हिंदी माध्यम नोट्स
सरल एवं अवमन्दित दोलन प्रश्न नोट्स b.sc simple damped oscillations questions in hindi bsc
पढ़िए और हल कीजिये सरल एवं अवमन्दित दोलन प्रश्न नोट्स b.sc simple damped oscillations questions in hindi bsc ?
प्रश्नावली (Exercise)
सैद्धान्तिक वर्णनात्मक प्रश्न (Theoretical Descriptive Questions)
- विभव कूप से क्या तात्पर्य है ? m द्रव्यमान का एक कण U = 1/2 kx 2 के विभव क्षेत्र में गति कर रहा है। सिद्ध कीजिए कि उसकी गति सरल आवर्ती है। उसके आवर्त्तकाल का व्यजंक ज्ञात कीजिए ।
- सिद्ध कीजिए कि लघु दोलनों के लिए कण की विभव कूप में गति सदैव सरल आवर्त्ती गति होती है चाहे विभव फलन की प्रकृति कैसी भी हो ।
- स्थायी तथा अस्थायी सन्तुलन स्थितियों से आप क्या समझते हैं ? स्थितिज ऊर्जा विस्थापन वक्र द्वारा विवेचना कीजिए ।
- एक कण के किसी बिन्दु के इर्द-गिर्द दोलनीय गति के लिए आवश्यक शर्तें लिखिए।
- टेलर श्रेणी प्रसार द्वारा स्थाई साम्यावस्था बिन्दु से लघु विस्थापन के लिये U(x) का द्विकोटि सन्निकटन कीजिए, तथा बल नियतांक k ज्ञात कीजिए ।
- सरल आवर्त्ती दोलक क्या होता है ? इसके लिए अवकल समीकरण की स्थापना करो। दोलक के विस्थापन, वेग तथा आवर्त्तकाल के व्यंजक व्युत्पन्न करो |
- एक कण x = a sin ωt द्वारा दर्शायी सरल आवर्ती गति कर रहा है। इस कण की गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा को समय तथा विस्थापन के फलन के रूप में व्युत्पन्न करो और सिद्ध करो कि कण की यांन्त्रिक ऊर्जा संरक्षित रहती है।
- सिद्ध कीजिए कि सरल आवर्त्ती दोलक की माध्य गतिज ऊर्जा तथा माध्य स्थितिज ऊर्जा बराबर होती है तथा इनका मान 1/2 mω02a2 के बराबर होता है जबकि माध्य समय के सापेक्ष लिया जाता है।
- 9. सरल आवर्ती दोलक क्या है ? सिद्ध कीजिए कि मरोड़ी दोलक एक सरल आवर्त्त दोलक होता है।
- सरल आवर्त्ती दोलक के विस्थापन, वेग, त्वरण तथा ऊर्जाओं की समय पर निर्भरता का आरेख खींचकर विवेचना कीजिए।
- सरल आवर्त्ती दोलक के, वेग, त्वरण तथा ऊर्जाओं की विस्थापन पर निर्भरता का आरेख खींचकर विवेचना कीजिए ।
- ऊर्जा के संरक्षण के नियम से सिद्ध कीजिए कि किसी सरल आवर्ती दोलक के विस्थापन का समीकरण x = a sin (ωt + φ) होता है।
- सरल आवर्त गति के लक्षण क्या हैं? स्प्रिंग से लटके द्रव्यमान की गति सरल आवर्त्ती होती है, क्यों ? समझाइए ।
- निम्न सरल आवर्ती दोलकों के अवकल समीकरण को लिखो :
(a) स्प्रिंग के सिरे पर द्रव्यमान (b) मरोड़ी दोलक
(c) L-C विद्युत परिपथ
- अवमन्दित सरल आवर्ती दोलक किसे कहते हैं ? इसके लिए अवकल समीकरण की स्थापना करो विश्रान्ति काल तथा अवमन्दन स्थिरांकों को समझाओ।
- एक अवमन्दित सरल आवर्ती दोलक के लिए अवकल समीकरण ज्ञात कर हल कीजिए।
- अवमन्दित सरल आवर्ती दोलक क्या होता है ? एक न्यून अवमन्दित सरल आवर्त दोलक के लिए विस्थापन का व्यंजक व्युत्पन्न कीजिए।
18 एक अवमन्दित सरल आवर्ती दोलित्र की विवेचना कीजिये। न्यून अवमन्दन, क्रान्तिक अवमन्दन और अति अवमन्दन के लिये समय के फलन के रूप में विस्थापन ज्ञात कीजिये और इसके आरेख खींचिये।
- एक अवमन्दित दोलित्र के दोलनों की माध्य गतिज ऊर्जा एवं स्थितिज ऊर्जाएँ ज्ञात कीजिए।
- यदि एक अवमन्दित सरल आवर्ती दोलक की गति लघु अवमन्दन की सीमा में लगभग निम्न सम्बन्ध द्वारा दी जाती है
X = x0 e–t/2t sin ωt
जहाँ ω0 दोलक की स्वाभाविक आवृत्ति तथा विश्रान्ति काल है। दोलक की ऊर्जा-क्षय की दर की गणना कीजिए।
- एक अवमन्दित दोलक की कुल ऊर्जा, औसत शक्ति क्षय एवं विशेषता गुणांक के व्यंजक प्राप्त कीजिए।
- अवमन्दित दोलित्र की गति के सामान्य हल का उपयोग करते हुए क्रान्तिक अवमन्दन की विवेचना कीजिये।
- दर्शाइये कि एक अवमन्दित दोलित्र की ऊर्जा में हानि की दर का मान मन्दक बलों के विरुद्ध किये गये कार्य की दर के तुल्य होता है।
- एक अवमन्दित दोलित्र का समीकरण लिखिये। न्यून अवमन्दन के लिए समय के फलन के रूप में विस्थापन ज्ञात कीजिए तथा इसका आरेख खींचिए।
- किसी दोलित्र का गुणना कारक क्या है?
- एक कण एक अवमन्दन बल के अन्तर्गत दोलन कर रहा है। प्रदर्शित कीजिए कि औसत ऊर्जा E=PT सूत्र द्वारा दी जाती है। जहाँ P औसत शक्ति क्षय तथा t विश्रान्ति काल है। क्षयित ऊर्जा कहाँ जाती है ?
- विशेषता गुणांक एवं विश्रान्ति काल की परिभाषा दीजिये। अवमन्दित दोलक के लिए सिद्ध कीजिए कि विशेषता गुणांक Q निम्न होता है
Q = Eω0 /p
P = शक्ति हास, E- कुल ऊर्जा तथा ω0 दोलित्र की स्वाभाविक आवृत्ति है।
- अवमन्दित दोलक के लिए सिद्ध कीजिए कि
ω = ω0 √1-1/4Q2
जहां Q- विशेषता गुणांक, ω0 – दोलक की स्वाभाविक आवृत्ति तथा ०-अवमन्दित दोलक की आवृत्ति है।
- एक दोलित्र के Q से क्या तात्पर्य है ? यह अवमन्दन से किस प्रकार प्रभावित होता है ?
- विश्रान्ति काल का क्या तात्पर्य है अवमंदित दोलन के लिए सिद्ध कीजिए कि गुणताकारक Q = ω0 t यहाँ ω0 दोलक की स्वाभाविक आवृत्ति तथा t = विश्रान्ति काल है।
- एक अवमन्ति दोलक की गति निम्न संबध द्वारा निरूपित की जाती है।
x = x0 e-t/2t sin ω0t
जहाँ t विश्रान्ति काल है।
अवमन्दन निम्न को किस प्रकार प्रभावित करता है
(i) दोलन आवृत्ति (ii) औसत कुल ऊर्जा ii) दोलित्र का ‘विशेषता गुणांक’?
उपरोक्त के लिए व्यंजक भी प्राप्त कीजिए।
- सिद्ध कीजिए कि विद्युत आवेशित संधारित्र का प्रेरकत्व द्वारा निरावेशन दोलनी होता है।
33 . एक संधारित्र को प्रेरकत्व एवं प्रतिरोध के श्रेणीकम में जोडकर अनावेशित किया जाता है। सम्भावित हलों की विवेचना कीजिए तथा उनको आरेखों के द्वारा व्यक्त कीजिये।
संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Questions)
- एक कण U = a- b/x + c/x2 स्थितिज ऊर्जा के क्षेत्र में गति करता है। बल का व्यंजक ज्ञात करो। किस बिन्दु पर बल का मान शून्य होता है ? क्या यह बिन्द स्थायी संतुलन की स्थिति में है ? यदि हाँ तो बल नियतांक का मान ज्ञात करो।
(उत्तर – 2c /b , b4/8c3)
- एक कण x = a sin ωt द्वारा दर्शायी सरल आवर्ती दोलन कर रहा है। इस कण की स्थिति ज्ञात करो जबकि
(i) उसकी स्थितिज तथा गतिज ऊर्जायें बराबर होती हैं, (ii) उसका वेग उसके अधिकतम वेग का आधा होता है।
(उत्तर- (i) x = a/2 (ii) -x = a 3/2)
- एक 10 gm द्रव्यमान का कण 6cm रेखा पर सरल आवत्ती गति करता है। उसकी अधिकतम चाल 12 cm/s है। उसका आवर्त्त काल तथा अधिकतम स्थितिज ऊर्जा ज्ञात करो।
(उत्तर- 1.57s , 720 erg)
- 0.1 kg द्रव्यमान का कण एक विभव क्षेत्र V= (5x2 + 20) J/kg में स्थित है। इसकी आवत्ति एवं आवर्त्त काल का परिकलन कीजिए।
(उत्तर- 0.5 vib/s, 1.99 s)
- किसी कण के लिये स्थितिज ऊर्जा फलन है
U(x) = 3x- 5 – (x-3)3
जहाँ U(x) जूल में तथा x मीटर में हैं। साम्यावस्था बिन्दु ज्ञात कीजिये एवं देखिये कि वे स्थाई हैं या नहीं।
[उत्तर- संकेत : du/dx = 9 – 2x = 0 = x = 4.5m
D2u/dx2 2 = ऋणात्मक, अस्थाई साम्यवस्था]
- एक सरल आवर्ती गति का अधिकतम त्वरण a तथा अधिकतम वेग B है। दोलक का आयाम तथा आवर्त काल ज्ञात करो।
[उत्तर : B/B/a. , 2π /B/0]
- एक कण सरल आवर्ती गति कर रहा है। सन्तुलन स्थिति से 4 cm तथा 5 cm की दूरी पर वेग क्रमशः 10 cm/sतथा 8 cm/s होता है। गति का आवर्तकाल तथा आयाम ज्ञात कीजिए।
(उत्तर- 3.14s, 6.4 cm)
- एक सरल आवर्ती दोलक की स्थितिज ऊर्जा सन्तुलन की स्थिति में 5J है और इसकी सम्पूर्ण ऊर्जा 9J है। दोलक का आयाम 0.01 m है। दोलक का बल नियतांक क्या होगा? यदि दोलक का द्रव्यमान 2 kg है तो आवर्त काल का मान ज्ञात करो।
(उत्तर- 80,000 N/m, 0.03 s)
- एक गतिशील कण का विस्थापन x = (4 sin 4t + 3 cos 4t) है। सिद्ध करो कि कण की गति सरल आवर्ती होती है। कण का आर्वत्त काल, अधिकतम वेग एवं अधिकमत त्वरण की गणना करो।
[उत्तर- 1.57s, 20 cm/s, 80 cm/s2]
- विभव U(x) = 4x + x2 -erg वाले एक विभीय विभव कूप में एक कण आवर्ती गति कर रहा है। इसमें कण की अधिकतम गतिज ऊर्जा 100 erg है। उन बिन्दुओं को ज्ञात कीजिए, जहाँ से कण परावर्तित होता है इन पर कार्यरत बल का परिकलन करो। x =+4 cm पर कण की गतिज ऊर्जा का भी परिकलन करो।
[उत्तर- 8 तथा 12 cm, 20 dyne , 68 erg]
- एक 5s आवर्त काल वाले सरल लोलक का जब विस्थापन 2 cm है तब उसकी स्थितिज ऊर्जा 5J है (स्थिरावस्था में लोलक की ऊर्जा शून्य है | निम्न राशियों का परिकलन कीजिए- (i) बल नियतांक, (ii) औसत गतिज ऊर्जा जब इसका आयाम 4 cm है, (iii) स्थितिज ऊर्जा जब इसका विस्थापन 1 cm है तथा (iv) दोलनावृत्ति जब दोलक का द्रव्यमान प्रारम्भिक मान का 1/100 कर दिया जाय।
[उत्तर- 2.5 x 104 N/m, 10J, 1.25 J, 2 vib/s]
- एक कण U = U0 – Px + Qx2 स्थितिज ऊर्जा क्षेत्र में गतिशील है। बल, बल नियतांक तथा आवर्त काल की गणना करो। वह बिन्दु ज्ञात करो जहाँ पर कण स्थायी सन्तुलन अवस्था में होता है।
[उत्तर–2Qx + P,2Q, m/2Q, p/2Q ]
- m द्रव्यमान का एक कण F=- kx के प्रभाव में गति कर रहा है। t = 2s पर कण मूल बिन्दु से गुजरता है तथा t = 4s पर उसका वेग 4 m/s है। कण के विस्थापन को व्यक्त करने वाला समीकरण प्राप्त कीजिए। यह भी दर्शाइये कि यदि आवर्तकाल 16s हो तो आयाम 32 √2π होगा।
[उत्तर—{4 m/ √k /cos2 √k/m}sin √k/m (t -2)]
- एक स्प्रिंग से लटके द्रव्यमान m के दोलनों की आवत्ति n1 है। स्प्रिंग को तीन बराबर भागों में काटकर उनमें से प्रत्येक पर पुनः वही द्रव्यमान लटकाने पर आवृत्ति n2 आती है तो n2/n1 का मान ज्ञात करो।
[उत्तर-n2/n1 = 3]
- K1 तथा k2 कमानी नियतांकों की दो कमानियों को जोडकर चित्रानसार उनसे M द्रव्यमान का एक पिण्ड जोड़ दिया गया है। तल घर्षण-विहीन है। पिण्ड की दोलन आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
उत्तरःसंकेत- n = 1/2π k/m where k = k1k2/k1 + k2
- लम्बाई l तथा बल नियतांक k के एक स्प्रिंग को l1 तथा l2 लम्बाईयों के दो भागों में विभाजित कर देते हैं। ताकि l1 =nl2 जहां n पूर्णांक हैं। दोनों भागों के बल नियतांक ज्ञात करो।
[संकेत : k 1/l]
- द्रव्यमान m का एक पिण्ड एक द्रव्यमानहीन कमानी से जुड़ा है जिसका कमानी नियतांक k है। पिण्ड को कमानी की लम्बाई के साथ-साथ दोलन करवाते हैं। साम्यवस्था से पिण्ड के विस्थापन का व्यजक समय के फलन के रूप में ज्ञात कीजिए।
[उत्तरःसकेत-y = a sin (t K/m + a)
- एक द्रव्यमानहीन कमानी को जब 7.5 N बल से खींचते हैं तो शैथिल्यावस्था से उसकी लम्बाई 3.0 cm से बढ़ जाती है। 0.50 kg के एक कण को उसके स्वतंत्र सिरे से जोड़ते हैं तथा उसे क्षितिज विधा में 5.0 cm से दबाकर स्थिरावस्था t = 0 समय पर छोड़ देते हैं | समय के फलन के रूप में कण के विस्थापन का व्यंजक ज्ञात कीजिए। जब कमानी खिंचती तो विस्थापन धनात्मक होते
[उत्तरः संकेत- k = 7.5/.03, ω = k/m = 105,y = – 0.05 cos (t10/5)]
- एक 0.5 gm का ठोस बेलन एक पतली तार से इस प्रकार लटकाया गया है कि इसकी अक्ष ऊर्ध्वाधर रहती है। यदि इसके मरोड़ी दोलनों का आवर्तकाल 2.5 sec हो तो बेलन को समान बिल के 0.4 gm के ठोस गोले से प्रतिस्थापित करने पर आवर्तकाल का मान क्या होगा?
[उत्तरः संकेत- T1, = T I1/I = T 2/5 M1 2/M = 2s]
- एक चिकनी टेबल पर कुछ दूर स्थित दृढ़ स्तम्भों A तथा B के बीच में कलेम्प हुए द्रव्यमान स्प्रिंगों द्वारा एक पिण्ड को बीच में नियंत्रित किया गया है। यदि पिण्ड का द्रव्यमान 0.05 kg स्प्रिंगों का बल नियतांक क्रमशः 2 तथा 3 N/m है तो निम्नलिखित का परिकलन करो(i) पिण्ड के लघु दोलनों की आवृत्ति (ii).005m आयाम के दोलनों की ऊर्जा
[उत्तर 5/π प्रति से 62.5 x 10-6 J]
- 104 gm-cm- जड़त्व आघूर्ण वाले एक पिण्ड को तार द्वारा लटकाया जाता है। यदि तार पर 200 dyne-cm का बलाघूर्ण लगाने पर 20 का ऐंठन उत्पन्न होता है तो मरोड़ी दोलक की आवृत्ति ज्ञान करो।
[उत्तर : 0.12 rev/s]
- 10kg द्रव्यमान एवं 0.05 m व्यास का एक ठोस गोला एक तार से लटकाया गया है। गोले के मरोडी दोलन करने पर आवर्तकाल 6.28 s आता है तो तार की ऐंठन दृढ़ता ज्ञात करो। गोले को 30° घर्णन देने में लगाये गये बलाघूर्ण की भी गणना करो। [उत्तर : 0.0025 Nx m, 0.0013 Nx m]
- एक पिण्ड को 0.0025 Nxm ऐंठन दृढ़ता वाले तार से लटकाकर मरोड़ी दोलन कराने पर आवर्तकाल 9.42s आता है। पिण्ड का जड़त्व आघूर्ण ज्ञात करो।
[उत्तर: 0.0056 kg-m2]
- किसी स्वरित्र की एक भुजा के सिरे पर विद्यमान एक कण साम्य स्थिति में से 2 ms-1 के वेग से गुजरता है। आयाम 10-3m है। (a) स्वरित्र की आवृत्ति एवं आवर्तकाल क्या है ? (b) समय के फलन के रूप में कण के विस्थापन का समीकरण लिखिये।
[उत्तर : (a) आवृत्ति ω = 2000 rad/s तथा T=3.14 x 10-3‘s. (b) x = 10-3 sin (2000t – φ)]
- एक द्रव्यमानहीन कमानी जिससे कोई भी पिण्ड नहीं बंधा है, छत से लटक रही है। इसकी लम्बाई 20 cm है। इसके निचले छोर से M द्रव्यमान का एक पिण्ड लटकाते हैं तथा उसे हाथ से पकड़े रखते हैं ताकि कमानी शिथिल रहे | अब हाथ को एकदम हटा लेते हैं। पिण्ड तथा कमानी दोलन करते हैं। पूरे तनाव की स्थिति में कमानी की लम्बाई 30 cm हो जाती है। – (i) दोलन आवृत्ति क्या है ? प्रयोग में लाये सूत्र की व्युत्पत्ति कीजिये। (ii) जब कमानी की लम्बाई 25 cm है, तब पिण्ड का वेग क्या है ?
[उत्तरःसंकेत-a = 30-20/2 = 5cm(i)n = 1/2π g/a = 2.25-1‘(ii)v = a ω = 0.70ms-1]
- 2uF के एक संधारित्र को 10 mH के प्रेरक कुण्डली से श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है। प्रेरकत्व में धारा प्रवाह पर उत्पन्न विद्युत दोलनों की आवृत्ति ज्ञात करो।
उत्तर : 1100 Hz]
- एक पेन्डुलम का दोलन काल 2s है तथा आयाम 4° है। 100s पश्चात् उसका आयाम 2° रह जाता है तो गणना कीजिये
(1) अवमन्दन नियतांक, (2) विश्रान्तिकाल, (3) विशेषता गुणांक
[उत्तर : 0.0069/s, 72.46 s, 227.52]
- सिद्ध करो कि अवमन्दन से दोलक की आवृत्ति 0.125/Q2 कम हो जाती है।
- एक दोलायमान निकाय का अवकल समीकरण निम्न है
D2x/dt2 + 2r dx/dt + ω02x = 0
यदि ω0 >>r हो तो वह समय संगणित कीजिये जिसमें(1) आयाम प्रारम्भिक मान का 1/e रह जाता है (2) ऊर्जा प्रारम्भिक मान की 1/e रह जाती है।
- एक सोनो मीटर तार का विशेषता गुणांक 2000 है। इसे दबाकर छोड़ने पर यह 240 कम्पन प्रति सेकण्ड करता है। कितने समय में इसका आयाम अपने प्रारम्भिक मान का आधा हो जायेगा।
[उत्तर : 0.9s]
- एक अवमन्दित दोलित्र विरामावस्था से प्रारम्भ करके पहला आयाम 50 cm प्राप्त करता है और 100 दोलन के पश्चात् यह 5 cm हो जाता है। यदि दोलित्र का अवमन्दन स्थिरांक 0.01 /s हो तो अवमन्दन की अनुपस्थिति में आवर्तकाल तथा आयाम का परिकलन कीजिये।
[उत्तर : 2.3 s, 50.29 cm]
- सिद्ध करो कि किसी अल्प अवमन्दित दोलक के वेग का विस्थापन के सापेक्ष आरेख सर्पिल (spiral) आकृति का होता है।
- 80Nx m बल नियतांक वाले किसी अवमन्दित स्प्रिंग से 0.2 kg का एक भार लटकाया जाता है। यदि अवमन्दित आवृत्ति का मान स्वाभाविक आवृत्ति के मान से 3/2 गुना हो तो अवमन्दन स्थिरांक का मान ज्ञात करो तथा विशेषता गुणांक का भी परिकलन कीजिए।
[उत्तर : 10/s, 1]
- 100 cm3 पानी में एक कमानी से लटका हुआ एक द्रव्यमान दोलन करता है। कमानी का बल नियतांक 10kg-wt/cm है। कमानी 10 cm खींच कर दोलन के लिए छोड़ दी जाती है। दूसरे ऊर्जा हानियों को नगण्य मानते हुए दोलनों के रूक जाने पर पानी के ताप में वृद्धि की गणना कीजिए।
[उत्तर : 0.167°C]
Recent Posts
सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है
सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…
मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the
marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…
राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi
sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…
गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi
gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…
Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन
वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…
polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten
get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…