रेडियो तरंगों का संचरण  या विद्युत चुम्बकीय तरंगों का संचरण या संचार (propagation of radio waves or electromagnetic waves in hindi)

(propagation of radio waves or electromagnetic waves in hindi) रेडियो तरंगों का संचरण  या विद्युत चुम्बकीय तरंगों का संचरण या संचार : यहाँ हम पढेंगे की रेडियों तरंगों द्वारा संचार किस प्रकार होता है और इन तरंगों द्वारा संचार के लिए क्या क्या आवश्यक होता है , इन सभी का विस्तार से अध्ययन करते है , याद रखे की रेडियों तरंग और विद्युत चुम्बकीय तरंग एक ही बात है।

संचार : सूचना का आदान प्रदान संचार कहलाता है अर्थात जब दो अलग अलग जगहों पर दो या दो से अधिक व्यक्तियों के मध्य सूचनाओं का आदान प्रदान हो रहा है तो इसका तात्पर्य है कि उनके मध्य संचार हो रहा है।
अत: सूचना प्रेषण को ही संचार कहते है।
रेडियो तरंगों या विद्युत चुम्बकीय तरंगों द्वारा संचार या संचरण किस प्रकार होता है ?
इसमें जहाँ से सूचना को भेजा जा रहा है उस सिरे पर एक एंटीना लगा रहा है जिसे प्रेषि एंटीना कहते है , यहाँ यह एंटीना सूचना को विद्युत चुम्बकीय तरंगों अर्थात रेडियो तरंगों के रूप में उत्सर्जित करता है , ये उत्सर्जित तरंगें अन्तरिक्ष में चलकर वहां तक पहुचती है जहाँ सूचना को भेजना था , इस सिरे पर भी एक एंटीना लगा रहता है जिसे ग्राही एंटीना कहते है , यह अन्तरिक्ष से इन तरंगों को ग्रहण करता है और पुन: वास्तविक सूचना में बदलकर हम तक पहुंचा देता है और हमें भेजी हुई सूचना मिल जाती है।
हमने इस प्रकार के संचार व्यवस्था में तीन मुख्य भाग देखे जो निम्न है –
1. प्रेषि एन्टीना
2. संचार चैनल
3. ग्राही एन्टिना
अब हम इन तीनों भागों को थोडा विस्तार से अध्ययन करते है ताकि यह संचार व्यवस्था और अधिक समझने में आ सके।

1. प्रेषि एन्टीना

जहाँ से सूचना को भेजा जाता है उस सिरे पर जो एंटीना लगा रहा है उसे प्रेषी एन्टीना कहा जाता है , इस छोर पर पहले वास्तविक सिग्नल या सूचना को रेडियो तरंगों के रूप में बदला जाता है जिसके लिए ट्रांस्ड्यूसर्स आदि का उपयोग किया जाता है , फिर सिग्नल को रेडियो या विद्युत चुम्बकीय तरंगों में बदलने के बाद इन्हें प्रेषी एंटीना की सहायता से उत्सर्जित कर दिया जाता है , प्रेषी एंटीना में मोडूलेटर , प्रवर्धक आदि भी उपयोगी भाग होते है।

2. संचार चैनल

प्रेषी एंटीना से उत्सर्जित होने के बाद और ग्राही एंटीना द्वारा इसे प्राप्त करने से पहले सूचना या सिग्नल एक जगह से दूसरी जगह तक चलता है या गति करता है अर्थात प्रेषी से चलकर ग्राही तक पहुँचता है इसके लिए यह सिग्नल जिस चैनल से होकर चलता है या जिस माध्यम से होकर गति करता है उसे संचार चैनल कहते है।

3. ग्राही एन्टिना

प्रेषी एंटीना द्वारा सूचना को उत्सर्जित करने के बाद यह संचार चैनल से होता हुआ दुसरे छोर पर पहुँचता है अर्थात यह वहां पहुँचता है जहाँ इसे भेजना था , इस छोर पर भी एक एंटीना लगा रहता है जिसे ग्राही एंटीना कहते है , यह एंटीना प्रेक्षक द्वारा भेजें गए रेडियो या विद्युत चुम्बकीय तरंगों वाले सिग्नल को प्राप्त करता है और इन तरंगों के द्वारा यह ग्राही एंटीना सूचना या वास्तविक सिग्नल में बदलता है इसके लिए ग्राही एंटीना में ट्रांस्ड्यूसर्स आदि लगे रहते है जिससे हमें वास्तविक सिग्नल या सूचना प्राप्त हो जाती है।