JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: chemistry

शून्य कोटि की अभिक्रिया के लिए दर स्थिरांक ज्ञात करने का व्यंजक व्युत्पन्न कीजिए। अभिक्रियाएं (ZERO ORDER REACTIONS)

अभिक्रियाएं (ZERO ORDER REACTIONS in hindi) शून्य कोटि की अभिक्रिया के लिए दर स्थिरांक ज्ञात करने का व्यंजक व्युत्पन्न कीजिए। 

सरल रासायनिक अभिक्रियाओं के गणितीय लक्षण (MATEMATICAL CHARACTERISTICS OF SIMPLE CHEMICAL REACTIONS )

रासायनिक अभिक्रियाओं के वेग नियम के लिए दो प्रकार क गणिताय रूपा का प्रयोग वकालत रूप तथा समाकलित रूप जिनका रासायनिक बलगतिकी की विभिन्न गणनाओं में उप किया जाता है। शन्य प्रथम दितीय व एटम कोटि अभिक्रियाओं के लिए अवकलित तथा समाकलित जाता है—अवकलित रूप तथा समाकलित र समीकरणे नीचे दी जा रही हैं।

  1. शून्य कोटि की अभिक्रियाएं (ZERO ORDER REACTIONS) : अब हम विभिन्न कोटियों के वेग समीकरणों के अवकलित एवं समाकालत रूपा का अध्ययन करेंगे।

(अ) शून्य कोटि अभिक्रियाओं की अवकलित वेग समीकरण (Differential Rate Equation of Zero Order Reactions)

उस अभिक्रिया को शून्य कोटि की अभिक्रिया कहा जाता है जिसका वेग उसके क्रियाकारक की सान्द्रता की शून्य घातांक पर निर्भर करता हो। उदाहरणार्थ, एक सामान्य अभिक्रिया

A → Product

के लिए शून्य कोटि की वेग समीकरण निम्न होगी :

वेग « [A]

अथवा d[A] /dt =k0[ A] [जहां ko = शून्य कोटि का वेग स्थिरांक]

अथवा -d [A]/dt = k0  [A]0 = 1

Dx/dt = k0       ….(9)

उपर्युक्त प्रकार की समीकरणों को वेग की अवकलित समीकरण कहा जाता है और समीकरण (9) शून्य कोटि की एक सामान्य अभिक्रिया के लिए अवकलित वेग समीकरण है। अवकलित वेग समीकरणे यह दर्शाती हैं कि अभिक्रिया का वेग क्रियाकारक की सान्द्रता पर किस प्रकार निर्भर करता है। समीकरण (9) में चूंकि सान्द्रता का पद ही नहीं है, इससे निष्कर्ष निकलता है कि शून्य कोटि की अभिक्रिया का वेग क्रियाकारक की सान्द्रता पर निर्भर नहीं करता है।

(ब) शून्य कोटि अभिक्रियाओं की समाकलित वेग समीकरण (Integrated Rate Equation of Zero Order Reactions) समीकरण (9) को निम्न प्रकार भी लिखा जा सकता है :

dx = kodt

उपर्युक्त समीकरण का समाकलन करने पर,

x=kot+C …(10)

[जहां C = समाकलन स्थिरांक]

अभिक्रिया के बिल्कुल प्रारम्भ में अर्थात् जब t = 0 हो तो x का मान भी शून्य होगा क्योंकि उस समय उत्पाद (x) बना ही नहीं होगा। इस स्थिति में समीकरण (10) में

C = 0

हो जाएगा। C के इस मान को समीकरण (23) में रखने पर, x = kot …(11)

समाकलित वेग समीकरणे यह दर्शाती हैं कि अभिकारक की सान्द्रता समय के साथ किस प्रकार परिवर्तित होती है।

समीकरण (11) से, X – t

अर्थात् शून्य कोटि की अभिक्रियाओं में समय के साथ उत्पाद की सान्द्रता बढ़ती जाती है। चूंकि इस समीकरण 271 में क्रियाकारक की प्रारम्भिक सान्द्रता (a) का कोई पद नहीं है, अतः शून्य कोटि की अभिक्रियाएं क्रियाकारक की प्रारम्भिक सान्द्रता पर निर्भर नहीं करती हैं।

लक्षण (Characteristics) एक शून्य कोटि की अभिक्रिया के निम्नलिखित लक्षण होते हैं : WEST

  • ko = x /t  अतः वेग स्थिरांक ko के मात्रक होंगे सान्द्रता/समय

इसकी इकाई होगी =mol 1-1 s-1

  • x – t अर्थात् समय के साथ उत्पाद की सान्द्रता (x) का मान बढ़ता जाता है और यदि उत्पाद की सान्द्रता को समय के विरुद्ध आलेखित किया जाए तो एक सीधी रेखा प्राप्त होगी (चित्र 4)।

(3) शून्य अभिक्रियाओं का एक सबसे महत्वपूर्ण लक्षण है इनकी अर्धायु (t1/2), जो कि क्रियाकारक की प्रारम्भिक सान्द्रता पर निर्भर करती है। अर्धायु उस समय को कहा जाता है जिस समय में किसी क्रियाकारक की सान्द्रता का मान आधा रह जाए। अतः समीकरण

(11) में, यदि x = a/2 t = t1/2  हो तो

a/2 = k0t1/2

अथवा [t1/2 a] ……………(12)

अथात् एक शून्य कोटि की अभिक्रिया की अर्घायु उसके क्रियाकारक की सान्द्रता के समानुपाती होती है।

यदि दो अथवा अधिक क्रियाकारकों की परस्पर क्रिया हो रही हो तो किसी एक क्रियाकारक के प्रति अभिक्रिया की कोटि शून्य हो सकती है। उदाहरणार्थ, ।

CH3COCH3 +12 – CH3COCH2I + HI

उपर्युक्त अभिक्रिया के लिए वेग = k[CH3COCH3]

अर्थात् अभिक्रिया ऐसीटोन के लिए तो प्रथम कोटि की है लेकिन आयोडीन के लिए शून्य कोटि की है यद्यपि अभिक्रिया में आयोडीन भाग ले रही है और अभिक्रिया की प्रगति के साथ आयोडीन प्रयुक्त होती जाती है।

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now