JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Uncategorized

राष्ट्रमंडल क्या है ? , सरकार के प्रकारः अध्यक्षात्मक बनाम संसदीय

1. राष्ट्रमण्डल 1949 में अस्तित्व में आया। इससे पहले इसे
ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल कहा जाता था राष्ट्रमण्डल में कोई भी
गणराज्य सदस्य बन सकता है जबकि ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल में
ऐसा नहीं था।
2. राष्ट्रमण्डल, जैसा कि आज है, एक विधिक संस्था नहीं है।
बल्कि एक राज्यों का अनौपचारिक समूह है जो कभी ब्रिटिश
सम्राज्य से संबंधित रहे थें ।
3. राष्ट्रमण्डल में सम्मिलित अधिराज्य ब्रिटिश क्राउन को राष्ट्रमण्डल
का प्रमुख स्वीकार करते हैं जबकि गणराज्य इन्हे सांकेतिक
प्रमुख स्वीकार करते हैं।
4. चुकि राष्ट्रमण्डल एक विधिक संस्था नहीं हैं, इसलिए यह
अपनी बैठको में न हीं कोई अनुबंध करती है और न कोई
प्रस्ताव पारित करती है। प्रत्येक राष्ट्रमण्डल बैठक के बाद
केवल एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी जाती है।
5. भारत को राष्ट्रमण्डल का सदस्य होने से कुछ फायदें है
जैसे किः
(क) यह एक राज्य प्रमुख का दूसरे देशों के राज्य प्रमुख से
प्रत्यक्ष संवाद का एक दुर्लभ अवसर प्रदान करता है।
इससे एक ओर मनमुटावों को दूर करने का अवसर
मिलता हैं वहीं दूसरी ओर दूसरे देशों के विभिन्न मुद्वों पर
क्या विचार हैं यह जानने का भी अवसर प्राप्त होता है।
(ख) राष्ट्रमण्डल देशों के अनुभव लगभग एक समान हैं। क्योंकि
उनके द्वारा समान तरह की कई व्यवस्थाएं, जो औपनिवेशिक
काल में ब्रिटेन द्वारा प्रारभ्भ की गई थी, अभी भी कमोवेश
कार्यरत हैं। यह स्थिति सदस्यों को समान हित के मुद्वों
पर विचारों के आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करती है।
(ग) भारत को एक विशेष लाभ भी है। अक्सर अंतराष्ट्रीय
बिरादरी में भारत पर भूतपूर्व सोवियत खेमें में शमिल होने
का आरोप लगाया जाता रहा है। लेकिन राष्ट्रमण्डल के
सदस्य होने के नाते यह आरोप झूठा साबित हुआ है।

सरकार के प्रकारः अध्यक्षात्मक बनाम संसदीय

सामान्यतः लोकतंत्रात्मक सरकारें या तो अध्यक्षीय प्रकार की होती हैं
या संसदीय प्रकार की। अध्यक्षीय शासन प्रणाली में मुख्य कार्यकारी,
जिसे सामान्यतः राष्ट्रपति कहा जाता है, जनता द्वारा प्रत्यक्षतः निर्वाचित
होता है। वह विधायिका के प्रति उत्तरदायी नहीं होता है। राष्ट्रपति को
आम तौर पर महाभियोग प्रक्रिया द्वारा हटाया जाता है। राष्ट्रपति के
सलाहकारों को राष्ट्रपति द्वारा ही स्वविवेक रूप से चुना जाता है। ये
सलाहकार विधायिका के सदस्य नहीं होते हैं। जबकि दूसरी ओर संसदीय
लोकतंत्रात्मक व्यवस्था में मुख्य कार्यकारी, जिसे प्रधानमंत्री कहा जाता है
तथा इनके सलाहकारों को जिन्हंे सामूहिक रूप से मंत्रि-परिषद कहा जाता
है, को विधायिका से चुना जाता है। साथ हीं मंत्रि-परिषद व्यक्तिगत एवं
सामूहिक दोनों रूपों में विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है। प्रधानमंत्री टीम
के सदस्य संसदीय शासन व्यवस्था में प्रशिक्षित होते हैं तथा विधायिका में
उनके कार्यकाल की समाप्ति पर उन्हे टीम से बाहर होना पड़ता है।
भारत में संसदीय व्यवस्था को ही क्यांे अपनाया गया-
(1) भारत के लोग इस व्यवस्था से मोर्ले-मिण्टो सुधार, (1909)
से ही परिचित थे।
(2) इसके तहत् चुनाव प्रणाली के सरलतम माध्यम को अपनाया
जा सकता है जो कि उस जनसमूह के लिए उपयुक्त हो
जिसकी अधिकतम जनसंख्या निरक्षर हो।
(3) क्योंकि मंत्री परिषद के सदस्य विधायिका के भी सदस्य होते
हंै, एवं विधायिका एक लघु राष्ट्र के रूप में कार्य करती है,
अतः इसके माध्यम से विजातीय जनसंख्या के सभी वर्गों को
समान प्रतिनिधित्व का अवसर मिल जाता है।
इसके अतिरिक्त अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में कार्यपालिका तथा विधयिका
के बीच स्पष्ट विभाजन पाया जाता है, जो कि विधेयकों एवं बजट के पारित
होने में गतिरोध द्वारा दोनांे में टकराव उत्पन्न कर सकता है और यह
नवजात भारत के शासन-प्रशासन के सुचारू संचालन के लिए अनुकूल
नहीं हो सकता था। इसके अलावा भारत जैसे विविधतापूर्ण विजातीय समाज
में यह संभव नहीं हो सकता कि एक अकेला नेता सभी वर्गों का समर्थन
प्राप्त कर पाए।
हांलाकि संसदीय शासन व्यवस्था की आलोचना भी इस आधार पर की
जाती रही है कि यह सरकार में अस्थायित्व लाता है। इस कमजोरी को
फिर भी दूर किया जा सकता है और इसके लिए हमें स्वस्थ्य एवं मजबूत
गठबंधन-राजनीति संस्कृति विकसित करनी होगी जैसा कि केरल राज्य
में सिद्ध हो चुका है।
इसलिए अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली में कई सकारात्मकताओं के होने के
बावजूद भारत के लिए संसदीय व्यवस्था हीं सर्वाधिक उपयुक्त प्रतीत होती
है।

Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

12 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

13 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now