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अपवाह किसे कहते हैं ? भारत का अपवाह तंत्र किसे कहते हैं की परिभाषा क्या है drainage system in hindi

what is drainage system in hindi definition अपवाह किसे कहते हैं ? भारत का अपवाह तंत्र किसे कहते हैं की परिभाषा क्या है ? 

भारतीय अपवाह प्रणाली
ऽ निर्धारित मार्ग से होने वाले जलीय प्रवाह को ‘अपवाह‘ कहते हैं तथा जलीय प्रवाह के जाल को ‘अपवाह प्रणाली‘ कहते हैं।
ऽ भारत की अपवाह प्रणाली को दो वर्गों में बांटा जा सकता है:
(1) हिमालयी अपवाह तंत्र (Himalayan drainage)
(2) प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र (Peninsular drainage)
हिमालयी अपवाह तंत्र
ऽ हिमालयी अपवाह तंत्र को मुख्य रूप से तीन नदी तंत्र में विभक्त किया गया है
1. सिन्धु नदी तंत्र
2. गंगा नदी तंत्र
3. ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र

 

नदियां और उनकी सहायक नदियां
सिंधु और इसकी सहायक नदियां
नदी स्रोत कुल लंबाई (किमी) सहायक नदियां
सिंधु मानसरोवर के निकट तिब्बत 2880; भारत में 709 किमी झंस्कार, अस्तर, द्रास, श्योक, स्कार्दु, स्वात, कुर्रम,
शिगार, गिलगिट, काबुल, झेलम, चेनाव, राबी, ब्यास
और सतलज
झेलम वेरीनेज में स्पूर पहाड़ से भारत में 400 किमी किशनगंगा
चेनाव चंद्रभागा, हिमाचल प्रदेश भारत में 1180 किमी
(लाहुल के निकट)
रावी हिमाचल प्रदेश की कुल्लु पहाड़ी 725 किमी
व्यास हिमाचल प्रदेश (रोहतांग दर्रा) 460 किमी
सतलज मानसरोवर (राकाश झील) भारत में 1050 किमी हरिके में ब्यास नदी इससे मिलती है

ऽ सतलज नदी फिरोजपुर के निकट भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा बनाती है।
ऽ ब्यास नदी हरिके (पंजाब) में सतलज से मिलती है। इंदिरा गाधी
नहर हरिके बराज से निकलती है जो भारत की सबसे लंबी नहर है। यह राजस्थान के जैसलमेर जिले तक जाती है।

गंगा और इसकी सहायक नदियां
नदी स्रोत कुल लंबाई (किमी) सहायक नदियां
गंगा अलखनंदा (गंगोत्री) 2526 यमुना, राम-गंगा, गंडक, कोसी, घाघरा, बुढ़ी गंडक, गोमती, भागरथी, सोन, त्रिवेणी
यमुना यमुनोत्री 1380 चंबल, बेतवा, और शारदा
राम गंगा नैनीताल के निकट 596 खोस, अनिल-कोसी
घाघरा मानसरोवर झील के निकट 1080 राप्ती, शारदा, छपरा (बिहार) के निकट गंगा में मिलती है
गंडक तिब्बत के निकट मध्य 730 नेपाल में नारायणी कहा जाता है जो मंगेर में गंगा से मिलती है
हिमालय (भारत में)
सोन अमरकंटक पठार 784 पटना (बिहार) के दानापुर में गंगा की धारा में मिलती है
कोसी तिब्बत/नेपाल से 730 (भारत में) कोसी, अरूण, टमुर
दामोदर तोरी के निकट 541 कोलकता के नीचे हुगली से मिलती है। गार्टस, कोनार, जमुनिया, बराकर।
छोटानागपुर पठार से
चंबल माहो पहाड़ी के 1050 बानस
दक्षिण-पश्चिम से
गोमती पीलीभीत के पूर्व से 940 साइ, बर्मा, सरयू, गाजीपुर (उ.प्र) के नजदीक गंगा से मिलती है
शारदा या कुमाऊं हिमालय 602 सरयू, यह घाघरा से मिलती है जो छपरा (बिहार) के निकट गंगा से मिलती है
काली गंगा

ऽ भगीरथी से देवप्रयाग में अलकनंदा (उद्गम स्थान-बद्रीनाथ) मिलती है। देवप्रयाग के आगे अलकनंदा और भागीरथी गंगा के नाम से बहती हैं।
ऽ गंगा भारत की सबसे लंबी नदी है। बांग्लादेश में इसे पद्मा कहते हैं।
ऽ गंगा-उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल से होकर बहती हैं।
ऽ गंगा नदी की कुल लंबाई 2525 किमी है जिसमें से 1,140 किमी सिर्फ उत्तर प्रदेश में है।
ऽ यमुना इलाहाबाद में गंगा से मिलती है।
ऽ कोसी को बिहार का शोक कहते हैं।
ऽ चंबल घाटी में बहुत सी गहरी तंग घाटियां बनी हुई हैं।

ब्रह्मपुत्र और इसकी सहायक नदियां
नदी स्रोत कुल लंबाई (किमी) सहायक नदियां
ब्रह्मपुत्र चेमायुंगडुंग ग्लेशियर, 2580885 (भारत में) गाजीपुर (उप्र) के निकट गंगा से मिलती है। सहायक नदियां हैं: हिमालय के कैलाश पर्वत से राजो-सांग्पो, लिहोत्से-जोंग, गांग-चु, क्यी-चु, ग्लेमदु-चु, लोहित, दिहांगग, दिसांग, धनसिरी, तिस्ता और टोरसा

ऽ इसे तिब्बत में सांग-पो के नाम से जानते हैं, अरूणाचल प्रदेश में दिहांग या सियांग के नाम से और बांग्लादेश में जमुना के नाम से जानते हैं।
ऽ ब्रह्मपुत्र विश्व के सबसे बड़े तंग घाटी द्वीप मांजुली का निर्माण करती है।
ऽ आयतन की दृष्टि से ब्रह्मपुत्र भारत की सबसे बड़ी नदी है जबकि लंबाई की दृष्टि से गंगा सबसे बड़ी है।
ऽ बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करने से पहले ब्रह्मपुत्र गंगा के साथ मिलकर विश्व के सबसे बड़े डेल्टा का निर्माण करती है।
ऽ यह डेल्टा सहायक नदियों के जाल और द्वीपों से बना है और घने जंगलों से आच्छादित है। इसे सुदंरवन कहा जाता है।

पश्चिम की ओर बहने
नदी स्रोत कुल लंबाई सहायक नदियां
(किमी)
नर्मदा अमरकंटक पठार (मध्य प्रदेश) 312 बर्हनेर, बलयार, शेर, डुची, शकर, तावा, हिरान, टेनडोनी, बरना, कोटार, अंजल, माचक, कुंडी, गोई, करयान
तापी बेतुल जिले में मुल्तई के निकट 724 पूर्णा, बेतुल, वार्ड, वाघुर, पत्की, गंगल, दथरंज, बोहाद, बोरी, अम्भोरा, खुरू, कपरा, क्षिप्रा, गरजा, खोकरी, उटावल, भोकर, सुबी, मोर, मोत्री, गुल, अनेर, अनुनावती, गोमती, हरकी, वलेर
माही विंध्य पर्वत 533 सोन, अनासी, पानम
लुनी (खारे पानी की नदी) अजमेर में अन्नासागर से 450 यह कच्छ के रण में विलुप्त हो जाती है
साबरमती अरावली पहाड़ी 416 वकाई, जवाल, मित्री, सेई, हरनोव, हथमाथी, वत्राक, मेशवा

ऽ वे प्रायद्वीपी नदियां जो अरब सागर में गिरती है, डेल्टा का निर्माण नहीं करती हैं। ये केवल मुहाना (म्ेजनंतपमे) का निर्माण करती हैं।
ऽ नर्मदा के मुहाने पर कई द्वीप हैं जिसमें से अलीबेत सबसे बड़ा है
ऽ तापी नदी को नर्मदा की जुड़वां बहन कहा जाता है।
नोट: पार-हिमालय नदियों केवल तीन हैं जो तिब्बत के पठार से निकलती हैं और हिमालय श्रृंखला को काटते हुए आगे बढ़ती है। ये नदियां हैं: सतलज, सिंधु और ब्रह्मपुत्र ।
भारत की महत्त्वपूर्ण झीलें
झील संबद्ध राज्य
1. डल जम्मू और कश्मीर
2. वुलर जम्मू और कश्मीर
3. बैरीनाग जम्मू और कश्मीर
4. मानस बल जम्मू और कश्मीर
5. अनंतनाग जम्मू और कश्मीर
6. नागिन जम्मू और कश्मीर
7. शेषनाग जम्मू और कश्मीर
8. पिछौला राजस्थान
9. राजसमंद राजस्थान
10. जयसमंद राजस्थान
11. सांभर राजस्थान
12. डीडवाना राजस्थान
13. देवताल उत्तराखंड
14. नैकुद्दिया उत्तराखंड
15. सात-ताल उत्तराखंड
16. राकसताल उत्तराखंड
17. हुसैनसागर आंध्र प्रदेश
18. कोलेरू आंध्र प्रदेश
19. पुलीकट मणिपुर
20. लोकतक उड़ीसा
21. चिल्का महाराष्ट्र
22. लोनार केरल
23. बेम्बानड सिक्किम
24. चोलामू

नोट: ऽ भारत की ताजे पानी की सबसे बड़ी झील-वुलर।
ऽ एशिया की हल्के खारे पानी की सबसे बड़ी झील-चिल्का।
ऽ भारत की खारे पानी की सबसे बड़ी झील-सांभर।
ऽ भारत की सबसे ऊंची झील-चोलामू।
ऽ लोनार झील ज्वालामुखीय गतिविधि के कारण बनी है।
ऽ चिल्का, पुलीकट, और कोल्लेरू लेगून झीलें हैं।
भारत के प्रमुख जलप्रपात
जलप्रपात ऊंचाई (मी.) नदी स्थान
जोग/गरसोप्पा/ 225 शरावती कर्नाटक
महात्मा गांधी
येन्ना 183 येना महाबलेश्वर (महाराष्ट्र)
शिवसमुद्रम 90 कावेरी कर्नाटक
गौतमधारा/जोन्हा 85 रारु झारखण्ड
हुंडरु 74 स्वर्णरेखा झारखण्ड
सदनी 61 शंख झारखण्ड
गोकक 55 गाकक कर्नाटक
दसम 40 कांची झारखण्ड
ककोलत 24 ककोलत झारखण्ड
चुलिया 18 चम्बल राजस्थान
पुनासा 12 चंबल जबलपुर (मध्य प्रदेश)
धुआंधार – नर्मदा जबलपुर (मध्य प्रदेश)
(गरजने वाला धुआं)
पायकारा पायकारा तमिलनाडु
कपिलधारा नर्मदा मध्य प्रदेश