ओर)

संतुलित अवस्था में –

Pex+ Pe= PT

दाब आधिक्य

Pex= PT– Pe

Pex= 4T/r – σ2/2E0

जब दाब आधिक्य शून्य हो तो साबुन का बुलबुला फट जाता है तो इस अवस्था में –

0 = 4T/r – σ2/2E0

4T/r = σ2/2E0

साबुन के बुलबुले का पृष्ठ तनाव [T = r.σ2/8E0]

साबुन के बुलबुले की त्रिज्या [r = 8TE02]

साबुन के बुलबुले का पृष्ठीय आवेश घनत्व [σ = √8TE0/r ]