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दो सेलों के विद्युत वाहक बलों की तुलना comparision of electro motive forces of two cells in hindi

comparision of electro motive forces of two cells in hindi दो सेलों के विद्युत वाहक बलों की तुलना : यदि हमें दो सेलो के वि.वा.बल की तुलना करनी है तो यह हम विभवमापी की सहायता से कर सकते है , अब यह हम किस प्रकार कर सकते है इसके बारे में हम विस्तार से आगे अध्ययन करते है।

सबसे पहले हमें चित्रानुसार परिपथ बनाना है।

परिपथ डायग्राम (चित्र ) की व्याख्या

चित्रानुसार एक सेल जिसका विद्युत वाहक बल E है को प्रतिरोध Rh , कुंजी K तथा तार AB को आपस में जोड़ते है तथा इस पूरे परिपथ को प्राथमिक परिपथ कहते है।
अब दो सेल लेते है जिनके विद्युत वाहक बल क्रमशःE1 & E2है , दोनों सेलो के धन सिरे को चित्रानुसार A पॉइंट से जोड़ते है तथा इनके ऋण सिरे को क्रमशः 1 व 2 द्विमार्गी कुंजी से संयोजित करते है।
अब द्विमार्गी कुंजी से एक धारामापी G तथा सर्पी कुंजी J से जोड़ते है , इस पूरे परिपथ को हम द्वितीयक परिपथ कहते है।

कार्यविधि वर्णन (working explanation )

सबसे पहले प्राथमिक परिपथ में कुंजी k1 को बंद करते है तथा द्विमार्गी कुंजी में 1 तथा 3 के मध्य डॉट लगाते है जिससे द्वितीयक परिपथ पूर्ण हो जाता है , अब सर्पी कुंजी J को तार AB को स्पर्श करते हुए वह बिंदु ज्ञात करते है जिस पर धारामापी में विक्षेप शून्य हो जाए इसे हम संतुलन की स्थिति कहते है। यह हम सेलE1का विद्युत वाहक बल ज्ञात करने के लिए कर रहे है।
माना हमें यह संतुलन की स्थिति तार कीL1लम्बाई पर प्राप्त होती है।
माना तार पर विभव प्रवणता x है तो
सेल का विद्युत वाहक बलE1= xL1
द्वितीय स्थिति में प्राथमिक परिपथ को यथावत रखते है तथा द्वितीयक परिपथ में द्विमार्गी कुंजी में 1 तथा 3 के मध्य लगे डॉट को हटाते है तथा टर्मिनल 2 तथा 3 के मध्य डॉट लगाते है।
अब सेलE2का विद्युत वाहक बल ज्ञात करने के लिए सर्पी कुंजी J को तार AB पर सरकाते है और धारामापी में जीरो विक्षेप की स्थिति ज्ञात करते है।
माना हमें तार AB परL2लम्बाई पर संतुलन की स्थिति मिलती है अतः
विद्युत वाहक बलE2= xL2
दोनों प्राप्त समीकरणों से
E1/E2= xL1/ xL2
अतः
E1/E2= L1/ L2
अतः
सेलों का विद्युत वाहक बल का अनुपात संतुलन स्थिति की लम्बाई के अनुपात केबराबर होता है।