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युग्मित दोलक क्या होते हैं Coupled Oscillators in hindi definition कम्पन विधा (mode of vibration)

यहाँ पर हम विस्तार से पढेंगे कि युग्मित दोलक क्या होते हैं Coupled Oscillators in hindi definition कम्पन विधा (mode of vibration) ?

युग्मित दोलक (Coupled Oscillators)

स्वतंत्र दोलक के अध्ययन से यह ज्ञात होता है कि वह एक निश्चित आवृत्ति से कम्पन कर इस कम्पन को उसकी कम्पन विधा (mode of vibration) कहते हैं। जब कम्पन विधा कवल एक घर (variable) पर निर्भर होती है तो वह उसकी सामान्य विधा (normal mode) कहलाती है। स्वतत्र दालक की केवल एक सामान्य विधा होती है। स्वतंत्र दोलक काल्पनिक होता है क्योंकि पूर्णतः पृथक्कृत वाला का अस्तित्व संभव नहीं है। सामान्यतः कोई भी दोलक अपने समीपवर्ती अन्य दोलन तत्रो से युग्मित हात है । तरग गति इन्हीं समीपवर्ती युग्मित दोलकों के अस्तित्व के कारण होती है। जिन परस्पर ऊजा का विनिमय (exchange) होता है।
यदि दो समान स्वतंत्र दोलकों को चित्र (1) के अनुसार किसी स्प्रिंग से युग्मित किया जाये तो इस स्थिति में दोनों दोलकों की गति, एक-दूसरे से स्वतंत्र रूप में नहीं होती है अर्थात् उनकी गति एक-दूसरे पर आधारित होती है। इस प्रकार के दोलकों को युग्मित दोलक (coupled oscillators) तथा उनके दोलनों को युग्मित दोलन (coupled oscillations) कहते हैं। युग्मित दोलकों के अन्य उदाहरण हैं-स्प्रिंग द्वारा जुड़े दो दोलक चित्र (1), तीन स्प्रिंगों से जुड़े दो द्रव्यमान चित्र (2), दो युग्मित दोलन चित्र (3), ऐंठन लोलक चित्र (4), दो युग्मित L-C परिपथ चित्र (5), H2O अणु चित्र (6), CO2 अणु चित्र (7), भारित डोरी (loaded string) क्रिस्टल (ठोस) में परमाणु के कम्पन, ……………. इत्यादि।

दो दोलकों के आपस में युग्मन के कारण उत्पन्न प्रभाव को इन दोलकों के बीच में ऊर्जा के आदान-प्रदान (exchange of energy) के रूप में देखा जा सकता है इसलिए युग्मित दोलकों की सामान्य गति को उनकी सामान्य विधाओं के अध्यारोपण (superposition of normal modes) के रूप में प्रदर्शित करते हैं। दो समान युग्मित दोलकों चित्र (1) की दो सामान्य विधायें होती हैं तथा प्रत्येक विध । की अलग-अलग आवृत्ति होती है। जब युग्मित दोलकों की गति को केवल एक समान्य विधा के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है तो उनके आयाम नियत रहते हैं जिससे उनकी ऊजायें भी नियत रहती हैं अर्थात् उनके बीच में ऊर्जा का आदान प्रदान नहीं होता है। व्यापक रूप से युग्मित दोलकों की गति की व्याख्या सामान्य विधाओं के अध्यारोपण द्वारा की जाती है। इस गति में प्रत्येक दोलक का आयाम नियत नहीं रहता है, क्योंकि विभिन्न सामान्य विधाओं की आवृत्तियाँ अलग-अलग होती हैं। सामान्यतया यह देखा जाता है कि जब एक दोलक का आयाम बढ़ता है तो दूसरे दोलक का आयाम घटता है, कुछ समय बाद उपरोक्त स्थिति बिल्कुल विपरीत हो जाती है। यह प्रक्रिया बार-बार लगातार दोहरायी जाती है। इससे स्पष्ट होता है कि युग्मित दोलकों के बीच में ऊर्जा का आदान-प्रदान होता है।
किसी अणु में उसके परमाणुओं की कम्पन गति युग्मित दोलकों के तुल्य होती है क्योंकि अणु में विभिन्न परमाणु अपनी साम्य स्थिति के इधर-उधर कम्पन गति करते हैं। इस प्रकार प्रत्येक परमाणु का कम्पन उसके पास के दूसरे परमाणुओं की कम्पन गति को प्रभावित करता है। इसलिए एक अणु के विभिन्न परमाणु मिलकर युग्मित दोलक की तरह व्यवहार करते हैं या युग्मित दोलक बनाते हैं। इसी प्रकार क्रिस्टल या ठोस में विभिन्न परमाणु एक-दूसरे से युग्मित होते हैं। रस्सी में भी बहुत अधिक संख्या के कण आपस में युग्मित होते हैं। लेकिन रस्सी के कणों की युग्मित गति, क्रिस्टल (ठोस) के परमाणुओं युग्मित गति से भिन्न होती है। यांत्रिक दोलकों में दो प्रकार से युग्मन संभव है, दुर्नम्यता (stiffness) के द्वारा तथा सहायक पिण्ड के द्रव्यमान (auxilliary mass) के द्वारा । विद्युत परिपथों में इनके अनुरूपी युग्मन धारितीय व प्रेरणिक होते है।

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