प्रश्न 4. वृषण तथा अंडाशय के बारे में प्रत्येक के दो-दो प्रमुख कार्यों का वर्णन करें। (Write two major functions each of testis and ovary in hindi)
उत्तर:
वृषण के कार्य निम्नलिखित है (Functions of Testis) –
(1) वृषण में जनन कोशिकाओं से शुक्रजनन (spermatogenesis) नामक प्रक्रिया के द्वारा शुक्राणुओं (sperms) का निर्माण होता है।
(2) वृषण की सर्टोली कोशिकाएँ (Sertoli cells) शुक्रजन कोशिकाओं तथा शुक्राणुओं का पोषण करती हैं।
(3) वृषण की अन्तराली कोशिकाओं से एन्ड्रोजन (androgens) (टेस्टोस्टेरॉन) नामक हॉर्मोन्स स्रावित होते हैं, ये द्वितीयक लैंगिक लक्षणों (secondary sexual characters) के विकास को प्रेरित करते हैं या इन लक्षणों के लिए जिम्मेदार होते है |
अण्डाशय के कार्य (Functions of Ovary) निम्नलिखित है –
(1) अण्डाशय की जनन कोशिकाओं से अण्डजनन नामक प्रक्रिया द्वारा अण्डाणुओं (ova) का निर्माण होता है।
(2) अण्डाशय की ग्राफियन पुटिका (Graafian follicle) से एस्ट्रोजन नामक हॉर्मोन (estrogen hormone) स्रावित होता है, यह स्त्रियों के द्वितीयक लैंगिक लक्षणों को प्रेरित करता है या इन लक्षणों के लिए जिम्मेदार होते है |
(3) अण्डाशय में बनी संरचना कॉर्पस ल्यूटियम (corpus luteum) से स्रावित प्रोजेस्टेरॉन (progesterone) नामक हॉर्मोन गर्भाशय में निषेचित अण्डाणु को स्थापित करने में सहायक होता है।
समझने के लिए सरल भाषा में निम्न प्रकार समझे –
वृषण के कार्य :
वृषण में शुक्राणुजनन नामक प्रक्रिया संपन्न होती है और इसी प्रक्रिया के कारण इसमें नर युग्मक शुक्राणुओं का निर्माण हो पाता है |
वृषण में उपस्थित शुक्रजनक नलिकाओं की लेंडिंग नामक कोशिकाओं के द्वारा मुख्य नर हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का स्त्रावण होता है , यह टेस्टोस्टेरोन द्वितीयक पुरुष विशेषताओं के लिए जिम्मेदार होता है |
अंडाशय के कार्य :
अंडाशय में अंडजनन नाम की प्रक्रिया संपन्न होती है जिसके द्वारा स्त्री में मादा युग्मक अंडाणुओं का निर्माण होता है |
अंडाशय में ग्रैफियन नामक पुटिकाएं उपस्थित होती है जहाँ से एस्ट्रोजेन नामक मादा हार्मोन स्त्रावित होती है और यही एस्ट्रोजेन हार्मोन महिला में द्वितीयक शारीरिक विशेषताओं के विकास के लिए जिम्मेदार होता है अर्थात महिला में महिला के गुण दिखाए देने का कारण यही हार्मोन होता है |