शुक्रजनक नलिका की संरचना का वर्णन करें। seminiferous tubules structure and function in hindi

प्रश्न 5. शुक्रजनक नलिका की संरचना का वर्णन करें। (seminiferous tubules structure and function in hindi)
उत्तर : शुक्रजनक नलिका (Seminiferous tubules) – वृषण का निर्माण अनेक पालियों के द्वारा होता है जिनमें से प्रत्येक वृषण में एक से लेकर तीन शुक्रजनक नलिकाएँ (seminiferous tubules) पायी जाती है। अर्थात प्रत्येक वृषण में एक से तीन तक शुक्रजनक नलिकाएँ पायी जा सकती है और ये शुक्रजनक नलिकाएँ अत्यधिक कुंडलित अवस्था में होती है | इन शुक्रजनक नलिकाओं में शुक्राणुओं का निर्माण होता है | हर एक शुक्रजनक नलिका दो प्रकार की नलिकाओं के द्वारा घिरी हुई पायी जाती है | इन कोशिकाओं को नर जर्म कोशिकाएं (स्पर्मेटोगोनिया) और सर्टोली कोशिकाएं कहा जाता है |

शुक्रजनक नलिकाओं के बाहर संयोजी ऊतक में स्थान-स्थान पर अन्तराली कोशिकाओं (interstitial cells) के समूह स्थित होते हैं। इन्हें लेडिग कोशिकाएँ (Leydig’s cells) भी कहा जाता हैं। इनसे सावित नर हॉर्मोन्स (testosterone) के कारण द्वितीयक लैगिक लक्षण का विकास होता है।

नर जर्म कोशिकाओं (स्पर्मेटोगोनिया) में अर्धसूत्री विभाजन पाया जाता है जिसका कार्य शुक्राणु निर्माण का होता है | जबकि सर्टोली कोशिकाओं का कार्य जर्म कोशिकाओं (स्पर्मेटोगोनिया) को पोषण प्रदान करना होता है | शुक्रजनक नलिका के बाहरी भाग को अन्तराली अवकाश कहा जाता है |  इस खाली या रिक्त स्थान के बाहर के क्षेत्रों में छोटी रक्त वाहिकाएं तथा लेडिग कोशिकाएं पायी जाती हैं। लेडिग कोशिकाओं का कार्य एण्ड्रोजन हार्मोन का संश्लेषण तथा स्राव करना होता है |
प्रत्येक शुक्रजनक नलिका पतली और कुण्डलित अवस्था में पायी जाती है। इसकी भीतरी पर्त को जनन एपिथीलियम (germinal epithelium) कहा जाता हैं। जनन एपिथीलियम का निर्माण मुख्य रूप से जनन कोशिकाओं (germ cells) के द्वारा होता है , इनके मध्य या बीच के स्थान-स्थान पर सर्टोली कोशिकाएँ (Sertoli cells or nurse cells) पायी जाती हैं। जनन कोशिकाओं से शुक्रजनन द्वारा शुक्राणुओं का निर्माण होता है। शुक्राणु सटॉली कोशिकाओं से पोषक पदार्थ और ऑक्सीजन प्राप्त किया जाता है।

शुक्रजनक नलिका की संरचना निम्न प्रकार से नामांकित की जाती है –