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सरल आवर्त गति के लिए उस विस्थापन-आयाम का अनुपात ज्ञात कीजिए जब गतिज ऊर्जा कुल ऊर्जा की 90% होती है।
उदाहरण- 12. सरल आवर्त गति के लिए उस विस्थापन-आयाम का अनुपात ज्ञात कीजिए जब गतिज ऊर्जा कुल ऊर्जा की 90% होती है।
हल : सरल आवर्त गति की गतिज ऊर्जा
K = 1/2 mω0 (a2 – x2)
कुल ऊर्जा T = 1/2 mω20a2
K/T = a2 – x2/a2 = 90/100
X2/a2 = 0.1
x/a = 0.316.
उदाहरण- 13. t तथा 2t समय पर सरल आवर्त गति रहे कण का विस्थापन A के B है दोलन के आवर्तकाल की गणना करो।
हल : माना
A = a sin ωt
B = a sin 2ωt
B = 2a sin ωt cos ωt
= 2A cos ωt
cos ωt = B/2A
ωt = cos-1 B/2A
2πt/T = cos-1 B/2A
T = 2πt/cos-1 (B/2A)
उदाहरण- 14.0.5 kg के एक द्रव्यमान को हल्की स्प्रिंग से लटकाने पर स्प्रिंग की लम्बाई में 7 cm की वृद्धि होती है। दोलित स्प्रिंग का विस्थापन जब 3 cm होता है तब उसका वेग 0.4 m/s है। स्प्रिंग दोलक की आवृत्ति तथा आयाम ज्ञात कीजिए।
हल : m = 0.5kg.yo = 0.07m
बल नियतांक k = F/y0 = mg/y0 = 0.5 x 9.8 /0.07 = 70 N/m
आवृत्ति ω0 = √k/m = √70/0.5 = 11.8 rad/s
विस्थापन x = 3 सेमी. पर वेग v = 0.4 m/s
स्प्रिंग का वेग v = ω0 √a2 – x2
A = √v2/ω02 + x2 = √(0.4)2/(11.8)2 + (0.03)2
= 0.045
उदाहरण- 15. एक आदर्श स्प्रिंग से लटके द्रव्यमान m का आवर्तकाल 2s है। यदि इसक साथ-साथ 2 kg द्रव्यमान और लटका दें तो आवर्तकाल में 1s की वृद्धि हो जाती है। लटके द्रव्यमान m का परिकलन करो।
हल : स्प्रिंग का आर्वत्तकाल T = 2π √m/k
T = 2s
2 = 2π √m/k ……………………..(1)
2 + 1 = 2 π √m + 2/k …………………………..(2)
समीकरण (1) व (2) को (3) में रखने पर
3/2 = √m + 2/m
M + 2/m = 9/4
M = 1.6 kg
उदाहरण- 16. एक स्प्रिंग से लटके द्रव्यमान का आवर्तकाल T है। यदि स्प्रिंग को दो बराबर भागों में काटकर एक भाग से वही द्रव्यमान लटका दें तो नया आवर्तकाल क्या होगा?
हल : माना स्प्रिंग का बल नियतांक k है,
आवर्तकाल T = 2π √m /k
हम जानते हैं कि स्प्रिग के बराबर लम्बाई के 2 टुकड़े कर दिये जायें तो प्रत्येक टुकड़े का स्प्रिंग नियतांक पूरी स्प्रिंग के नियतांक का दो गुना होता है।
आधे स्प्रिंग का बल नियतांक k1 = 2k
आवर्तकाल T1 = 2π √m/k1 = 2π √m/2k
T2 = T/√2
उदाहरण- 17.एक पिण्ड को स्प्रिंग से लटका कर दोलन कराने पर आवर्तकाल T1 आता है और दूसरे स्प्रिंग से लटकाकर दोलन कराने पर आवर्तकाल T2 आता है। यदि दोनों स्प्रिंगों से एक साथ उसी पिण्ड को लटका कर दोलन करायें तो सिद्ध करो कि उसका आवर्तकाल होगा
T = T1T2/√T12 + T22
हल : माना पिण्ड का द्रव्यमान m है और दोनों स्प्रिंगों के बल नियतांक k1 तथा k2 हैं तो
पहले स्प्रिंग से लटकाने पर आवर्तकाल T1 = 2π √m/k1
या k1 = 4 π2m/T12 ……………………………(1)
तथा दूसरे स्प्रिंग से लटकाने पर आवर्तकाल T2 = 2π √m/k2
K2 = 4 π2m/T22 ……………………………(2)
दोनों स्प्रिंगों से एक साथ द्रव्यमान m को लटकाने पर आवर्तकाल
T = 2 π √m/k1 + k2
(k1 + k2) = 4 π2m/T2 ……………………………(3)
समीकरण (1) व (2) को (3) में रखते पर
4 π2m/T12 + 4 π2m/T22 = 4 π2m/T2
1/T21 + 1/T22 = 1/T2
T = T1T2/√T12 + T22
उदाहरण- 18. m द्रव्यमान तथा k बल नियतांक वाले स्प्रिंग से M द्रव्यमान का भार लटकाया गया है। यदि द्रव्यमान M को खीचकर छोड़ दिया जाये तो सिद्ध कीजिए कि दोलन आवत्ति का मान होगा
N = 1/2π √k/(m + m/3)
हल : माना लम्बाई I तथा द्रव्यमान m के एक स्प्रिंग के सिरे को दृढ़ आधार पर कस कर दूसरे सिरे पर M द्रव्यमान लटकाया गया है।
स्प्रिंग का द्रव्यमान प्रति एंकाक लम्बाई = M/I
दृढ़ आधार से s दूरी पर स्थित स्प्रिंग के ds लम्बाई के अल्पांश पर विचार कीजिए। इस अल्पांश का द्रव्यमान = M/I
यदि दोलन करते समय स्प्रिंग के अन्तिम सिरे का वेग v है तो अल्पांश की स्थिति पर वेग = s/I v
ds अल्पांश की गतिज ऊर्जा = 1/2 (m/I ds) (sv/l)2
सम्पूर्ण स्प्रिंग की गतिज ऊर्जा = ∫ 1/2 (m/l ds) (s2v2/l2)
= 1/2 mv2/l3 ∫s2 ds = 1/6 mv2
निकाय की कुल गतिज ऊर्जा K = 1/2 mv2 + 1/6 mv2
K = 1/2 (M + m/3)v2
परन्तु निकाय की स्थितिज ऊर्जा U = 1/2 kx2
ऊर्जा के सरंक्षण के नियमानुसार
K+ U = E = नियतांक
या , 1/2 (m + m/3) v2 + 1/2 kx2 = नियतांक
t के सापेक्ष अवकलन करने पर,
(m + m/3) v. dv/dt + kx dx/dt = 0
(m + m/3) dx/dt . d/dt (dx/dt) + kx dx/dt = 0
(m + m/3) (dx/dt) (d2x/dt2) + kx (dx/dt) = 0
(m + m/3) (d2x/dt2) +kx = 0
D2x/dt + k/(m + m/3) x = 0
यह सरल आवर्ती गति का अवकल समीकरण है जिसकी कोणीय आवृत्ति
Ω0 = k/(m + m/3)
या आवृत्ति n = ω0/2π k/(m + m/3)
उदाहरण- 19. एक द्रव्यमान स्प्रिंग से लटका हुआ एवं दोलन कर रहा है। जब द्रव्यमान का विस्थापन आयाम का आधा होता है तब इसकी गतिज ऊर्जा एवं स्थितिज ऊर्जा की तुलना कुल ऊर्जा से करो।
हल : हम जानते है कि दोलित द्रव्यमान की गतिज ऊर्जा
K = 1/2 m ω02 (a2 – x2)
X = a/2 पर
K = 1/2 m ω02 (a2 – a2/4) = 3/8 mω02a2
परन्तु स्प्रिंग की कुल ऊर्जा
E = 1/2 m ω02 a2
गतिज ऊर्जा कुल ऊर्जा / कुल ऊर्जा = K/E = 3/8 m ω02 a2/1/2 ω02 a2 = 3/4
स्थितिज ऊर्जा U= E-K
स्थितिज ऊर्जा / कुल ऊर्जा = E – K/E = 1 – K/E = 1 – 3/4 = 1/4
उदाहरण-20. M द्रव्यमान के एक ठोस बेलन को k बल नियतांक के एक द्रव्यमान हीन स्प्रिंग से सम्बद्ध किया गया है। चित्रानुसार बेलन एक क्षैतिज समतल पर बिना फिसले लुढ़क सकता है। (i) यदि स्प्रिंग को दूरी a खींचकर तन्त्र को मुक्त कर दिया जाये तो साम्यावस्था से गुजरते समय बेलन की स्थानान्तरीय एवं घूर्णी गतिज ऊर्जाओं को ज्ञात कीजिए, (ii) सिद्ध किजिए की बेलन का आवर्तकाल
T = 2π √3M/2K होता है।
हल : a दूरी से बेलन को खींचकर मुक्त करते समय तन्त्र की स्थितिज ऊर्जा
U = 1/2 ka2
यही तन्त्र की सम्पूर्ण ऊर्जा है क्योंकि इस क्षण तन्त्र की गतिज ऊर्जा शून्य होती है।
साम्यावस्था से गुजरते समय तंत्र की स्थितिज ऊर्जा शून्य होती है और सम्पूर्ण ऊर्जा गतिज ऊर्जा के रूप में होती है। यदि इस क्षण बेलन का वेग v हो तो
सम्पूर्ण ऊर्जा = स्थानान्तरीय ऊर्जा + घूर्णन ऊर्जा
1/2 ka2 = 1/2 mv2 + 1/2 I ω2
बेलन का जड़त्व आघूर्ण I = 1/2 MR2
कोणीय वेग ω = V/R
यहाँ R बेलन की त्रिज्या है।
1/2 ka2 = 1/2 mv2 + 1/2 (1/2 MR2) V2/R2
1/2 ka2 = 3/4 mv2
Mv2 = 2/3 ka2
स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा = 1/2 Mv2 = 1/3 ka2
घूर्णन गतिज ऊर्जा = 1/2 I ω2 = 1/4 mv2 = 1/6 ka2
ऊर्जा के संरक्षण के नियमानुसार विस्थापन x पर ऊर्जा का समीकरण लिख सकते हैं :
1/2 kx2 + 1/2 mv2 + 1/2 Iω2 = E
1/2 kx2 + 1/2 m (dx/dt)2 + 1/2 1/R2 (dx/dt)2 = E
1/2 kx2 + 1/2 M (dx/dt)2 + 1/2 (1/2 MR2) 1/R2 (dx/dt)2 = E
1/2 kx2 + 3/4 M (dx/dt)2 = E
समय के सापेक्ष अवकलन करने पर
1/2 K (2x) dx/dt + 3/4 M 2 (dx/dt) d2x/dt2 = 0
या d2x/dt2 + 2k/3m x = 0
यह समीकरण SHM को व्यक्त करता है, जिसका आवर्तकाल है
T = 2π √3M/2K
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