भारत के वन्य जीव राष्ट्रीय उद्यान list in hin hindi IAS UPSC
भारत के वन्य जीव
- भारत में जलवायु की दृष्टि से काफी विविधता पाई जाती है, फलस्वरूप भारत के विभिन्न जलवायु प्रदेशों में विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक वनस्पति का विकास हुआ है। सामान्यतः ऐसा कहा जा सकता है कि भारत की प्राकृतिक वनस्पति वर्षा का अनुसरण करती है।
- हिमालय की प्राकृतिक वनस्पति पर ऊँचाई के कारण तापमान में होने वाली कमी का काफी अधिक प्रभाव पड़ा है।
- इस प्रकार भारत की वनस्पति के विकास पर जलवायु एवं उच्चावच दोनों का ही प्रभाव पड़ा है।
सामान्यतः भारत में पाई जाने वाली प्राकृतिक वनस्पति को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता है :-
(1) उष्ण कटिबन्धीय सदाहरित वनस्पति :-
- यह वनस्पति ऐसे क्षेत्रों में पाई जाती है, जहाँ वार्षिक वर्षा 200 से.मी. से अधिक होती है।
वितरण :-
(1) उत्तर–पूर्वी भारत
(2) पश्चिमी घाट पर्वत का पश्चिमी ढाल
(3) अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह
विशेषताएँ :-
- अधिक वर्षा के कारण वृक्ष काफी सघन एवं सदा हरित रहते हैं।
- विभिन्न प्रकार की लताओं, गुल्मों, झाड़ियों आदि की अधिकता के कारण ऐसे वन प्रायः दुर्गम होते हैं। इस प्रकार के वनों में वनस्पतियों एवं जन्तुओं की विविधता काफी अधिक होती है।
- लकड़ियाँ कड़ी होने के कारण ये वन आर्थिक दृष्टि से ज्यादा महत्त्व नहीं रखते हैं।
- रबड़, महोगनी, आबनूस (Ebony), एबोनी लौह-काष्ठ (Iron wood) ताड़, बाँस, बेंत, सिनकोना आदि के वृक्ष यहाँ पाए जाते हैं।
- भारत में इस प्राकृतिक वनस्पति का समुचित विदोहन नहीं हुआ है। इसके कई कारण हैं, जैसे – अत्यधिक सघन होना, मिश्रित वृक्षों का पाया जाना, परिवहन सुविधा का अभाव आदि।
(2) उष्ण कटिबंधीय आर्द्र मानसूनी वनस्पति :-
- इस वनस्पति का विकास उन क्षेत्रों में हुआ है, जहाँ वर्षा की मात्रा 100 से 200 से.मी. के बीच होती है। इसे पतझड़ वन भी कहा जाता है।
वितरण :-
(1) पश्चिमी घाट पर्वत का पूर्वी ढाल
(2) हिमालय की तराई का क्षेत्र
(3) बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु।
- शुष्क गर्मी की ऋतु में आर्द्रता की कमी के कारण वृक्ष अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं, ताकि उनकी नमी नष्ट न हो सके।
- इन वनों में सागवान, साल, चंदन, शहतूत, महुआ, आँवला, जामुन कुसुम, शीशम, सबई घास आदि पाए जाते हैं।
(3) उष्ण कटिबंधीय शुष्क मानसूनी वनस्पति :-
- यह वनस्पति उन क्षेत्रों में पाई जाती है। जहाँ वार्षिक वर्षा 70 से 100 से.मी. के बीच होती है।
वितरण
- यह वनस्पति मुख्यतः पूर्वी राजस्थान, उत्तरी गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम उत्तर-प्रदेश, दक्षिणी पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी घाट पर्वत के वृष्टि छाया प्रदेश में पाई जाती है।
- इन वनों में महुआ, बबूल, पलाश, तेंदू, खैर, कीकर, बेर, बरगद, पीपल आदि वृक्ष पाए जाते हैं।
- भारत में तेंदू के सर्वाधिक वृक्ष मध्य प्रदेश में पाए जाते हैं।
(4) मरुस्थलीय व अर्द्ध–मरुस्थलीय वनस्पति :-
- इस प्रकार की वनस्पति 50 से.मी. से कम वर्षा वाले भागों मुख्यतः पूर्वी राजस्थान, उत्तरी गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम उत्तर-प्रदेश, दक्षिणी पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी घाट पर्वत के वृष्टि छाया में पाई जाती है।
- वृक्षों की जड़ें लंबी, पत्तियाँ मोटी एवं कँटीली होती हैं।
वितरण :-
(1) पश्चिमी राजस्थान, उत्तरी गुजरात
(2) पश्चिमी घाट पर्वत का वृष्टिछाया प्रदेश
- खेजड़ी, खजूर, नागफनी, बबूल इनके मुख्य वृक्ष हैं।
(5) ज्वारीय वनस्पति :-
- इस प्रकार की वनस्पति समुद्री तट एवं निम्न डेल्टाई भागों में पाई जाती है, जहाँ ज्वार के कारण नमकीन जल का फैलाव होता है।
- भारत में इसका सर्वाधिक विस्तार प. बंगाल में है।
- यहाँ की मिट्टी दलदली होती है, वृक्षों की जड़ें जटा की तरह होती हैं एवं तना को ऊपर उठाकर रखती हैं।
वितरण :-
(1) गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा एवं महानदी, कृष्णा, गोदावरी, कावेरी आदि नदियों के डेल्टाई भाग में।
(2) पूर्वी एवं पश्चिमी तट
- नारियल, ताड़, बेंत, बाँस, सुंदरी, सोनेरीटा, फोनिक्स आदि वृक्ष यहाँ पाए जाते हैं।
- सुन्दरी वृक्षों की अधिकता के कारण ही गंगा ब्रह्मपुत्र डेल्टा के मैंग्रोव वन को सुन्दरवन कहा जाता है।
- तमिलनाडु के तट पर ताड़ एवं केरल के तट पर नारियल के वृक्षों की प्रधानता है।
भारत वन रिपोर्ट – 2023
- 21 दिसंबर, 2024 को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट-2023’ (India State of Forest Report-ISFR 2023) जारी की है।
- वर्ष 1987 से भारतीय वन स्थिति रिपोर्ट को द्विवार्षिक रूप से पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के अधीन भारतीय वन सर्वेक्षण (Forest Survey of India-FSI) द्वारा प्रकाशित किया जाता है। यह इस श्रेणी की 18वीं रिपोर्ट है।
- भारतीय वन सर्वेक्षण सुदूर संवेदन उपग्रह आँकड़ों और फील्ड आधारित राष्ट्रीय वन इन्वेंट्री के निर्वचन के आधार पर देश के वन और वृक्ष संसाधनों का गहन आकलन करता है और इसके परिणाम भारत वन स्थिति रिपोर्ट में प्रकाशित किए जाते हैं।
ISFR, 2023 मुख्य बिंदु:-
- देश का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग कि.मी. है जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17 प्रतिशत है, जिसमें वन आवरण का क्षेत्रफल लगभग 7,15,343 वर्ग कि.मी. (21.76 प्रतिशत) और वृक्ष आवरण 1,12,014 वर्ग कि.मी. (3.41 प्रतिशत) है।
- देश वर्ष 2021 की तुलना में, देश के वन और वृक्ष आवरण में 1445 वर्ग कि.मी. की वृद्धि हुई है, जिसमें वनावरण में 156 वर्ग कि.मी. और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग कि.मी. की वृद्धि शामिल है।
- वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दर्शाने वाले शीर्ष चार राज्य हैं-
- छत्तीसगढ़ (684) वर्ग कि.मी.)
- उत्तर प्रदेश (559 वर्ग कि.मी.)
- ओडिशा (559 वर्ग कि.मी.)
- राजस्थान (394 वर्ग कि.मी.) हैं।
- वनावरण में अधिकतम वृद्धि दर्शाने वाले शीर्ष तीन राज्य हैं-
- मिजोरम (242 वर्ग कि.मी.)
- गुजरात (180 वर्ग कि.मी.)
- ओडिशा (152 वर्ग कि.मी.)
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे अधिक वन एवं वृक्ष आवरण वाले शीर्ष तीन राज्य हैं-
- मध्य प्रदेश (85,724 वर्ग कि.मी.)
- अरुणाचल प्रदेश (67,083 वर्ग कि.मी.)
- महाराष्ट्र (65,383 वर्ग कि.मी.)
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सर्वाधिक वनावरण वाले शीर्ष तीन राज्य हैं-
- मध्य प्रदेश (77,073 वर्ग कि.मी.),
- अरुणाचल प्रदेश (65,882 वर्ग कि.मी.)
- छत्तीसगढ़ (55,812 वर्ग कि.मी.)
- कुल भौगोलिक क्षेत्रफल की तुलना में वन आवरण के प्रतिशत की दृष्टि से राज्य/केंद्र शासित क्षेत्र
- लक्षद्वीप (91.33 प्रतिशत)
- मिजोरम (85.34 प्रतिशत)
- अंडमान एवं निकोबार द्वीप (81.62 प्रतिशत)
- 75 प्रतिशत से अधिक वनावरण वाले राज्य/केंद्र शासित क्षेत्र
- मिजोरम
- लक्षद्वीप
- अंडमान निकोबार द्वीप समूह
- अरुणाचल प्रदेश
- नागालैंड
- मेघालय
- त्रिपुरा
- मणिपुर
नोट :- वर्तमान आकलन से यह भी ज्ञात होता है कि 19 राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों में 33 प्रतिशत से अधिक भौगोलिक क्षेत्र वनावरण के अंतर्गत है।
- देश में बाँस धारित क्षेत्र का विस्तार 1,54,670 वर्ग किलोमीटर अनुमानित किया गया है। वर्ष 2021 में किए गए पिछले आकलन की तुलना में बाँस क्षेत्र में 5,227 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।
नोट :- कुल कच्छ वनस्पति आवरण 4,992 वर्ग कि.मी. है।
- 81.5 मिलियन टन कार्बन स्टॉक बढ़ा:-
- देश के जंगलों में कुल कार्बन स्टॉक 7,285.5 मिलियन टन होने का अनुमान है। 2021 की तुलना में इसे 81.5 मिलियन टन की वृद्धि हुई है।
- एनडीसी के लक्ष्यों की प्राप्ति के संबंध में, वर्तमान आकलन से ज्ञात होता है कि भारत का कार्बन स्टॉक 30.43 बिलियन टन CO₂ के समतुल्य तक पहुँच गया है, जो दर्शाता है कि 2005 के आधार वर्ष की तुलना में, भारत पहले ही 2.29 बिलियन टन अतिरिक्त कार्बन सिंक तक पहुँच चुका है, जबकि 2030 तक 2.5 से 3.0 बिलियन टन का लक्ष्य रखा गया है।
राष्ट्रीय उद्यान
- सरकार द्वारा संरक्षित एक ऐसा क्षेत्र जहाँ विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों एवं वनस्पतियों का संरक्षण किया जाता है, राष्ट्रीय उद्यान कहलाता है।
- इन राष्ट्रीय उद्यानों की स्थापना का उद्देश्य विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवो एवं वनस्पतियो का संरक्षण करना है जो मनुष्य की बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा के कारण धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं इन्हीं वन्यजीवों एवं वनस्पतियों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय उद्यानों की स्थापना की जाती है। भारत में कुल राष्ट्रीय उद्यानों की संख्या 106 हैं। जो निम्नलिखित है-
- भारत का प्रथम राष्ट्रीय उद्यान – जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (उत्तराखंड)
- भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान – हेमिस राष्ट्रीय उद्यान (जम्मू कश्मीर)
| भारत के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान | |||
| राज्य का नाम | राष्ट्रीय उद्यान का नाम | अधि-सूचना का वर्ष | क्षेत्रफल (वर्ग किमी) |
| 1. आंध्र प्रदेश | पापिकोंडा | 2008 | 1012.8588 |
| 2. आंध्र प्रदेश | राजीव गाँधी (रामेश्वरम) | 2005 | 2.3952 |
| 3. आंध्र प्रदेश | श्री वेंकटेश्वर | 1989 | 353.62 |
| 4. अरुणाचल प्रदेश | मौलिंग | 1986 | 483 |
| 5. अरुणाचल प्रदेश | नामदफा | 1983 | 1807.82 |
| 6. असम | डिब्रू-साइखोवा | 1999 | 340 |
| 7. असम | काजीरंगा (यूनेस्को) | 1974 | 858.98 |
| 8. असम | मानस (यूनेस्को) | 1990 | 500 |
| 9. असम | देहिंग पटकाई | 2021 | 111.19 |
| 10. असम | नामेरी | 1998 | 200 |
| 11. असम | रायमोना | 2021 | 422 |
| 12. असम | राजीव गाँधी (ओरंग) | 1999 | 78.81 |
| 13. बिहार | वाल्मीकि | 1989 | 335.65 |
| 14. छत्तीसगढ़ | गुरु घासीदास (संजय) | 1981 | 1440.71 |
| 15. छत्तीसगढ़ | इंद्रावती (कुटरू) | 1982 | 1258.37 |
| 16. छत्तीसगढ़ | कांगेर घाटी | 1982 | 200 |
| 17. गोवा | मोलेम | 1992 | 107 |
| 18. गुजरात | ब्लैकबक (वेलावदार) | 1976 | 34.53 |
| 19. गुजरात | गिर | 1975 | 258.71 |
| 20. गुजरात | समुद्री
(कच्छ की खाड़ी) |
1982 | 162.89 |
| 21. गुजरात | वंसदा | 1979 | 23.99 |
| 22. हरियाणा | कालेसारी | 2003 | 46.82 |
| 23. हरियाणा | सुल्तानपुर | 1989 | 1.43 |
| 24. हिमाचल प्रदेश | ग्रेट हिमालयन (यूनेस्को) | 1984 | 754.4 |
| 25. हिमाचल प्रदेश | इंदरकिला | 2010 | 94 |
| 26. हिमाचल प्रदेश | खिरगंगा | 2010 | 705 |
| 27. हिमाचल प्रदेश | पिन वैली | 1987 | 675 |
| 28. हिमाचल प्रदेश | कर्नल शेरजंग सिंबलबारा | 2010 | 27.88 |
| 29. झारखंड | बेटला | 1986 | 226.33 |
| 30. कर्नाटक | अंशियो | 1987 | 417.34 |
| 31. कर्नाटक | बांदीपुर | 1974 | 872.24 |
| 32. कर्नाटक | बन्नेघट्टा | 1974 | 260.51 |
| 33. कर्नाटक | कुद्रेमुख | 1987 | 600.57 |
| 34. कर्नाटक | नागरहोल
(राजीव गाँधी) |
1988 | 643.39 |
| 35. केरल | अनामुडी शोला | 2003 | 7.5 |
| 36. केरल | एराविकुलम | 1978 | 97 |
| 37. केरल | मथिकेट्टन शोला | 2003 | 12.82 |
| 38. केरल | पंबदुम शोला | 2003 | 1.32 |
| 39. केरल | पेरियारी | 1982 | 350 |
| 40. केरल | साइलेंट वैली | 1984 | 89.52 |
| 41. मध्य प्रदेश | बांधवगढ़ | 1968 | 448.842 |
| 42. मध्य प्रदेश | डायनासोर फॉसिल नेशनल पार्क | 2011 | 0.897 |
| 43. मध्य प्रदेश | जीवाश्म नेशनल पार्क | 1983 | 0.27 |
| 44. मध्य प्रदेश | पेंच | 1975 | 292.857 |
| 45. मध्य प्रदेश | कान्हा | 1955 | 941.793 |
| 46. मध्य प्रदेश | कुनो | 2018 | 748.761 |
| 47. मध्य प्रदेश | माधव | 1959 | 375.23 |
| 48. मध्य प्रदेश | पन्ना | 1981 | 542.66 |
| 49. मध्य प्रदेश | संजय | 1981 | 464.643 |
| 50. मध्य प्रदेश | सतपुड़ा | 1981 | 528.729 |
| 51. मध्य प्रदेश | वन विहार | 1979 | 4.452 |
| 52. महाराष्ट्र | चांदोली | 2004 | 317.67 |
| 53. महाराष्ट्र | गुगामाली | 1975 | 361.28 |
| 54. महाराष्ट्र | नवेगांव | 1975 | 133.88 |
| 55. महाराष्ट्र | पेंच (जवाहरलाल नेहरू) | 1975 | 257.26 |
| 56. महाराष्ट्र | संजय गाँधी (बोरिविली) | 1983 | 86.96 |
| 57. महाराष्ट्र | तदोबा | 1955 | 116.55 |
| 58. मणिपुर | कीबुल-लामजाओ | 1977 | 40 |
| 59. मणिपुर | शिरोई | 1982 | 100 |
| 60. मेघालय | बलफाक्रम | 1986 | 220 |
| 61. मेघालय | नोकरेक रिज | 1997 | 47.48 |
| 62. मिजोरम | मुरले | 1991 | 100 |
| 63. मिजोरम | फांगपुई (नीला पर्वत) | 1992 | 50 |
| 64. नागालैण्ड | इंटांकी | 1993 | 202.02 |
| 65. ओडिशा | भित्तर | 1988 | 145 |
| 66. ओडिशा | सिमलीपाल | 1980 | 845.7 |
| 67. राजस्थान | डेजर्ट नेशनल पार्क | 1992 | 3162 |
| 68. राजस्थान | केवलादेव घाना (यूनेस्को) | 1981 | 28.73 |
| 69. राजस्थान | मुकुंदरा हिल्स | 2006 | 200.54 |
| 70. राजस्थान | रणथंभौर | 1980 | 282 |
| 71. राजस्थान | सरिस्का | 1992 | 273.8 |
| 72. सिक्किम | कंचनजंघा (यूनेस्को) | 1977 | 1784 |
| 73. तमिलनाडु | गिंडी | 1976 | 2.7057 |
| 74. तमिलनाडु | मन्नार की खाड़ी समुद्री नेशनल पार्क | 1980 | 526.02 |
| 75. तमिलनाडु | इंदिरा गाँधी (अन्नामलाई) | 1989 | 117.1 |
| 76. तमिलनाडु | मुदुमलई | 1990 | 103.23 |
| 77. तमिलनाडु | मुकुर्ति | 1990 | 78.46 |
| 78. तेलंगाना | कासु ब्रह्मानंद रेड्डी | 1994 | 1.425 |
| 79. तेलंगाना | महावीर हरिना वनस्थली | 1994 | 14.59 |
| 80. तेलंगाना | मृगवानी | 1994 | 3.6 |
| 81. त्रिपुरा | धूमिल तेंदुए | 2007 | 5.08 |
| 82. त्रिपुरा | बाइसन (राजबारी) | 2007 | 31.63 |
| 83. उत्तर प्रदेश | दुधवा | 1977 | 490 |
| 84. उत्तराखंड | कॉर्बेट | 1936 | 520.82 |
| 85. उत्तराखंड | गंगोत्री | 1989 | 2390.02 |
| 86. उत्तराखंड | गोविंद | 1990 | 472.08 |
| 87. उत्तराखंड | नंदा देवी (यूनेस्को) | 1982 | 624.6 |
| 88. उत्तराखंड | राजाजी | 1983 | 820 |
| 89. उत्तराखंड | फूलों की घाटी (यूनेस्को) | 1982 | 87.5 |
| 90. पश्चिम बंगाल | बुक्सा | 1992 | 117.1 |
| 91. पश्चिम बंगाल | गोरुमारा | 1992 | 79.45 |
| 92. पश्चिम बंगाल | जलदापारा | 2014 | 216.34 |
| 93. पश्चिम बंगाल | नियोरा घाटी | 1986 | 159.8917 |
| 94. पश्चिम बंगाल | सिंगलिला | 1986 | 78.6 |
| 95. पश्चिम बंगाल | सुंदरवन (यूनेस्को) | 1984 | 1330.1 |
| 96. अंडमान व निकोबार | कैम्पबेल बे | 1992 | 426.23 |
| 97. अंडमान व निकोबार | गैलाथिया बे | 1992 | 110 |
| 98. अंडमान व निकोबार | महात्मा गाँधी मरीन (वंदूर) | 1983 | 281.5 |
| 99. अंडमान व निकोबार | माउंट हैरियट | 1987 | 46.62 |
| 100. अंडमान व निकोबार | रानी झाँसी मरीन नेशनल पार्क | 1996 | 320.06 |
| 101. अंडमान व निकोबार | सैडल पीक | 1987 | 32.54 |
| 102. जम्मू और कश्मीर | सिटी फॉरेस्ट (सलीम अली) | 1992 | 9.07 |
| 103. जम्मू और कश्मीर | दाचीग्राम | 1981 | 141 |
| 104. जम्मू और कश्मीर | काजीनाग | 2000 | 90.88 |
| 105. जम्मू और कश्मीर | किश्तवाड़ उच्च ऊँचाई | 1981 | 2191.5 |
| 106. लद्दाख | हेमिस | 1981 | 3350 |
(स्रोत- National Wildlife Database Centre, Wildlife Institute of india)
टाइगर रिजर्व
- बाघों को संरक्षण प्रदान करने हेतु इस परियोजना के तहत बाघ अभयारण्यों की स्थापना की गई। इसे टाइगर रिजर्व कहते है।
- वर्तमान में भारत में 58 बाघ रिजर्व है।
- यह परियोजना सन् 1973 में बाघों के संरक्षण हेतु WWF संस्था के सहयोग से प्रारम्भ की गई।
- इस परियोजना के तहत् भारत में बाघ रिजर्वों की स्थापना की गई।
- इस परियोजना की शुरुआत उत्तराखण्ड राज्य के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से की गई।
- भारत में बाघों की लुप्त होती प्रजाति की सुरक्षा व उसके संवर्द्धन के लिए 1 अप्रैल, 1973 को जिम कॉर्बेट (उत्तराखंड) राष्ट्रीय उद्यान में बाघ परियोजना की शुरुआत की गई।
- इसके लिए विश्व वन जीव कोष से सहायता प्राप्त हो रही है।
- भारत में सर्वाधिक बाघों की संख्या मध्य प्रदेश राज्य में है इसलिए इसे टाइगर राज्य (Tiger State) कहा जाता है।
- भारत में रॉयल बंगाल टाइगर सुन्दरवन राष्ट्रीय उद्यान (पश्चिम बंगाल) में पाए जाते हैं।
- भारत का पहला बाघ संरक्षित क्षेत्र जिम कॉर्बेट (उत्तराखंड) में 1973-74 में स्थापित किया गया था।
- 29 जुलाई – अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- भारत का सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित टाइगर रिजर्व नामदफा टाइगर रिजर्व है (अरुणाचल प्रदेश)
- बाघ का वैज्ञानिक नाम – पेंथरा टाइग्रिस लिन्नायस है।
- बाघ भारत का राष्ट्रीय जंतु है।
- बाघ की विश्व में कुल 9 प्रजातियाँ है जिनमें से 3 प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं।
- भारत में बाघों के संरक्षण हेतु वर्ष 2005 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) का गठन किया। इसके अध्यक्ष केन्द्रीय पर्यावरण व वन मंत्री होते हैं।
- भारतका अंतिम बाघ संरक्षित क्षेत्र भोरमदेव राष्ट्रीय उद्यान (छत्तीसगढ़) है।
- भारत का सबसे बड़ा बाघ संरक्षित क्षेत्र नागार्जुन (श्रीशैलम) आंध्र प्रदेश तथा तेलगांना में स्थित है।
- भारत का सबसे छोटा बाघ आरक्षित क्षेत्र बोर (महाराष्ट्र) में स्थित है।
- भारत सरकार द्वारा वर्ष 2010 को “बाघ वर्ष” के रूप में मनाया गया था।
- भारतमें सफेद बाघों हेतु बाँधवगढ़ व नंदनकानन टाइगर रिजर्व प्रसिद्ध है।
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क :-
- यह भारत का प्रथम राष्ट्रीय पार्क है।
- यह भारत का प्रथम टाइगर रिजर्व है।
- यह राष्ट्रीय पार्क उत्तराखण्ड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित है।
- इस राष्ट्रीय पार्क से होकर रामगंगा नदी गुजरती है।
- इस राष्ट्रीय पार्क का पुराना नाम हैली नेशनल पार्क था।
कैलाश सांखला :-
- इनका संबंध राजस्थान के जोधपुर जिले से हैं।
- इन्हें सन् 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर का निदेशक बनाया गया था।
- इन्हें पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त है।
- इनकी प्रसिद्ध पुस्तकें – (i) टाइगर, (ii) रिटर्न ऑफ द टाइगर
- इन्हें “टाइगर मैन ऑफ इण्डिया“ कहा जाता है।
- मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट के उपनाम से जाना जाता है।
- भारत में सर्वाधिक टाइगर मध्यप्रदेश राज्य में 526 है।
- भारत में बाघों की वैज्ञानिक गणना प्रति 4 वर्ष बाद की जाती है ऐसी प्रथम वैज्ञानिक गणना प्रथम बार वर्ष 2006 में की गई इसके पश्चात् वर्ष 2010, 2014 – 2015 व 2018 – 2019 में की गई।
बाघों की वैज्ञानिक गणना :-
- वर्ष 1973 में – बाघ – 268
- वर्ष 1980 में – बाघ – 2,500
- वर्ष 2006 में – बाघ – 1,411
- वर्ष 2010 में – बाघ – 1,706
- वर्ष 2014 में – बाघ – 2,226
- वर्ष 2018 में – बाघ – 2,967
- वर्ष 2022 में – बाघ – 3,682
2022 की वैज्ञानिक गणना के अनुसार भारत में सर्वाधिक बाघ :-
- मध्यप्रदेश – 785
- कर्नाटक – 563
- उत्तराखण्ड – 560
- महाराष्ट्र – 444
- राजस्थान – 88
गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व (56वाँ)
- 24 अक्टूबर, 2024 को देश का 56वाँ टाइगर रिजर्व बनाने की अधिसूचना जारी की गई और यह छत्तीसगढ़ में 4 वाँ टाइगर रिजर्व है।
- यह नागार्जुनसागर-श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश) और मानस (असम) के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिज़र्व है।
- यह टाइगर रिज़र्व छोटा नागपुर पठार के साथ आंशिक रूप से बघेलखंड पठार में स्थित है।
- गुरु घासीदास तमोर पिंगलाटाइगर रिज़र्व का कोर क्षेत्र 2,049.2 वर्ग किमी (जिसमें गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान तथा तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं) है और इसके तहत 780.15 वर्ग किमी का बफर जोन शामिल है।
रातापानी टाइगर रिजर्व (57वाँ)
- केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने मध्य प्रदेश के रातापानी टाइगर रिजर्व को देश के 57वेंटाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित किए जाने की जानकारी राष्ट्र को दी।
- भारत ने अपने बाघों की सूची में 57वां टाइगर रिजर्व जोड़ा है। इस सूची में शामिल होने वाला नवीनतम मध्य प्रदेश का रातापानी टाइगर रिजर्व है। प्रकृति प्रेमियों और पूजकों के देश के रूप में, भारत बड़ी बिल्ली के लिए सबसे अच्छा आवास प्रदान करता है। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा आर्थिक प्रगति के साथ-साथ वन्यजीव संरक्षण पर दिए गए जोर का परिणाम है।”
- रातापानी टाइगर रिजर्व का कोर एरिया 763.8 वर्ग किमी, बफर एरिया 507.6 वर्ग किमी तथा कुल क्षेत्रफल 1271.4 वर्ग किमी है। यह मध्य प्रदेश का 8वां टाइगर रिजर्व है।
माधव राष्ट्रीय उद्यान (58वाँ)
- केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने घोषणा की है कि मध्य प्रदेश का माधव राष्ट्रीय उद्यान देश का 58वां टाइगर रिजर्व बन गया है। यह राज्य का 9वां टाइगर रिजर्व भी है।
| क्र.सं. | बाघ रिज़र्व | राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश |
| 1. | बाँदीपुर | कर्नाटक |
| 2. | कॉर्बेट | उत्तराखंड |
| 3. | कान्हा | मध्य प्रदेश |
| 4. | मानस | असम |
| 5. | मेलघाट | महाराष्ट्र |
| 6. | पालामऊ | झारखंड |
| 7. | रणथंभौर | राजस्थान |
| 8. | सिमलीपाल | ओडिशा |
| 9. | सुन्दरवन | पश्चिम बंगाल |
| 10. | पेरियार | केरल |
| 11. | सरिस्का | राजस्थान |
| 12. | बुक्सा | पश्चिम बंगाल |
| 13. | इंद्रावती | छत्तीसगढ़ |
| 14. | नामदफा | अरुणाचल प्रदेश |
| 15. | दुधवा | उत्तर प्रदेश |
| 16. | कलाकंद-मुन्दनथुरई | तमिलनाडु |
| 17. | वाल्मीकि | बिहार |
| 18. | पेंच | मध्य प्रदेश |
| 19. | ताडोबा-अंधेरी | महाराष्ट्र |
| 20. | बांधवगढ़ | मध्य प्रदेश |
| 21. | पन्ना | मध्य प्रदेश |
| 22. | दाम्पा | मिजोरम |
| 23. | भद्रा | कर्नाटक |
| 24. | पेंच | महाराष्ट्र |
| 25. | पक्के | अरुणाचल प्रदेश |
| 26. | नमेरी | असम |
| 27. | सतपुड़ा | मध्य प्रदेश |
| 28. | अन्नामलाई | तमिलनाडु |
| 29. | उदंती-सीतानदी | छत्तीसगढ़ |
| 30. | सतकोसिया | ओडिशा |
| 31. | काजीरंगा | असम |
| 32. | अचानकमार | छत्तीसगढ़ |
| 33. | काली | कर्नाटक |
| 34. | संजय-धुबरी | मध्य प्रदेश |
| 35. | मुदुमलाई | तमिलनाडु |
| 36. | नागरहोल | कर्नाटक |
| 37. | परन्बिकुलम | केरल |
| 38. | सह्याद्रि | महाराष्ट्र |
| 39. | बिलीगिरी रंगनाथ टेम्पल | कर्नाटक |
| 40. | कवल | तेलंगाना |
| 41. | श्रीविल्लीपुथुर मेगामलाई | तमिलनाडु |
| 42. | मुकुंदरा हिल्स | राजस्थान |
| 43. | नवेगाँव नागझीरा | महाराष्ट्र |
| 44. | नागार्जुन सागर श्रीशैलम् | आंध्र प्रदेश |
| 45. | अमराबाद | तेलंगाना |
| 46. | पीलीभीत्त | उत्तर प्रदेश |
| 47. | बोर | महाराष्ट्र |
| 48. | राजाजी | उत्तराखंड |
| 49. | ओरंग | असम |
| 50. | कामलांग | अरुणाचल प्रदेश |
| 51. | भोरमदेव | छत्तीसगढ़ |
| 52. | रामगढ़ विषधारी | बूँदी (राजस्थान) |
| 53. | रानीपुर वन्य-जीव अभयारण्य | उत्तर प्रदेश |
| 54. | वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व | मध्य प्रदेश |
| 55. | धौलपुर-करौली राष्ट्रीय वन्य जीव अभयारण्य | राजस्थान |
| 56. | गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व | छत्तीसगढ़ |
| 57. | रातापानी टाइगर रिजर्व | मध्य प्रदेश |
| 58. | माधव राष्ट्रीय उद्यान | मध्य प्रदेश |
(Source – National Tiger Conservation Authority)
वन्य जीव अभयारण्य
- ऐसा अभारण्य या वन जहाँ जानवर बिना किसी भय के रहते हैं।
- सरकार अथवा किसी अन्य संस्था द्वारा संरक्षित वन, पशु-विहार या पक्षी विहार को अभयारण्य कहते हैं।भारतमें सर्वाधिक वन्य जीव अभयारण्य अण्डमान और निकोबार (96) स्थित है।
- इनका उद्देश्य पशु, पक्षी या वन संपदा को संरक्षित करना, उसका विकास करना व शिक्षा तथा अनुसंधान के क्षेत्र में उसकी मदद लेना होता है।
- इसकी संख्या 567 है।
| क्र. सं. | वन्यजीव अभयारण्य | राज्य/केंद्रशासित प्रदेश |
| 1 | पेरियार अभयारण्य | केरल |
| 2 | पाखल अभयारण्य | आंध्रप्रदेश |
| 3 | चन्द्रप्रभा अभयारण्य | उत्तरप्रदेश |
| 4 | मानस अभयारण्य | असम |
| 5 | भित्तरकनिका अभयारण्य | ओडिशा |
| 6 | दाचीग्राम अभयारण्य | जम्मू कश्मीर |
| 7 | महावीर अभयारण्य | गोवा |
| 8 | कान्हा अभयारण्य | मध्य प्रदेश |
| 9 | सुन्दरवन अभयारण्य | पश्चिम बंगाल |
| 10 | शांतघाटी अभयारण्य | केरल |
| 11 | सागर अभयारण्य | केरल |
| 12 | डम्पा अभयारण्य | मिजोरम |
| 13 | अन्नामलाई अभयारण्य | तमिलनाडु |
| 14 | नागार्जुन सागर अभयारण्य | आंध्रप्रदेश |
| 15 | पाखुई वन्यजीव अभयारण्य | अरुणाचल प्रदेश |
(Source – National Wildlife Database Centre, Wildlife Institute of india)
आर्द्रभूमियाँ
- समुद्री तटीय क्षेत्रों में 6 मीटर तक की लहरों का क्षेत्र एवं भूमि के आंतरिक भागों में झीलों का क्षेत्र जहाँ जैव-विविधता प्रचुर मात्रा में पाई जाती है उसे आर्द्र भूमि कहा जाता है।
- इन समुद्री तटीय आर्द्रभूमियों में मैंग्रोव वन पाए जाते हैं। मैंग्रोव से तात्पर्य ऐसे वृक्ष से है जो जलमग्न होकर लवणीय पर्यावरण में अपना पोषण एवं विकास करते हैं।
- सुंदर वन विश्व का सबसे बड़ा मैंग्रोव हैं इसमें सुन्दरी वृक्ष की प्रधानता पाई जाती है। यह क्षेत्र गंगा व ब्रह्मपुत्र के डेल्टा क्षेत्र में भारत व बांग्लादेश में पाया जाता है।
- 2 फरवरी, 1971 को ईरान के रामसर में अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के आर्द्रभूमि पर रामसर कन्वेंशन को अपनाया गया था।
- वर्ष 2 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आर्द्रभूमि के सन्दर्भ में जागरूकता और इसके संरक्षण हेतु ‘विश्व आर्द्रभूमि दिवस’ (World Wetlands Day) मनाया जाता है।
- केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 2 फरवरी 2025 को पार्वती अरगा रामसर साइट, गोंडा, उत्तर प्रदेश (UP) में विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2025 का आयोजन किया।
- 2025 की थीम : हमारे साझा भविष्य के लिये आर्द्रभूमि की रक्षा।
- भारत में रामसर स्थलों (अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आद्रभूमि) की संख्या बढ़कर 89 हो गई।
- नवीन रामसर स्थल : 4
- झारखंड – उधवा झील
- तमिलनाडु – तीरतंगल (Therthangal), सक्काराकोट्टई
- सिक्किम – खेचियोपलरी
- भारत में सर्वाधिक आर्द्रभूमि तमिलनाडु (20)
भारत में संचालित वन्य जीव संरक्षण परियोजनाएँ :–
- शेरपरियोजना:–
- गुजरात में गिर नामक स्थान पर गिर राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1972 में की गई थी।
- यह अफ्रीका के बाद शेरों का एकमात्र प्राकृतिक आवास है जिसे शेरों के लिए संरक्षित किया गया है। इसे ‘एशियाई शेरों का घर’ के उपनाम से भी जाना जाता है।
- बाघपरियोजना :-
- भारत में बाघों की लुप्त होती प्रजाति की सुरक्षा व उसके संवर्द्धन के लिए 1 अप्रैल, 1973 को जिम कॉर्बेट (उत्तराखंड) राष्ट्रीय उद्यान में बाघ परियोजना की शुरुआत की गई।
- इसके लिए विश्व वन जीव कोष से सहायता प्राप्त हो रही है।
- प्रारंभ में भारत में केवल 9 बाघ संरक्षित क्षेत्र थे।
- एक सर्वे के अनुसार वर्तमान (9 अप्रैल, 2023) में भारत में बाघों की संख्या लगभग 3167 है।
- भारत में सर्वाधिक बाघों की संख्या मध्य प्रदेश राज्य में है इसलिए इसे टाइगर राज्य (Tiger State) कहा जाता है।
- भारत में रॉयल बंगाल टाइगर सुन्दरवन राष्ट्रीय उद्यान (पश्चिम बंगाल) में पाए जाते हैं।
- भारत का पहला बाघ संरक्षित क्षेत्र जिम कॉर्बेट (उत्तराखंड) में वर्ष 1973-74 में स्थापित किया गया था।
- भारत का सबसे बड़ा बाघ आरक्षित क्षेत्र नागार्जुन (श्रीशैलम) आंध्र प्रदेश में स्थित है।
- भारत का सबसे छोटा बाघ आरक्षित क्षेत्र बोर राष्ट्रीय उद्यान (महाराष्ट्र) है।
- भारत सरकार द्वारा वर्ष 2010 को “बाघ वर्ष” के रूप में मनाया गया था।
- कैलाश साँखला को ‘टाइगर मैन ऑफ इण्डिया’ कहा जाता है।
जैव विविधता तप्त – स्थल (Hot Spot) :-
- विश्व में 36 संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित किया गया हैं। इनमें से 4 भारत में स्थित हैं।
- भारत में स्थित संवेदनशील क्षेत्र –
- पश्चिमी घाट का दक्षिण क्षेत्र
- पूर्वी हिमालय (पूर्वोत्तर राज्यों में स्थित)
- इण्डो–बर्मा क्षेत्र
- सुण्डा क्षेत्र (अण्डमान निकोबार द्वीप समूह)
Note:-
- वर्ष 2009 में गंगा नदी की डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया।
- भारतीय वन अनुसंधान संस्थान का मुख्यालय उत्तराखंड में है।
- राष्ट्रीय वन आयोग का गठन 7 फरवरी, 2003 को किया गया।
- भारत में वनों के विभाग के लिए वन विभाग का गठन वर्ष 1854 में किया गया।
- भारतीय वन सर्वेक्षण विभाग का मुख्यालय देहरादून में स्थित है।
- भारत में राष्ट्रीय वन संरक्षण नीति वर्ष 1948 में प्रारंभ की गई।
- गहिरमाथा समुद्री जीव अभयारण्य ओडिशा में स्थित है।