रदरफोर्ड का अल्फा प्रकीर्णन प्रयोग , निष्कर्ष , रदरफोर्ड माॅडल , कमियाँ 

प्रश्न 1 : रदरफोर्ड के अल्फा प्रकीर्णन प्रयोग का वर्णन कीजिए और इससे प्राप्त निष्कर्ष लिखिए?

उत्तर :  रदरफोर्ड का अल्फा प्रकीर्णन प्रयोग (Rutherford’s Alpha Dispersion Experiment):- रदर फोर्ड ने सोने की पतली पन्नी जिसकी मोटाई 2.1 x 10-7m  है पर अल्फा कण जिनकी ऊर्जा 5.5 Mev  (मेटाई वोल्ट) की बौछार की गयी प्रकिर्णन से प्राप्त अल्फा कणों को सूक्ष्मदर्शी से जिसकी नेत्रिका पर्र दे का पर्दा है प्रेक्षित किये गये तो निम्न निष्कर्ष प्राप्त हुये।

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इस प्रयोग से निम्न निष्कर्ष प्राप्त हुए –

1. अधिकांश अल्फा कण बिना विचलित हुए सीधे पार हो जाते है।

2. कुछ अल्फा कण ऐसे भी होते है जो 90 डिग्री से अधिक कोण पर विक्षेपित होते है।

3. 8000 अल्फा कण में से 1 अल्फा कण ऐसा भी होता है जो 180 डिग्री से परावर्तित होत है।

इस प्रयोग से निम्न निष्कर्ष प्राप्त हुए

1. परमाणु में द्रव्यमान और धनावेश एक छोटे से भाग में केन्द्रित होता है जिसे नाभिक कहते है इसका आकार लगभग 10-15m मीटर से 10-14 m मीटर होता है।

2. परमाणु का अधिकांश भाग रिक्त होता है। जिसमें ele इस प्रकार चक्कर लगाते रहते है जैसे कि सूर्य के चारों और ग्रह।

प्रश्न 2 : रदर फोर्ड माॅडूल को प्रस्तुत कीजिए और इसकी कमीयां लिखिए?

उत्तर :  रदरफोर्ड माॅडल (Rutherford model):- रदरफोर्ड के अनुसार परमाणु में धनावेश एक छोटे से भाग में केन्द्रित होता है जिसे नाभिक कहते है और ele  नाभिक के चारो ओर भिन्न भिन्न कक्षाओं में चक्कर लगाते रहते है।

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कमियाँ :-

1. परमाणु के स्थायित्व को समझाने में असफल रहना।  क्योंकि त्वरित ele ऊर्जा उत्सर्जित करता है अतः धीरे धीरे वेग कम होने से अन्त में नाभिक में गिर जायेगा।

2. इस माॅडल के अनुसार स्पेक्ट्रम सतत होना चाहिए जबकि  रेखिल होता है।

3. चुम्बकीय क्षेत्र में स्पेक्ट्रमीय रेखाओं का विपाटन (जीमेन प्रभाव) तथा विद्युत क्षेत्र स्पेक्ट्रमी रेखाओं का विपाटन (स्टार्क प्रभाव) को नहीं समझा सका।