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रासायनिक बलगतिकी की परिभाषा कक्षा 12 नोट्स (chemical kinetics in hindi)

(chemical kinetics in hindi) रासायनिक बलगतिकी की परिभाषा कक्षा 12 नोट्स : रसायन विज्ञान की वह शाखा जिसमें रासायनिक अभिक्रिया का वेग , अभिक्रिया के वेग को प्रभावित करने वाले कारक और रासायनिक अभिक्रिया की क्रियाविधि का अध्ययन किया जाता है उसे रासायनिक बल गतिकी कहते है।

अभिक्रिया वेग के आधार पर रासायनिक अभिक्रियायें

वेग के आधार पर अभिक्रियाओं को तीन भागों में बांटा जा सकता है –
1. तीव्र अभिक्रियाएँ : वे रासायनिक अभिक्रिया जो तेजी से चलती है और कुछ ही समय में पूर्ण हो जाती है अर्थात ये अभिक्रियाएँ पूर्ण होने में बहुत कम समय लेती है। इस प्रकार की अभिक्रियाएँ10-12सेकंड से भी कम समय पूर्ण होने में लेती है इन्हें तीव्र अभिक्रियाएं कहते है। ऐसी अभिक्रियायों का वेग मापना प्रायोगिक रूप से संभव नहीं होता है।
उदाहरण : आयनिक अभिक्रिया , कार्बनिक प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ आदि तीव्र वेग अभिक्रियाओं के उदाहरण है।
2. मंद अभिक्रियाएँ : वे रासायनिक अभिक्रियाएँ जो पूर्ण होने में बहुत अधिक समय लेती है उन्हें मन्द अभिक्रिया कहते है , अर्थात मंद अभिक्रियाएँ पूर्ण होने मे कुछ मिनट से लेकर कई वर्ष तक ले सकती है और इसलिए इन्हें मंद या धीमी अभिक्रिया कहा जाता है।
उदाहरण : लोहे पर जंग लगने की क्रिया आदि।
3. मध्यम अभिक्रियाएँ : वे अभिक्रियाएं जिनका वेग तीव्र अभिक्रियाओं और मंद अभिक्रियाओं के मध्य में होता है उन्हें मध्यम अभिक्रिया है अर्थात ऐसी अभिक्रियाओं को पूर्ण होने में तीव्र अभिक्रियाओं से अधिक समय लगता है लेकिन मंद अभिक्रियाओं से कम समय लगता है।
किसी भी अभिक्रिया की होने की सम्भावना को ऊष्मागतिकी के द्वारा निर्धारित किया जा सकता है लेकिन , उस रासायनिक अभिक्रिया की क्रियाविधि , उस रासायनिक अभिक्रिया के वेग और इस अभिक्रिया के वेग को प्रभावित करने वाले कारको को जानने के लिए रासायनिक बलगतिकी द्वारा बताया जा सकता है।
जैसे : ऊष्मागतिकी के द्वारा यह बताया जा सकता है कि हीरे को ग्रेफाईट में बदला जा सकता है , क्यूँकी हीरे का ग्रेफाईट में परिवर्तन एक प्रकार की ऊष्माक्षेपी प्रक्रिया है।
लेकिन जब इसको सामान्यत: देखते है तो इसकी स्थिति में परिवर्तन न के बराबर होता है अर्थात यह अभिक्रिया बहुत ही मंद गति से होती है।
रासायनिक बलगतिकी में हम अभिक्रिया के वेग आदि के बारे में तो अध्ययन करते ही है साथ में हम अभिक्रिया के वेग को प्रभावित करने वाले कारक , इसके औसत वेग , तात्क्षणिक वेग आदि का भी अध्ययन किया जाता है।

अभिक्रिया का वेग

इकाई समय में अभिकारक या उत्पाद की सांद्रता में होने वाले परिवर्तन को अभिक्रिया का वेग कहा जाता है , इसको निम्न प्रकारmol L-1s-1or Ms-1or atm time-1unitsप्रदर्शित किया जाता है। (इकाई या मात्रक)
अभिक्रिया का वेग का सूत्र = उत्पाद या क्रियाकारक की सांद्रता में परिवर्तन / परिवर्तन में लगा समय
अभिक्रिया के वेग को सामान्यत: औसत वेग द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।