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मीटर सेतु द्वारा दिए गए तार का प्रतिरोध ज्ञात करना तथा इसके पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध ज्ञात करना।
प्रयोग-2
उद्देश्य (Object):
मीटर सेतु द्वारा दिए गए तार का प्रतिरोध ज्ञात करना तथा इसके पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध ज्ञात करना।
उपकरण (Apparatus):
मीटर सेतु, लेक्लांशी सेल, प्रतिरोध बॉक्स, प्रायोगिक प्रतिरोध तार, कुंजी, धारामापी, विसी कुंजी है संयोजक तार आदि।
परिपथ चित्र (Circuit Diagram):
सिद्धान्त (Theory)ः
मीटर सेतु, व्हीटस्टोन सेतु के सिद्धान्त पर कार्य करता है। व्हीटस्टोन सेतु की संतुलनावस्था में अज्ञात प्रतिरोध S = Q/P × R
यदि प्रतिरोध बॉक्स में प्रयुक्त प्रतिरोध त् के लिए, मीटर सेतु तार पर प्रतिरोध बॉक्स की ओर से संतुलन लम्बाई स सेमी. तथा अज्ञात प्रतिरोध तार S की ओर से संतुलन लम्बाई (100 – l ) सेमी. है तो
P = σ l तथा Q= σ (100 – l )
जहां σ = मीटर सेतु तार की प्रति सेमी. लम्बाई का प्रतिरोध है
अतः अज्ञात प्रतिरोध
S = (100 – l ) / l× R
तथा यदि दिए गए प्रतिरोध तार की लम्बाई L मी. एवं त्रिज्या r मी. है तो तार के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध
ρ = SA/L = Sπr2 / L
जहाँ S दिए गए तार का प्रतिरोध है।
प्रेक्षण (Observations) :
1. तार के प्रतिरोध के लिए सारणी:
क्रम संख्या R.B. में प्रयुक्त ज्ञात प्रतिरोध R (ओम) मीटर सेतु तार पर संतुलन लम्बाई l1 (ओम) (100. l1)
(सेमी.) अज्ञात प्रतिरोध
S= (100- l1)/ l1×R माध्य अज्ञात प्रतिरोध
S=S1 + S2 + S3/3
(ओम)
1
2
3 1
2
3 30.3
45.4
56.5 69.7
54.6
43.5S1=2.3
S2=2.4
S3=2.31
2.33
2. तार की लम्बाई स् = 20 सेमी.
3. स्क्रूगज का अल्पतमाक = चूडी अन्तराल / वृत्ताकार पैमाने पर कल भागों की संख्या 01/100 = 0.001 सेमी.
4. शून्यांकी त्रुटि e = 20 सेमी. (चिन्ह सहित)
5. तार की त्रिज्या के लिए सारणी:
क्रम संख्या प्रधान
पैमाने का पाठ्यांक
a (सेमी.) वृत्ताकार पैमाने का पाठ्यांक a कुल
पाठ्यांक
C=a +b
(सेमी.) संशोधित
पाठ्यांक
äzC-;़b) तार का माध्य व्यास
äzD1़ D2़ D3/3
(सेमी.) तार की त्रिज्या
r = D/2
(सेमी.)
वृत्ताकार पैमाने के संपाती
भाग द द× अल्पतमांक
(सेमी.)
1
2
3 0.3
0.3
0.3 44
46
45 0.044
0.046
0.045 0.344
0.346
0.345 D1=0.344
D2=0.346
D3=0.345
0.345
0.1725
गणना (Calculation):
1. तार के प्रतिरोध के लिए-
प्रथम प्रेक्षण के लिए l1 = 30.3 सेमी, 100 – l1 = 69.7 सेमी, R = 1 ओम
अतः अज्ञात प्रतिरोध S1 = ;100. l1)/ l1 × R = 69.7/30.3 × 1= 2.3 ओम
द्वितीय प्रेक्षण के लिए l1 = 45.4 सेमी, 100 – l1 = 54.6 सेमी, R = 2 ओम
अतः अज्ञात प्रतिरोध S2 = ;100. l1)/ l1 × R = 54.6/45.4 × 2= 2.4 ओम
तृतीय प्रेक्षण के लिए, l1 = 56.5 सेमी, 100 – l1 = 43.5 सेमी, R = 3 ओम
अतः अज्ञात प्रतिरोध S3 = 43.5/56.5 × 3 = 2.31 ओम
तार का माध्य प्रतिरोध S = S1 + S2 + S3 /3 = 2.3 + 2.4 + 2.31/3= 7.01/3= 2.33 ओम
2. तार की त्रिज्या के लिए-
तार का माध्य व्यास D = D1 + D2 + D3 / 3 = 0.344 + 0.346 + 0.345/3= 1.035/3 = 0.345 सेमी.
तार की त्रिज्या r = D/2 = 0.345/2=0.1725 सेमी.
या r = 0.172 × 10.2 मी.
3. तार के विशिष्ट प्रतिरोध के लिए-
तार का विशिष्ट प्रतिरोध ρ = Sπr2 /L = 2.33×3.14×;0.1725×10.2 )2 /20×10.2
या ρ = 0.218×10.2 /20 = 0.109×10.3 ओम-मीटर
या ρ = 109×10.6 ओम-मीटर
परिणाम (Result) :
दिए गए तार का प्रतिरोध 2.33 ओम तथा तार के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध 109×10.6 ओम-मीटर प्राप्त हुआ।
सावधानियाँ (Precautions)
संयोजक तारों के सिरों को रेगमाल से साफ कर लेना चाहिए।
संयोजक पेंच पूरी तरह कस लेने चाहिए।
सेल परिपथ में कुंजी का प्रयोग करना चाहिए। कुंजी केवल प्रेक्षण लेते समय ही लगानी चाहिए।
आरम्भ में धारामापी के साथ शंट लगा लेना चाहिए। लगभग अविक्षेप बिन्दु आ जाने के बाद उसे हटा देना
चाहिए।
5. प्रतिरोध बॉक्स से ऐसे प्रतिरोध के प्लग निकालने चाहिए कि अविक्षेप बिन्दु तार पर 30 सेमी० तथा 70 सेमी. के बीच ही प्राप्त हो।
6. विसी कुंजी को तार पर दबाकर खिसकाना नहीं चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से कहीं-कही पर तार घिस जाता है और उसकी पूरी लम्बाई पर एकसमान व्यास नहीं रह पाता।
7. प्रायोगिक तार की केवल वही लम्बाई नापनी चाहिए जो संयोजक पेंचों के बीच थी। (लपेटे गए तार की लम्बाई नहीं नापनी चाहिए)।
8. एक रिक्त स्थान से दूसरे रिक्त स्थान में प्रतिरोध लगाते समय तार की लम्बाई बदलनी नहीं चाहिए।
9. प्रतिरोध बॉक्स के प्लग पूरी तरह कसे होने चाहिए।
10. तार का व्यास एक स्थान पर दो लम्बवत् दिशाओं में मापना चाहिए।
11. स्केल पर पाठ्यांक उस तरफ से लेने चाहिये, जिधर प्रतिरोध बॉक्स लगा हो।
(प्रयोग-3)
उद्देश्य (Object)ः
मीटर सेतु की सहायता से प्रतिरोधों के श्रेणीक्रम एवं समान्तरक्रम संयोजन के नियमों का सत्यापन करना ।
उपकरण (Apparatus)ः
मीटर सेतु, लेक्लांशी सेल, धारामापी, प्रतिरोध बॉक्स, दो प्रायोगिक प्रतिरोध तार, कुंजी, विसर्पी कंुजी तथा
संयोजक तार आदि।
परिपथ चित्र (Circuit Diagram):
सिद्धान्त (Theory):
(i) मीटर सेतु के सिद्धान्त से अज्ञात प्रतिरोध S = (100- l)/ l × R
जहाँ R = प्रतिरोध बॉक्स में प्रयुक्त ज्ञात प्रतिरोध (ओम)
l = अज्ञात प्रतिरोध के लिए मीटर सेतु तार पर संतुलन लम्बाई (सेमी.)
(ii) प्रतिरोधों के श्रेणीक्रम संयोजन के लिए तुल्य प्रतिरोध
S = S1 + S2
(iii) प्रतिरोधों के समान्तर क्रम संयोजन के लिए 1/ Sp = 1/S1 + 1/S2
या तुल्य प्रतिरोध Sp = S1 S2 / S1 + S2
प्रेक्षण (Observations):
विवरण क्र. सं. प्रतिरोध बाॅक्स में
प्रयुक्त ज्ञात प्रतिरोध R (ओम) मीटर सेतु तार पर संतुलन लम्बाई स (ओम) (100- l)
(सेमी.) अज्ञात प्रतिरोध
S= (100- l)/
l × R माध्य अज्ञात प्रतिरोध
(ओम)
तार S 1 के लिए 1.
2.
3. 1
2
3 30.3
45.4
56.5 69.7
54.6
43.5 2.3
2.4
2.31 S1=2.33
तार S2 के लिए 1.
2.
3. 3
4
5 56.7
61.8
68.9 43.3
38.2
31.1 2.29
2.47
2.25 S2=2.33
तारों के श्रेणीक्रम संयोजन ैै के लिए 1ण्
2.
3. 1
2
3 17.7
30.0
30.2 82.3
70.0
60.8 4.64
4.66
4.65 SS=4.65
तारों के समान्तर क्रम संयोजन SP के लिए 1.
2.
3. 1
2
3 46.3
63.2
72.5 53.7
36.8
27.5 1.159
1.16
1.137 SP=1.152
गणना (Calculation):
तार S1 के लिए- सूत्र S = (100-l1)/ l1 × R
प्रथम प्रेक्षण के लिए S = 69.7/30.3 × 1=2.3 ओम
द्वितीय प्रेक्षण के लिए S = 54.6/45.4 × 2=2.4 ओम
तृतीय प्रेक्षण के लिए S = 43.5/56.5 × 3=2.31 ओम
माध्य S1 = 2.3 ़ 2.4़ 2.31 /3 = 2.33 ओम
तार S2 के लिए-
प्रथम प्रेक्षण के लिए S = 43.3/56.7 × 3=2.29 ओम
द्वितीय प्रेक्षण के लिए S = 38.2/61.8 × 4=2.47 ओम
तृतीय प्रेक्षण के लिए S = 31.1/68.9 × 5=2.25 ओम
माध्य S2 = 2.29 ़ 2.47़ 2.25 /3 = 2.33 ओम
श्रेणीक्रम संयोजन के लिए –
प्रथम प्रेक्षण के लिए S = 82.3/17.7 × 1=4.64 ओम
द्वितीय प्रेक्षण के लिए S = 70/30 × 2 = 4.66 ओम
तृतीय प्रेक्षण के लिए S = 60.8/39.2 × 3=4.65 ओम
माध्य SS = 4.64 ़ 4.66़ 4.65 /3 = 4.65 ओम
समान्तरक्रम संयोजन के लिए-
प्रथम प्रेक्षण के लिए S = 53.7/46.3 × 1=1.159 ओम
द्वितीय प्रेक्षण के लिए S = 36.8/63.2 × 2 = 1.16 ओम
तृतीय प्रेक्षण के लिए S = 27.5/72.5 × 3=1.137 ओम
माध्य SP = 1.159 ़ 1.16़ 1.137 /3 = 1.152 ओम
श्रेणीक्रम संयोजन का सैद्धान्तिक मान
SS = S1 + S2 + 2.33 + 2.33 = 4.66 ओम
समान्तरक्रम संयोजन का सैद्धान्तिक मान
Sp = S1 S2 / S1 + S2 = 2.33 × 2.33 / 4.66 = 1.165 ओम
अन्तर सारणीः
प्रतिरोधों का संयोजन
प्रकार तुल्य प्रतिरोध का
प्रायोगिक मान (a) तुल्य प्रतिरोध का
सैद्धान्तिक मान (b) अन्तर (a-b)
श्रेणीक्रम संयोजन SS = 4.65 ओम SS = 4.66 ओम -0.01 ओम
समान्तरक्रम संयोजन SP = 1.152 ओम SP = 1.165 ओम -0.013 ओम
परिणाम (Result):
दिए गए तत्वों के श्रेणीक्रम संयोजन एवं समान्तरक्रम संयोजन के तुल्य प्रतिरोध के प्रायोगिक एवं सैद्धान्तिक (परिकलित) मानों का अन्तर अल्प है तथा यह त्रुटि प्रायोगिक सीमा में है। अतः प्रतिरोधों के श्रेणीक्रम एवं समान्तरक्रम संयोजन नियमों का सत्यापन होता है।
सावधानियाँ (Precautions):
1. संयोजक तारों के सिरों को रेगमाल से साफ कर लेना चाहिए।
2. संयोजक पेंच पूरी तरह कस लेने चाहिए।
3. सेल परिपथ में कुंजी का प्रयोग करना चाहिए। कुंजी केवल प्रेक्षण लेते समय ही लगानी चाहिए।
4. आरम्भ में धारामापी के साथ शंट लगा लेना चाहिए। लगभग अविक्षेप बिन्दु आ जाने के बाद उसे हटा देना चाहिए।
5. प्रतिरोध बॉक्स से ऐसे प्रतिरोध के प्लग निकालने चाहिए कि अविक्षेप बिन्दु तार पर 30 सेमी० तथा 70 सेमी० के बीच ही प्राप्त हो।
6. विसर्पी कुंजी को तार पर दबाकर खिसकाना नहीं चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से कहीं-कही पर तार घिस जाता है और उसकी पूरी लम्बाई पर एकसमान व्यास नहीं रह पाता।
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