6 तथा 4 ग्राम के दो द्रव्यमान-कणों के स्थिति सदिश क्रमशः 6 i – j 5 तथा  2 i+10 j – 8 k हैं। इस तन्त्र के द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति ज्ञात कीजिये।

संख्यात्मक उदाहरण ।

उदाहरण 1: 6 तथा 4 ग्राम के दो द्रव्यमान-कणों के स्थिति सदिश क्रमशः 6 i – j 5 तथा  2 i+10 j – 8 k हैं। इस तन्त्र के द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति ज्ञात कीजिये।

हल :- प्रश्नानुसार,

Mi – 6 ग्राम

M2 =2 ग्राम

R1 = 6 I – 7 j

r2 = 2 i +10 j – 8k

Rcm = ?

द्वि-कण तन्त्र के द्रव्यमान केन्द्र का स्थिति सदिश

RCM = m1 r1 + m2 r2

= (6) (6 I – 7 j) + (2) (2 I + 10 j – 8 k)/(6 + 2)

40 i – 22 j – 16 k /8

= ( 5 I – 2.75 j – 2 k )

उदाहरण 2 : कार्बन मोनो-ऑक्साइड गैस के अणु में कार्बन (C = 12 मात्रक) तथा ऑक्सीजन (0 = 16 मात्रक) परमाणुओं के केन्द्रों के बीच की दूरी 1.12A’ है। कार्बन परमाण के सापेक्ष अण। के द्रव्यमान-केन्द्र की स्थिति ज्ञात करो।

हल :- प्रश्नानुसार,

M1 = C = 12 मात्रक

M2 = O  = 16 मात्रक

C तथा O परमाणुओं के बीच की दूरी = 1.12A°

अणु के द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति कार्बन परमाणु के सापेक्ष ज्ञात करनी है।

 

माना कि कार्बन मोनो-ऑक्साइड अण का कार्बन परमाणु मूल बिन्दु पर स्थित ह तथा अण अक्षक अनुदिश है तो O-परमाण मल बिन्द से | 12A दूरी पर स्थित होगा। अतः अणु के द्रव्यमान के की स्थिति कार्बन परमाणु के सापेक्ष होगी

XCM = m1x1 + m2x2/m1 + m2

परन्तु  x1 = 0 तथा x2 = 1.12A°

XCM =  (12 x 0) + (16 x 1.12) /(12 + 16) =  16 x 1.12 /28

= 0.64 A°

उदाहरण 3 : एक कण तन्त्र 7.4 तथा 10 ग्राम द्रव्यमान के कणों से बना है जिनके स्थिति के निदशाक क्रमशः (1,5,-3),(2,5,7) तथा (3.3.-1) सेमी. हैं। इस कण तन्त्र के द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति ज्ञात करो। हलः- प्रश्नानुसार,

M1 7 ग्राम

M2 = 4 ग्राम

M3 = 10 ग्राम

R1 = I + 5 j  3 k

R2 = 2 I + 5 j + 7 k

R3 = 3 I + 3 j – k

Rcm = ?

कण तन्त्र के द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति

RCM = M1 r1 + m2 r2 + m3 r3/m1 + m2 + m3

(7)( I + 5 j – 3 k) + (4)(2 I + 5 j + 7 k) + (10) ( 3 I + 3 j – k) /7 + 4 + 10

=  45 i + 85 j – 3k /21 = 45/21 I + 85/21 j – 3/21 k

कण तन्त्र के द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति के निर्देशांक

(15/7 , 85/21, -3/7) सेमी.

उदाहरण 4:2 किलो ग्राम तथा 3 किलो ग्राम द्रव्यमान के कणों से बने निकाय के कणों के वेग क्रमशः   v1 = (5 I – 4 j – k)  तथा v2 = (7 I – 6 j + 6 k)  मी./से. है। उनके द्रव्यमान केन्द्र का वेग ज्ञात कीजिए तथा द्रव्यमान कन्द्र के सापेक्ष उनके वेग की गणना कीजिए |

हल :- प्रश्नानुसार,

M1 = 2 किलोग्राम

M2 = 3 किलोग्राम

V1 = (5 I – 4 j – k) मी./से.

V2 = (7 I – 6 j + 6 k) मी./से.

V1 = ?

V2 = ?

निकाय के द्रव्यमान केन्द्र का वेग

VCM = m1v1 + m2v2/m1  + m2 = 2(5 I – 4 j – k) + 3 (7 I 6 j + 6 k)/2 + 3 = 31 I – 26 j + 16 k/5 मी/से

V1 = V1 – VCM = (5 I – 4 j – k) – (31 I – 26 j + 16 k/5) = (-6 I + 6 j – 21 k/5) मी./से.

V2 = V2 – VCM = (7 I 6 j + 6 k) – (31 I – 26 j + 16 k/5) = (-5 I – 4 j + 14 k /5) मी./से.

उदाहरण 5-100 ग्राम तथा 300 ग्राम के दो कणों के स्थिति सदिश किसी क्षण पर क्रमशः 2 i +5 j 13k तथा -6 i +4 j-2 k हैं। ये कण 10 i -7 j – 3 k तथा 7i – 9 j  + 6 k सेमी./से. के वेग से गतिमान हैं। इस तन्त्र के लिए गणना कीजिए

  • द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति। (ii) द्रव्यमान केन्द्र के सापेक्ष दूसरे कण का वेग।।

हल : प्रश्नानुसार,

M1 = 100 ग्राम

M2 = 300 ग्राम

R1 = 2 I + 5 j + 13 k

R2 = – 6 I + 4 j – 2 k

V1 = 10 I – 7 j – 3 k सेमी./से.

तथा    v2 = 7 I – 9 j + 6 k सेमी./से.

Rcm = ?

V2 = ?

(i) द्विकण तंत्र के द्रव्यमान केन्द्र का स्थिति सदिश

Rcm = m1 + m2 r2/m1 + m2

 

= 100 (2i+5j+ 13k) + 300(-6i+4j -2k)/100 + 300

-16 i+17j +7k सेमी.

(ii) द्रव्यमान केन्द्र का वेग –

Vcm =  m1 + m2 v2 /m1 + m2

=  100(10 i -7j – 3 k) +300(7 i – 9  j + 6 k) / 100 + 300

= 31 i -34j +15k /4 सेमी./से.

अतः द्रव्यमान केन्द्र के सापेक्ष दूसरे कण का वेग

V2 = V2 – VCM

(7 I – 9 j + 6 k) – [31 I – 34j + 15k/4]

= 3i – 2j + 9k /4  सेमी./से.

उदाहरण 6:2.4 और 6 ग्राम द्रव्यमान कणों का द्रव्यमान-केन्द्र (1,1,1) बिन्द पर है। एक 8 ग्राम दव्यमान के चौथे कण का स्थिति सदिश क्या हो जिससे कि नये निकाय के द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति (3,3,3) बिन्दु पर हो जाये ?

हलः- प्रश्नानुसार प्रथम अवस्था में

M2 = 2 ग्राम, m2 =4 ग्राम, m3 = 16 ग्राम

Rcm = (i + j + k)

I + j + k = 2 r1 + 4 r2 + 6 r3/2 + 4 + 6

2 r1 + 4 r2 + 6 r3 = 12 I + 12 j + 12 j ……………….(1)

8 ग्राम के चौथे कण का स्थिति सदिश यदि हो तो दूसरी अवस्था में

Rcm = 3 i +3j +3k

= 2 r1 + 4 r2  + 6 r3 + 8 r4/2 + 4 + 6 + 8

20 = (3i +3j +3k)= (2r2 +4r2 +6r3) + 8r4

=(12i + 12j + 12k)+ 8r4

8r4 = 48 (i + j + k)

R4 =  (6 i+6j +6k)

अतः चौथा कण (6,6,6) बिन्दु पर रखा जाना चाहिये।

उदाहरण 7:10, 20 तथा 30 ग्राम द्रव्यमान वाले कणों का द्रव्यमान केन्द्र (1,-2, 3) सेमी. बिन्दु पर हा एक 40 ग्राम द्रव्यमान के कण को कहां रखा जाय कि नये कण तंत्र के द्रव्यमान केन्द्र की। स्थिति (1,1,1) सेमी. बिन्दु पर आ जाय?

हल : प्रश्नानुसार,

M1 = 10 ग्राम

m2 = 20 ग्राम

m3 =30 ग्राम

Rcm = ( I -2 j + 3 k) सेमी

M4 = 40 ग्राम

R4 = ?

तथा     Rcm = (I + j + k) सेमी.

हम जानते हैं कि

Rcm = m1 r1 + m2 r2 + m3 r3/m1 + m2 + m3

I – 2 j + 3k = 10r1 + 20r2 + 30r3/10 + 20 + 30

10r1 + 20r2 + 30r3/60

या 10r1 + 20r2 + 30r3  = 60 (I – 2j + 3k) ………………..(1)

चार कणों के नये कण तंत्र के द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति

Rcm = m1 r1 + m2 r2 + m3 r3 + m4 r4 /m1 + m2 + m3 + m4

I + j + k = 10 r1 + 20 r2 + 30 r3 + 40 r4/10 + 20 + 30 + 40

10 r1 + 20 r2 + 30 r3 + 40 r4/100

 

या   10r1 + 20r2 + 30r3 + 40r4 = 100 (i+j+k) ……………………..(2)

समीकरण (1) का मान समीकरण (2) में रखने पर

60(i -2j +3k) + 40 r4 = 100 (i+j + k)

R4 100(i+j+K)-60 (i -2j + 3k)/40

40i + 220 j – 80 k /40

= i + 5.5 j – 2 k

अतः 40 ग्राम के द्रव्यमान को बिन्दु (1.5.5.-2) सेमी. पर रखना होगा। –

उदाहरण 8 : एक दो कणों के तंत्र में कणों के द्रव्यमान क्रमशः 2 किलोग्राम तथा 5 किलोग्राम हैं। इनकी स्थितियाँ t=0 पर क्रमशः (4i+3j) तथा (6i -7j +7k) मी. है तथा उनके वेग क्रमशः 10i -6k) तथा (3i +6 j) मी./से. है। इस कण तन्त्र के द्रव्यमान केन्द्र का वेग ज्ञात कीजिये। समय t = 0 तथा t = 4 सेकण्ड पर द्रव्यमान केन्द्र की स्थितियाँ क्या होगी?

हलः- प्रश्नानुसार,

M1 = 2 किलोग्राम

M2 = 5 किलोग्राम में

R1= (4i +3j) मी.

r2 = (6i -7j +7k) मी.

V1 = (10i -6k) मी./से.

V2 =(3i + 6j) मी./से.

VCM = ?

T = 10 पर Rcm = ?

T = 4 सेकण्ड पर Rcm = ?

कण तन्त्र के द्रव्यमान केन्द्र का वेग

Vcm = m1 v1 + m2 v2/m1 + m2

= (2)(10i -6k) + (5) (3i+6j) / 2 + 5

 

– 35 I + 30 j  -12 k /7 मी.

T = 0 पर द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति

Rcm = m1 r1 + m2 r2/m1 + m2

= (2)(4i +3j) + (5)(6 i -7j+7k)/2 + 5

= 38i -29 j+35k /7 मी.

4 सेकण्ड में द्रव्यमान केन्द्र का विस्थापन = 4 x Vcm

R = (4)(35i +30j -12k)

=(4/7)  (35 I + 30 j – 12 k) मी.

T = 4 सेकण्ड पर द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति

Rcm  =  Rcm  + ?

= 38i – 29 j+ 35k /7 (4/7) (35 i + 30j -12k)

= 1/7 (178 i +91 j -13 k) मी.

उदाहरण 9: दो कणों के द्रव्यमान क्रमशः 2 ग्राम तथा 5 ग्राम हैं। उनके टक्कर से पूर्व वेग क्रमशः 10 i तथा (3 I +5j) सेमी./से. है। टक्कर के पश्चात् दोनों कण एक-दूसरे से चिपक जाते हैं तो ज्ञात कीजिये- (i) उनके द्रव्यमान केन्द्र का वेग (ii) प्रयोगशाला तन्त्र में संयुक्त कण का। अन्तिम संवेग (iii) द्रव्यमान केन्द्र तन्त्र में प्रारम्भिक तथा अन्तिम संवेग।।

हल : – प्रश्नानुसार,

M1 = 2 ग्राम, m2 15 ग्राम

टक्कर से पूर्व वेग v1 = 10 i सेमी./से.

v =  3 I + 5 j सेमी./से.

Cm = ?

प्रयोगशाला तन्त्र में संयुक्त कण का अन्तिम संवेग = ?

द्रव्यमान केन्द्र तन्त्र में प्रारम्भिक संवेग = ?

तथा अन्तिम संवेग = ?

(i) द्रव्यमान केन्द्र का वेग

Vcm = m1 v1 + m2 v2/m1 + m2

= 2(10 i) + 5 (3 I + 5 j)/2 + 5

 

= (35 I +25 j)/7 सेमी./से.

(ii) प्रयोगशाला तन्त्र में संयुक्त कण का अन्तिम वेग है तो, संवेग संरक्षण के नियम से

M1 v1 + m2 V2 = (m1 + m2) V

अन्तिम संवेग

(m1 + m2) v = m1 v1 + m2 v2

=2(10 i)+5(3i +5j)

= 35 I  + 25 j ग्राम सेमी./से.

(iii) द्रव्यमान केन्द्र तन्त्र में कण निकाय का द्रव्यमान केन्द्र स्थिर अवस्था में रहता है अर्थात इस

तन्त्र में प्रारम्भिक संवेग शून्य है। अतः कण निकाय का अन्तिम संवेग भी शून्य होगा।

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