मानक इलेक्ट्रोड विभव क्या है , परिभाषा , मानक इलेक्ट्रोड विभव किसे कहते हैं (standard electrode potential in hindi)

(standard electrode potential in hindi) मानक इलेक्ट्रोड विभव क्या है , परिभाषा , मानक इलेक्ट्रोड विभव किसे कहते हैं : इसके बारे में पढने से पहले यह पढ़ लेते है कि इलेक्ट्रोड विभव क्या होता है ताकि आप इस टॉपिक को अच्छी तरह से समझ सके।
इलेक्ट्रोड विभव : जब धातु की छड को धातु आयन के विलयन में रखा जता है तो धातु छड इलेक्ट्रॉन त्यागकर या ग्रहण करके , विलयन की तुलना में छड पर धन आवेश या ऋण आवेश आ जाता है , जिसके कारण धातु की छड और विलयन के मध्य एक विभवान्तर उत्पन्न हो जाता है , धातु और धातु आयन के विलयन के मध्य उत्पन्न इस विभंवातर को इलेक्ट्रोड विभव कहते है।

मानक इलेक्ट्रोड विभव (standard electrode potential)

किसी भी अर्द्ध सेल में अर्थात एक इलेक्ट्रोड में 298 केल्विन ताप और एक मोल प्रति लीटर सांद्रता के धातु आयन विलयन में इलेक्ट्रोड के विभव का मान मानक इलेक्ट्रोड विभव कहलाता है।
किसी अर्द्ध सेल के मानक इलेक्ट्रोड विभव के मान को E0 से व्यक्त किया जाता है।
जब किसी अर्द्ध सेल की अपचयन अभिक्रिया को व्यक्त किया जाता है तो इसे मानक अपचयन विभव कहते है और जब अर्द्ध सेल की ऑक्सीकरण अभिक्रिया को व्यक्त किया जाता है तो इसको मानक ऑक्सीकरण विभव कहते है।
मानक अपचयन विभव को E0red द्वारा व्यक्त किया जाता है जबकि मानक ऑक्सीकरण विभव को E0ox द्वारा व्यक्त किया जाता है।

ऑक्सीकरण और अपचयन विभव

ऑक्सीकरण विभव : जब कोई इलेक्ट्रोड , विलयन में इलेक्ट्रॉन त्यागता है तो इलेक्ट्रोड का ऑक्सीकरण होता है , किसी इलेक्ट्रोड की विलयन में इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृति का माप उस इलेक्ट्रोड का ऑक्सीकरण विभव कहा जाता है।
जो इलेक्ट्रोड , विलयन में जितने ज्यादा इलेक्ट्रॉन त्याग करता है वहां ऑक्सीकरण उतना ही अधिक होता है अर्थात जिस इलेक्ट्रोड की इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति जितनी अधिक होती है उस इलेक्ट्रोड का ऑक्सीकरण विभव का मान भी उतना अधिक होता है।
अपचयन विभव : जब कोई इलेक्ट्रोड , विलयन से इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति रखता है तथा अपनी इस इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति के कारण वह विलयन से इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है।  किसी इलेक्ट्रोड की विलयन से इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति का मापन उस इलेक्ट्रोड का अपचयन विभव कहलाता है।