सुशासन दिवस कब से मनाया जाता है , राष्ट्रीय सुशासन दिन कब और क्यों मनाते हैं , कारण , तारीख क्या है

यहाँ हम विस्तार से जानेंगे कि सुशासन दिवस कब से मनाया जाता है , राष्ट्रीय सुशासन दिन कब और क्यों मनाते हैं , कारण , तारीख क्या है good governance day in hindi ?

प्रश्न : राष्ट्रीय सुशासन दिवस कब से मनाया जाता है ?

उत्तर : भारत में “25 दिसंबर” को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय सुशासन दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया है | हर साल 2014 से लगातार 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है | 2014 में भारत देश के प्रधानमंत्री ने इस दिन को भारत के राष्ट्रीय सुशासन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी |

प्रश्न : 25 दिसंबर को ही सुशासन दिवस क्यों मनाया जाता है ?

उत्तर : भारत देश के पूर्व प्रधानमंत्री “अटल बिहारी वाजपेयी जी” का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था , अर्थात 25 दिसंबर को स्वर्गवासीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती रहती है और इसी दिवस को यादगार बनाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री ने 25 दिसंबर को राष्ट्रीय सुशासन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया | इस दिवस को अंग्रेजी में Good Governance Day कहा जाता है |

प्रश्न : पहली बार सुशासन दिवस कब मनाया गया था ?

उत्तर : प्रथम बार 25 दिसंबर 2014 को सुशासन दिवस के रूप में मनाया गया था | इसके पीछे भी एक रोचक कारण है , 23 दिसंबर 2014 को तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भारत रत्न के लिए घोषणा की कि अटल बिहारी वाजपेयी, और पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया अर्थात प्राप्तकर्ता के रूप में उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी, और पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) के नाम बताये | ठीक दो दिन बाद यानी 25 दिसंबर को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती थी तो भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 25 दिसंबर को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय सुशासन दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की |

प्रश्न : राष्ट्रीय सुशासन दिवस का कारण क्या है ?

उत्तर : इस दिवस को मनाने का मुख्य कारण यह है कि सरकार को और अधिक जबाबदेही और पारदर्शी बनाने के लिए इस दिन जागरूकता के लिए विशेष कार्य किये जायेंगे और इस बात पर बल दिया जायेगा कि सरकार जनता के प्रति और अधिक जवाबदेही बने | साथ ही इस दिवस को मनाने का कारण भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को भी सम्मानित करने का था इसलिए ही उनकी जयंती को इस दिन के लिए चुना गया | भारत सरकार ने 25 दिसंबर को कार्य दिवस के रूप में घोषित किया है अर्थात इस दिन भी भारत सरकार कार्य करेगी |

प्रश्न : 25 दिसंबर का राजनितिक विरोध क्यों किया गया ?

उत्तर : जब सरकार ने यह घोषणा की कि 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जायेगा और यह दिन कार्य दिवस होगा तो विरोधी राजनितिक पार्टियों ने इसका विरोध किया क्योंकि 25 दिसंबर को ही ईसाईयों का त्यौहार क्रिसमस भी मनाया जाता है जिस दिन सरकारी अवकास रहता है | इसलिए विरोधी पार्टियों का मानना था कि इस दिन को कार्य दिवस के रूप में घोषणा करना भारत के धर्मनिरपेक्ष होने पर एक सवाल खड़ा करती है |