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राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण स्थापना कब हुई थी , एनआईए क्या है National Investigation Agency (NIA in hindi)

National Investigation Agency (NIA in hindi) राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण स्थापना कब हुई थी , एनआईए क्या है किसे कहते है ?

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण
[National Investigation Agency ] (NIA),

एनआईए की स्थापना
एनआईए की स्थापना 2009 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण अधिनियम, 2008 (NIA Act, 2008) के प्रावधानों के अंतर्गत की गई। यह देश की केन्द्रीय आतंकरोधी कानून प्रवर्तन ऐजेंसी
एनआईए की स्थापना मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमले (26/11) की पृष्ठभूमि में की गई। राष्ट्रीय स्तर पर इस हमले के बाद जो भय और आतंक का वातावरण बना, उससे देश में एक ऐसे संघीय अभिकरण (ऐजेंसी) की जरूरत अनुभव की गई जो विशेष तौर पर आतंक से जुड़े अपराधों की रोकथाम में प्रयुक्त हो।
एनआईए का मुख्यालय दिल्ली में है। हैदराबाद, गुवाहाटी, मुंबई, लखनऊ, कोच्चि, कोलकाता, जम्मू तथा रायपुर में इसके शाखा कार्यालय हैं। इसके अतिरिक्त एनआईए का एक विशेष कोषांग सेल भी है-टीएफएफसी सेल (ज्थ्थ्ब् ब्मसस) जो जाली मुद्रा तथा आतंकी वित्तपोषण (terror funding) से सम्बन्धित मामले देखता है।
एनआईए, एक महानिदेशक के अधीन कार्य करता है जिसकी नियुक्ति केन्द्र सरकार करती है। उसकी शक्तियां किसी राज्य के पुलिस
महानिदेशक को प्राप्त शक्ति के बराबर होती है।
एनआईए गृह मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासकीय नियंत्रण में कार्य करता है। राज्य सरकारें एनआईए कानून में निर्दिष्ट अपराधों की जांच के लिए एनआईए को पूर्ण सहयोग प्रदान करती हैं।
एनआईए का औचित्य
एनआइए विधेयक को संसद में प्रस्तुत करते हुए भारत सरकार ने इसकी स्थापना के लिए निम्नलिखित कारण बताए:
1. पिछले कुछ वर्षों से भारत सीमा पार से प्रायोजित बड़े पैमाने पर आतंकवादी हिंसा का शिकार रहा है। अनगिनत आतंकी हमले न केवल उग्रवाद एवं अलगाववाद साथ ही वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों, बल्कि घनी आबादी वाले आम शहरों एवं महत्वपूर्ण ठिकानों पर भी हुए।
2. इनमें से बड़ी संख्या में ऐसी वारदातें शामिल थीं जिनमें जटिल अन्तरप्रांतीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सम्बद्धताएं पाई गई। साथ ही इनका सम्बन्ध हथियारों और नशीली दवाओं की तस्करी, जाली भारतीय मुद्रा का प्रसार तथा सीमा पार से घुसपैठ से भी था।
3. इन सबको ध्यान में रखते हुए केन्द्र स्तर पर एक ऐसी ऐजेंसी की स्थापना की आवश्यकता अनुभव की गई जो विशेष तौर पर आतंकवाद एवं अन्य गतिविधियों की जांच तथा अनुसंधान करे, क्योंकि इन घटनाओं का प्रभाव राष्ट्रव्यापी होता है।
4. कतिपय विशेषज्ञ समितियों तथा द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग ने भी ऐसी ऐजेंसी की स्थापना की अनिवार्यता बताई है।
5. सरकार ने मामले पर सम्यक विचारोपरान्त राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण, एनआईए की स्थापना के लिए एक अधिनियम लाने का प्रस्ताव किया जो कि समवर्ती सूची के अंतर्गत क्षेत्राधिकार में काम करे। इसमें विशेष प्रकार की वारदातों के अंतर्गत विशेष मामलों को हाथ में लेने के प्रावधान हैं। ये प्रावधान एनआईए विधेयक, 2008 में समाहित होने के लिए प्रस्तावित किए गए हैं।
एनआईए के कार्य
एनआईए कानून में अधिसूचित विविध कृत्यों के अंतर्गत अपराधों की जांच एवं अभियोजन के लिए एनआईए अधिकृत एवं अधिदेशित है। अपने अधिदेश (उंदकंजम) के अनुपालन में एनआईए आतंकरोधी अन्वेषण के लिए तथ्यों का संग्रहण, मिलान एवं विश्लेषण करता है। वह केन्द्र एवं राज्य सरकार स्तर पर सहायक आसूचना (खुफिया) ऐजेन्सियों के साथ इनपुट भी साझा करता है।
अधिक विवरण के लिए एनआईए को सौंपे गए कार्य निम्नलिखित हैः
1. एनआईए कानून की अनुसूची में वर्णित कृत्यों की जांच और अभियोग दायर करना।
2. केन्द्र और राज्य सरकारों की आसूचना एवं जांच ऐजेन्सियों को सहयोग करना एवं उनसे सहयोग लेना।
3. एनआईए कानून के त्वरित एवं प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जरूरी अन्य उपाय करना।
एनआईए की लक्ष्य-दृष्टि
एनआईए की लक्ष्य-दृष्टि को निम्नलिखित बिन्दु उजागर करते हैंः
1. एनआईए का लक्ष्य एक पूर्णतया पेशेवर, व्यावसायिक अन्वेषण ऐजेंसी के रूप में कार्य करना है जो सर्वोत्तम अन्तरराष्ट्रीय मानकों के समकक्ष हो।
2. उच्च प्रशिक्षित, सहभागिता उन्मुखी कार्यबल को विकसित करते हुए एनआईए, राष्ट्रीय स्तर पर आतंकरोधी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा से सम्बन्धित अन्य अन्वेषणों में उत्कृष्टता का मानक बनाने का लक्ष्य रखता है।
3. एनआईए का उद्देश्य है-संभावित आतंकी समूहोंध्व्यक्तियों के लिए सृजित करना।
4. एनआईए का उद्देश्य है-आतंकवाद से सम्बन्धित समस्त सूचनाओं के भण्डारगृह के रूप में विकसित होना।
एनआईए का लक्ष्य
एनआईए के निम्नलिखित लक्ष्य हैंः
1. अन्वेषण की अद्यतन वैज्ञानिक प्रविधियों का उपयोग करके अनुसूचित अपराधों का गहरा पेशेवर अन्वेषण, और ऐसे स्तर व मानक स्थापित करना जिससे कि एनआईए को सुपुर्द किए गए सभी मामलों की जांच पूरी हो जाए।
2. प्रभावी एवं त्वरित मुकदमाध्सुनवाई सुनिश्चित करना।
3. एक पूर्णतया पेशेवर, परिणाम-उन्मुख संगठन के रूप में विकसित होना, भारत के संविधान एवं देश के कानूनों को सर्वोपरि रखना, साथ ही मानव अधिकारों एवं व्यक्ति की गरिमा की सुरक्षा को अत्यधिक महत्व देना।
4. नियमित प्रशिक्षण तथा सर्वोत्तम प्रचलनों एवं प्रविधियों में अपनाकर एक पेशेवर कार्यबल तैयार करना।
5. सौंपे गए कार्यों को वैज्ञानिक सोच एवं प्रगतिवादी भावना के साथ सम्पन्न करना।
6. ऐजेंसी की गतिविधियों के हर आयाम में आधुनिक प्रविधियों तथा अद्यतन तकनीक को शामिल करना।
7. राज्यों एवं संघीय क्षेत्रों की सरकारों तथा अन्य जांच ऐजेंसियों के साथ पेशेवर और मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध रखना ताकि एनआईए कानून के प्रावधानों का पालन किया जा सके।
8. आतंकियों से सम्बन्धित मामलों में सभी राज्यों एवं अन्य जांच ऐजेन्सियों को सहयोग देना।
9. आतंक से जुड़ी सूचना का एक डाटावेस तैयार करके राज्यों तथा अन्य ऐजेन्सियों के डाटाबेस के साथ साझा करना।
10. अन्य देशों के आतंकवाद निरोधक कानूनों का अध्ययन एवं विश्लेषण करते हुए भारत में लागू कानूनों की प्रयोज्यता एवं पर्याप्ता का मूल्यांकन करना तथा आवश्यक परिवर्तन सुझाना।
11. निःस्वार्थ एवं निर्भीक सेवा से भारत के नागरिकों का विश्वास जीतना।
एनआईए का अधिकार क्षेत्र
ऐसे मामलों में अन्वेषण एवं अभियोजन का एनआईए को समवर्ती क्षेत्राधिकार (ब्वदबनततमदज रनतपेकपबजपवद) प्राप्त है जिनसे देश की सम्प्रभुता, सुरक्षा तथा अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों से मैत्री सम्बन्ध प्रभावित होते हों। इसके अलावा अन्तरराष्ट्रीय समझौतों का पालन करने संयुक्त राष्ट्र इसकी ऐजेन्सियों तथा अन्य अन्तरराष्ट्रीय संगठनों के अभिसमयों एवं प्रस्तावों का पालन करने के लिए अधिनियमित कानूनों के अंतर्गत घोषित अपराधों की जांच एवं अभियोजन का भी अधिकार एनआईए को प्राप्त है।
एनआईए आतंकी हमलों, जिसमें बम विस्फोट, विमान एवं जहाजों का बल्लान्नयन, परमाणु संयंत्रों पर हमले तथा नरसंहार के शस्त्रों का उपयोग शामिल है, की जांच के लिए अधिकृत और शक्तिमत है।
2019 में एनआईए का अधिकार क्षेत्र विस्तारित किया गया। परिणामस्वरूप, अब एनआईए मानव तस्करी, नकली मुद्रा अथवा बैंक नोट निषिद्ध हथियारों का निर्माण एवं बिक्री, साइबर आतंकवाद तथा विस्फोटक सामग्री सम्बन्धी मामलों की भी जांच कर सकता है
एनआईए (संशोधन) अधिनियम, 2019
संशोधन के अंतर्गत निम्नलिखित प्रावधान हैंः
1. इसके द्वारा एनआईए कानून के प्रावधानों को व्यक्तियों तक विस्तारित एवं लागू कर दिया है जो अनुसूचित अपराध भारतीय नागरिकों के विरुद्ध करते हैं, अथवा भारत के हितों को प्रभावित करते हैं।
2. अपराध के अन्वेषण में न केवल भारत के अंदर बल्कि भारत के बाहर भी एनआईए के अधिकारियों को पुलिस अधिकारियों के बराबर ही अधिकार प्राप्त होंगे।
3. केन्द्र सरकार को अधिकार होगा कि वह भारत के बाहर किए गए किसी अपराध के मामले के अन्वेषण के लिए एनआईए को मामला दर्ज करने के लिए उसी प्रकार कह सकती है जैसे कि वह अपराध देश के अंदर हुआ हो।
4. केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारें एनआईए कानून के अंतर्गत अपराध के मुकदमों के लिए सत्र न्यायालयों को विशेष न्यायालय के रूप में पदनामित कर सकती हैं।
5. एनआईए कानून की अनुसूची में कतिपय नये अपराधों/कृत्यों को जोड़ा गया।

टिप्पणी एवं संदर्भ
1. एनआईए विधेयक, 2018 में उद्देश्यों एवं कारणों के कथनों पर आधारित।
2. द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग (अध्यक्ष वीरप्पा मोइली), 2005-09, का प्रतिवेदन ‘कोम्बाटिंग टेररिज्म‘(2008)
3. नेशनल इनवेस्टिगेशन ऐजेंसी (मैनर ऑफ कंस्टीट्यूशन) रूल्स, 2008
4. वाइड एनआईए (अमेंडमेंट) एक्ट, 2019
5. एनआईए (संशोधन) विधेयक 2019 से जुड़े, उद्देश्य एवं कारण कथन पर आधारित।
6. उपरोक्त शीर्षक (एनआईए का क्षेत्राधिकार) का अंतिम पैरा देखें।

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