भू-चुम्बकत्व , दिक्पात कोण , नमन कोण/नति कोण , भू-चुम्बक का क्षैतिज घटक

निम्न की परिभाषा दीजिए?
1. भू-चुम्बकत्व (Geomagnetism):- पृथ्वी ऐसे व्यवहार करती है जैसे कि इसके अन्दर एक छड़ चुम्बक रखा हो जिसका चुम्बकीय उत्तरी ध्रुव भौगोलिक दक्षिण की ओर तथा चुम्बकीय दक्षिणी ध्रुव भौगोलिक उत्तर की ओर हो पृथ्वी के इस गुण को भू-चुम्बकत्व कहते है।
नोट -पृथ्वी के धरातल पर भू-चुम्बकत्व के कारण चुम्बकीय क्षेत्र का मान लगभग 10-5 T होता है।
नोट -भू-चुम्बकीय अक्ष  और पृथ्वी की धूर्णन अक्ष दोनों समपाती नहीं होते है। दोनों के मध्य कोण 11.3′ होता है इसका चुम्बकीय उत्तरी ध्रुव 79.740′ N आक्षाश पर उत्तरी कनाडा में स्थित है जबकि दक्षिणी चुम्बकीय ध्रुव 79.74 S आंक्षाश पर अंर्टाटिका में है।
नोट -पृथ्वी के भू-चुम्बकत्व का कारण पृथ्वी के कोड में द्रवीत लोहना व निकल प्रचुर मात्रा में है पृथ्वी के धूर्णन करने से कोउ में संवाहक धारा बहती है इस कारण से पृथ्वी छड़ चुम्बक की तरफ व्यवहार करती है।
2. दिक्पात/दिक्पात कोण:- चुम्बकीय याम्योतर या भौगोलिक यामोयतर के बीच बने कोण को द्किपात कोण कहते है।
3. नमन कोण/नति कोण : क्षैतिज कीली पर धुमती चुम्बकीय सूई किसी स्थान जो कोण बनाती है उसे नमन कोण कहते है। विषुवतीय रेखा पर नमन कोण कहते है। विषुवतीय रेखा पर नमन कोण का मान 0′ तथा ध्रुवों पर नमन कोण 90′ होता है।
4. भू-चुम्बक का क्षैतिज घटक (Horizontal component of the geomagnet): किसी स्थान पर भू चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक को भू-चुम्बक का क्षैतिज घटक कहते है।