कैथोड किरण : कैथोड किरणों की खोज किसने की , गुण क्या है , केथोड किरणें नलिका (cathode rays in hindi)

(cathode rays in hindi) कैथोड किरण : कैथोड किरणों की खोज किसने की , गुण क्या है , केथोड किरणें नलिका : जब किसी विसर्जन नलिका में निम्न दाब पर गैस उपस्थित हो और इस नली के सिरों पर बहुत अधिक मान का विभवान्तर आरोपित किया जाए तो कैथोड से एनोड की तरफ इलेक्ट्रोन की धारा या बौछार निकलती है , विसर्जन नलिका में कैथोड से एनोड की तरफ चलने वाले अधिक चाल के ऋणात्मक कणों को कैथोड किरण कहते है।

इसके अलावा जब किसी इलेक्ट्रान नलिका में किसी फिलामेंट को गर्म किया जाता है तो इस फिलामेंट से भी इलेक्ट्रान की धारा निकलती है अर्थात इससे भी इलेक्ट्रान उत्सर्जित होते है इन ऋणात्मक कणों को भी कैथोड किरणें कहा जता है।

परिभाषा : कैथोड किरणें इलेक्ट्रोनों की एक धारा होती है जो विसर्जन नलिका में कैथोड एलेक्ट्रोड़ से एनोड एलेक्ट्रोड़ की ओर गति करती है। अत: कैथोड किरणें अत्यधिक गतिशील ऋणात्मक कणों का समूह होता है और ये ऋणात्मक कण इलेक्ट्रान होते है। ये कण विसर्जन नलिका के कैथोड इलेक्ट्रोड से उत्सर्जित होते है और अत्यधिक वेग से एनोड इलेक्ट्रोड की तरफ गति करते है।

कैथोड किरणों की खोज किसने की (who invented cathode rays in hindi)

कैथोड किरण की खोज सन 1870 में ब्रिटिश भौतिक वैज्ञानिक सर विलियम क्रुक द्वारा की गयी थी।
कैथोड किरणों के कुछ विशेष गुण होते है जिनके द्वारा उन किरणों को आसानी से पहचाना जाता है और उन्हें इन गुणों के आधार पर विभिन्न प्रकार के दैनिक चीजों में प्रयोग में लाया जाता है अर्थात नए नए उपकरण बनाये जाते है जिनसे दैनिक जीवन और अधिक सुविधाजनक बने।
आइयें हम कैथोड़ किरणों के गुणों का अध्ययन करते है।

कैथोड किरणों के गुण (properties of cathode rays)

यहाँ हम कैथोड किरण के विभिन्न गुणों का अध्ययन करते है।
  • केथोड किरणें सीधी रेखाओं में गति करती है।
  • ये किरण चुम्बकीय क्षेत्र तथा विद्युत क्षेत्र द्वारा विक्षेपित हो जाती है।
  • ये किरणें विसर्जन नलिका में भरी हुई गैस की प्रकृति तथा इलेक्ट्रोड की प्रकृति पर निर्भर नहीं करती है।
  • कैथोड किरणें कम मोटाई वाली चादर को आसानी से भेद सकती है अत: इनकी भेदन क्षमता भी अधिक होती है।
  • जब कैथोड किरणों को अधिक परमाणु भार और अधिक गलनांक वाले लक्ष्य पर डाला जाता है तो ऐसे लक्ष्य से टकराकर ये किरणें X किरणें उत्पन्न करती है।
  • चूँकि इन कैथोड किरणों की गति बहुत अधिक होती है अत: इनकी गति के कारण इनमे गतिज ऊर्जा का मान भी बहुत अधिक होता है जो अधिक यांत्रिक दाब के लिए उपयुक्त है।
  • कैथोड किरणों द्वारा व्यतिकरण तथा विक्षेपण की घटना प्रदर्शित की जाती है इसलिए हम कह सकते है कि कैथोड किरणें तरंगों की तरह व्यवहार करती है।
  • यदि किसी पदार्थ पर कैथोड किरणों को डाला जाए तो वह पदार्थ गर्म हो जाता है।
  • इन किरणों का वेग और संवेग अधिक होता है और यह सीधी रेखा में गति करती है , इसलिए यह अपने मार्ग में अपारदर्शी चीजों की छाया बना देती है जिसका उपयोग चिकित्सा में किया जा सकता है।