वृत्ताकार डिस्क (चक्रिका) का जड़त्व-आघूर्ण (Moment of Inertia of a Circular Disc in hindi)

वृत्ताकार डिस्क (चक्रिका) का जड़त्व-आघूर्ण (Moment of Inertia of a Circular Disc)

(a) घूर्णन अक्ष डिस्क के केन्द्र से पारित तथा पृष्ठ के लम्बवत् है- चित्र (7) में R त्रिज्या की एक डिस्क प्रदर्शित है, जिसका केन्द्र O है। यदि डिस्क का द्रव्यमान M हो तो डिस्क के पृष्ठ के एकांक क्षेत्रफल का द्रव्यमान

= M/ Πr2

चित्र (7) डिस्क को अनेक संकेन्द्रित वलयों (concentric rings) से बना हुआ माना जा सकता है। चित्र (7) में। ऐसा ही वलय लिया गया है। जिसकी त्रिज्या व मोटाई dx है । मान लो इस वृत्ताकार वलय के केन्द्र O से पारित तथा पृष्ठ के लम्बवत् घूर्णन अझ के प्रति जड़त्व आघूर्ण dl है, तो

dI = वलय का द्रव्यमान x त्रिज्या का वर्ग

= (वलय की परिधि – मोटाई -) x (त्रिज्या)2

= (2πx dx).x2

= 2πx dx. M/Πr2 .x2

= 2M /R2 x3 dx

सम्पूर्ण डिस्क का जडत्व आघूर्ण x = 0 तथा x =R के बीच स्थित सभी वलयो क जलत्य

जडत्व आघूर्णों के योग के बराबर होगा। अतः

I = Di = 2M/R2 x3 dx

= 2M/R2 x3 dx

= 2M/R2 [ x4/4]

= 2M/R2 . R4/4 = 1/2 MR2

(b) व्यास के प्रति जड़त्व आघूर्ण – चित्र (8) में डिस्क के तल में दो लम्बवत् व्यास AB तथा CD को दर्शाया गया है। चूंकि डिस्क अपने व्यास के सापेक्ष सममित (symmetrical) होती है अतः इसके किसी भी व्यास के अनुदिश अक्ष के सापेक्ष

जडत्व आघूर्ण किसी दूसरे व्यास के सापेक्ष जडत्व  आघूर्ण के बराबर होगा।

IAB = ICD = ID

(जहाँ ID कोई भी व्यास के सापेक्ष जडत्व आघूर्ण है)

समकोणिक अक्षों के प्रमेय से

IAB + ICD = IZ

जहाँ, IZ केन्द्र O से पारित डिस्क के लम्बवत् अक्ष के प्रति जड़त्व आपूर्ण है।

अतः                ID + ID = ½ MR2

2ID = 1/2 MR2

ID = MR2/4

(c) चकती के तल में स्थित स्पर्श रेखीय अक्ष के सापेक्ष से जड़त्व आघूर्ण (Moment of inertia about a tangential axis in the plane of disc)

चित्र (9) के अनुसार माना PQ कोई स्पर्शरेखीय अक्ष है जो चकती के तल में स्थित है। जो चकती के तल में स्थित है। के प्रति जड़त्व आघूर्ण ज्ञात करने के लिए PQ के समान्तर चकती के द्र्व्मान केंद्र O से पारित अक्ष  AB लीजिए। AB चकती का व्यास होगी। AB के प्रति जडत्व आघूर्ण –

IO = MR2/4

(अतः समान्तर अक्षों के प्रमेय से PQ के प्रति जड़त्व आघूर्ण)

I1 = IO + Md2

= MR2/4 + MR2   (d = R)

5 /4 MR2

 (d) चकती के पृष्ठ के लम्बवत् स्पर्शरेखीय अक्ष के सापेक्ष जड़त्व आघूर्ण (Moment of inertia about a tangential axis perpendicular to plane of disc)

चित्र (10) के अनुसार PQ अभीष्ट अक्ष है। अक्ष AB, अक्ष PQ के समान्तर द्रव्यमान केन्द्र से गुजरने वाली अक्ष है। इन समान्तर अक्षों के मध्य दूरी d = R है। अक्ष AB चकती की सममित अक्ष है, जिसके प्रति जड़त्व आघूर्ण

IO = MR2/2

अतः PQ के प्रति जड़त्व आघूर्ण (समान्तर अक्षों के प्रमेय से)

IT = IO + Md2

= MR2/2 + MR2

= 3/2 MR2

 (e) वलयाकार चकती का जड़त्व आघूर्ण (Moment of inertia of an annular disc)

(i) सममित अक्ष के प्रति- द्रव्यमान M की एक वलयाकार चकती पर विचार कीजिए जिसकी आंतरित व बाह्य त्रिज्याएं क्रमशः R1 व R2 है। चकती को प्रति एकाक पृष्ठ क्षेत्रफल द्रव्यमान

= M/ π(R22 – R12)

अक्ष PQ केन्द्र O से गुजरती है व तल के लम्बवत् है। अब यदि त्रिज्या x व मोटाई dx की एक वलय लें तो

वलय का द्रव्यमान dM= (2 π x dx)

वलय का अक्ष PQ के प्रति जड़त्व आघूर्ण dI = (dM)x2

= 2 π x3 dx

अतः पूर्ण वलयाकार चकती का PQ के प्रति जडत्व आघूर्ण

I = Di 2 π x3 dx

= 2 π (x4/4) = 2 π (R42 – R41)/4

= 2 π M/ π(R21 – R21) (R24 – R41)/4

= ½ M (R21 + R22)

(ii) वलयाकार चकती का किसी व्यास के प्रति जड़त्व आघूर्ण

समकोणिक अक्षों के प्रमेय से.

ID + ID = ½ M (R22 + R21)

ID = 1/4 M (R22 + R12)

(iii) चकती के तल में स्थिति स्पर्शरेखीय अक्ष के प्रति जड़त्व आघूर्ण

समान्तर अक्षों के प्रमेय से

IT = IO + Md2

= ID + Md2

= 1/4 M (R22 + R12) + MR22

= (5/4 MR22 + 1/4 MR12)

= 1/4 M (R21 + 5R22)

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