व्यावसायिक पत्र लेखन हिंदी कैसे लिखते है ? प्रकार , की विशेषताएं , व्यावसायिक पत्र किसे कहते हैं ?
(5) व्यावसायिक पत्र
दो व्यापारिक संस्थानों के बीच अथवा व्यावसायिक संस्थान और ग्राहक के बीच व्यावसायिक पत्रों का आदान-प्रदान होता है । यदि दो व्यावसायिक संस्थानों के बीच पत्राचार होता है तो निम्नांकित बातों पर ध्यान देना चाहिए—कागज के ऊपर प्रेषक का पता और दायीं ओर दिनांक अंकित करना चाहिए । बायीं ओर प्रेषिती का पता लिखकर उसके नीचे सम्बोधन शब्द श्महोदयश् लिखकर पत्र लिखना शुरू करना चाहिए । सबसे नीचे समापन शब्द श्भवदीयश् या श्आपकाश् लिखकर हस्ताक्षर करना चाहिए तथा पत्र लिख देना चाहिए । उदाहरण के लिए दो व्यावसायिक संस्थाओं के बीच पत्राचार का नमूना—
नमूना-1
भारतीय भण्डार
स्टेशन रोड, सीवान (बिहार)
दिनांक 10-7-77
सहायक मंत्री,
नागरी प्रचारिणी सभा,
वाराणसी-1
प्रिय महोदय,
बिहार विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से पता चला है कि सभा ने निम्नलिखित पुस्तकें प्रकाशित की हैं-
(1) हिन्दी साहित्य का इतिहास— रामचन्द्र शुक्ल ।
(2) त्रिवेणी– रामचन्द्र शुक्ल ।
(3) तुलसीदास—-रामचन्द्र शुक्ल ।
(4) सूरदास—-रामचन्द्र शुक्ल ।
(5) जायसी ग्रंथावली-्-सं० पा० रामचन्द्र शुक्ल ।
कृपया लौटती डाक से यह बताने का कष्ट करें कि आप 25प्रतिशत कमीशन काटकर पुस्तकें भेजने के लिए तैयार हैं अथवा नहीं । पत्रोत्तर मिलने पर उपर्युक्त पुस्तकों का आर्डर भेज दिया जायगा।
भवदीय,
राधेश्याम सिंह
स्वत्वाधिकारी
नमूना–2
नागरी प्रचारिणी सभा
वाराणसी-1
दिनांक 17-7-77
श्री राधेश्याम सिंह,
स्वत्वाधिकारी
भारतीय भण्डार, स्टेशन रोड,
सीवान (बिहार)
प्रिय महोदय,
आपका 10-7-77 का पत्र मिला । हम 25प्रतिशत कमीशन दे सकते हैं । कृपया यह आदेश भेजें कि किन-किन पुस्तकों की कितनी प्रतियाँ चाहिए । सभा का सूचीपत्र संलग्न है । सभा ने बहुत ही महत्वपूर्ण पुस्तकें प्रकाशित की हैं। यदि आप अन्य पुस्तकों का भी आदेश दें तो सभी पुस्तकें एक साथ भेज दी जायेंगी।
भवदीय,
शम्भुनाथ वाजपेयी
सहायक मंत्री
यदि ग्राहक की ओर से व्यावसायिक संस्था को पत्र लिखना है तो उसे निम्नांकित ढंग से लिखा जाता है
प्रदीप श्रीवास्तव
मु० पो० मैरवा,
सीवान (बिहार)
15-7-76
सहायक मंत्री,
नागरी प्रचारिणी सभा,
वाराणसी-1
प्रिय महोदय,
उचित कमीशन काटकर निम्नलिखित पुस्तकें वी० पी० पी० द्वारा अविलम्ब भेजने का कष्ट करें।
(1) हिन्दी शब्द सागर 1 सेट
(2) हिन्दी साहित्य का इतिहास-शुक्ल 1 प्रति
(3) तुलसी ग्रंथावली 1 सेट
(4) त्रिवेणी-आचार्य शुक्ल 1 प्रति
(5) हिन्दी साहित्य का बृहत् इतिहास–सोलहवाँ खण्ड- 1 प्रति
यदि कोई पुस्तक अनुपलब्ध है तो उसकी सूचना दें। .
भवदीय,
प्रदीप श्रीवास्तव