विरुपक बल क्या है (deforming force in hindi) , परिभाषा , उदाहरण

(deforming force in hindi) विरुपक बल क्या है : जब किसी वस्तु या पिण्ड पर बाह्य बल लगाया जाता है तो उसकी अवस्था या विन्यास में परिवर्तन हो जाता है , यह तभी संभव है जब बाह्य बल लगने पर वस्तु गति न करे लेकिन यह बाह्य बल लगने से वस्तु के अणुओं के विन्यास अपनी जगह परिवर्तित कर ले। इस प्रकार के बलों को विरुपक बल कहते है।

विरुपक बल की परिभाषा : किसी पिण्ड या वस्तु पर लगाया गया वह बाह्य बल जो उस वस्तु के आकार , आकृति या इन दोनों में परिवर्तन उत्पन्न कर दे तो इस प्रकार के बल को विरुपक बल कहते है।

उदाहरण : हम एक स्प्रिंग लेते है जिसकी सामान्य अवस्था में लम्बाई l है , अब इस स्प्रिंग के एक सिरे को बाँध देते है तथा दुसरे सिरे पर एक पिण्ड बाँध देते है।  अब इस पिण्ड को धकेलते है तो स्प्रिंग पर बल कार्य करता है जिसके कारण इसकी लम्बाई में परिवर्तन हो जाता है अर्थात या सामान्य अवस्था से कुछ बढ़ जाती है , माना अब इसकी लम्बाई L हो गयी।

अत: हम बाह्य बल द्वारा स्प्रिंग की लम्बाई में परिवर्तन कर रहे है , इसलिए इस बल को विरुपक बल कहते है क्यूंकि इस बल के कारण स्प्रिंग के आकार (लम्बाई) में परिवर्तन उत्पन्न हो रहा है।

अत: “जो बल वस्तु की रूप अर्थात आकार में या आकृति में परिवर्तन कर दे तो इस प्रकार के बल को विरुपक बल कहते है। “