मकबरा किसे कहते हैं सूफी संत के मकबरे को क्या कहते हैं अर्थ मतलब क्या है Mausoleum in hindi

Mausoleum in hindi meaning definition मकबरा किसे कहते हैं सूफी संत के मकबरे को क्या कहते हैं अर्थ मतलब क्या है ?

प्रश्न: मकबरा
उत्तर: मकबरा अथवा समाधि (फ्यूनरी बिल्डिंग) का निर्माण भी भारतीय इस्लामी वास्तु का एक अन्य स्वरूप था। प्रारम्भ में ही प्रकार की वास्तु
इमारतों या स्मारकों के निर्माण पर प्रतिबंध था। अतः इनका निर्माण अत्यंत मन्थर गति से हुआ। r संसार के श्रेष्ठ मकबरों में से कुछ भारत
में ही हैं। मकबरों का निर्माण सुल्तान, सामन्त और संतों के अवशेषों पर होता था। संतों-फकीरों के मकबरों को दरगाह कहा जाता है।
सल्तनतकालीन मकबरे सादे हैं जबकि मुगलकाल में मकबरों का निर्माण किया गया। संसार का सबसे सुंदर मकबरा आगरा का ताज
महल है।
प्रश्न: कुतुबमीनार
उत्तर: कुतुबमीनार जिसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1199 ई. में बनवाना प्रारम्भ किया और उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने 12124 में पूर्ण कराया। यह
श्ध्वज स्तम्भश् के समान पत्थर की एक मीनार है, जिसमें मूल रूप से चार मंजिलें थी और यह फुट ऊँची थीं बाद में फिरोज तुगलक ने
इसमें पांचवीं मंजिल और बढ़ा दी। हमारे यहां बौद्ध चैत्यों, जैन और हिन्दू मंदिरों के सामने ध्वज स्तम्भ बनाये जाने की परम्परा है, जिन
पर धर्म चक्र अथवा देवता का वाहन सूचक के रूप में विराज किया जाता है। सम्भवतया इसी से प्रेरित होकर कुतुबमीनार का निर्माण किया
गया। इसकी प्रत्येक मंजिल में छज्जे बने ती है, परन्तु चैथी मंजिल में खिड़की युक्त गोलाकार छतरी बनी थी। कुतुबमीनार भारत में इस्लाम
की शक्ति एवं प्रतिष्टा प्रतिनिधि स्मारक है।
प्रश्न: तुगलककालीन स्थापत्य की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर: तुगलक कालीन स्थापत्य कला की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित थी –
1. सादा व विशाल इमारतें, अलंकरण रहित स्तम्भ।
2. ढलवां दीवारें एवं भारी-भरकम तथा ऊँचे बुर्ज।
3. अनगढ़ पत्थरों का प्रयोग।
4. निर्माण के लिए अच्छे सामान की जगह मलबे का अधिकाधिक प्रयोग।
5. अलंकरण के लिए रंगीन टाईलों का प्रयोग।
6. धरणी मेहराब का प्रयोग।
7. अष्टभुजी मकबरों एवं चतुरांगना मस्जिदों का उदय।
8. संगमरमर व बलुआ पत्थर का मिलाजुला प्रयोग।
9. सजावट एवं वैभव के स्थान पर इस्लामी सादगी।
प्रश्न: मध्यकालीन स्थापत्य की प्रान्तीय शैली के रूप में श्बंगाल की स्थापत्य कलाश् का वर्णन कीजिए।
उत्तर: खम्भों पर नुकीले मेहराबों का प्रयोग व हिन्दू प्रतीकों को इस्लामी स्वरूप प्रदान करना बंगाल की स्थापत्य कला की मुख्य विशेषतायें है।
बंगाल में स्थापत्य कला के प्रमुख केन्द्र पाण्डुआ में सिकन्दर शाह ने 1368 ई. में अदीना मस्जिद बनाई। यह भारत में सबसे विशाल मुस्लिम इमारत है। इसमें 400 गुम्बद है। नुसरत शाह ने कदम रसूल मस्जिद (1530 ई.) का गौड़ मे निर्माण करवाया व बड़ा सोना मस्जिद को 1526 ई. में पूरा करवाया। गौड़ की प्रमुख इमारते – बड़ा सोना मस्जिद, छोटा साना मस्जिद, लोटन मस्जिद, दाखिला दरवाजा एवं दरसवारी का मकबरा है। अन्य इमारतों में पाण्डुआ का एक लाखी मकबरा, दवा कोट का रूवन खाँ का मकबरा आदि है। छोटा सोना मस्जिद का निर्माण वाली मुहम्मद ने हुसैन शाह के काल में पूरा करवाया।
प्रश्न: मध्यकालीन स्थापत्य की प्रान्तीय शैली के रूप में श्गुजरात की स्थापत्य कलाश् की विशेषताएं बताइए।
उत्तर: गुजरात में हिन्दू-मुस्लिम स्थापत्य कला का सबसे बेहतरीन समन्वय हुआ। गुजराती स्थापत्य शैली की मुख्य विशेषताये है – पतले मीनार,
पत्थर पर उत्कृष्ट नक्काशी, अलंकृत कोष्ठक। अहमदशाह ने 1411 ई. में अहमदाबाद नगर को स्थापन की तथा वहाँ जामा मस्जिद का
निर्माण करवाया। जामा मस्जिद में अहमद शाह का म मस्जिद को फर्ग्युसन ने पूर्व में बनी हुई सुन्दरतम मस्जिदों में से एक माना है।
महमूद बेगड़ा ने भी चम्पानेर व जूनागढ़ – जामा मस्जिद का निर्माण करवाया था।
प्रश्न: मध्यकालीन स्थापत्य की प्रान्तीय शैली के रूप में श्मालवा की स्थापत्य कलाश् की विवेचना कीजिए।
उत्तर: माण्डू में हुशंगशाह ने आजी मस्जिद का निर्माण करवाया। हुशंगशाह ने मांडू में हिंडोला महल व मांडू का किला एव मा, खिलजी प्रथम ने
हुशंगशाह का मकबरा बनवाया। सुल्तान महमूद खिलजी प्रथम ने मांडू में जहाज महल बनवाया। मा किले में महमूद खिलजी द्वारा निर्मित
सात मंजिलों वाला विजय स्तम्भ व मांडू की अन्य इमारतों में नासिरूद्दीन शाह, बाज बहादुर एवं रानी रूपमती के महल और अशर्फी महल
प्रसिद्ध हैं। हुशंगशाह का मकबरा प्रथम पूर्णतः संगमरमर . इमारत है। अपनी प्रसिद्धि के कारण माण्डू को आह्लाद प्रदायक नगर की संज्ञा
दी जाती है।
प्रश्न: मध्यकालीन स्थापत्य की क्षेत्रीय शैली के रूप में श्जौनपुर की स्थापत्य कलाश् का वर्णन कीजिए।
उत्तर: जौनपुर की मस्जिदों में मीना नहीं की जागर सावनोदी दहलीज इसकी मख्य विशेषताएँ है। जानपुर का दमारत हिन्द इमारतों के अवशेषों पर
निर्मित है। अतः उनमें हिन्द-मस्लिम शैली का अच्छा समन्वय हो ।श् अटाला मस्जिद (अटाला देवी के मंदिर पर निर्मित), फोर्ट मजिस्द.
झंझोरी मस्जिद तथा लाल दरवाजा प्रमुख हा इब्राहाम शकी ने अटाला मस्जिद को परा किया व झंझोरी मस्जिद को बनाया। हुसैन शाह
शर्की ने जामी मस्जिद व लाल मस्जिद बनवाई।
प्रश्न: मध्यकालीन स्थापत्य की क्षेत्रीय शैली के रूप में श्दक्कन की स्थापत्य कलाश् का वर्णन काजिए।
उत्तर: दक्कन में बहमनी सल्तानों ने अलग शैली विकसित की। शिया धर्मावलम्बी होने के कारण इन पर फारसी वास्तु शिल्लक प्रभाव हैं।
अलाउद्दीन बहमनशाह ने गलबर्गा में जामी मस्जिद बनवाई। महमूद गावाँ ने बीदर में एक मदरसे का निर्माण करवाया। गोलकुण्डा के कुली कुतुबशाह ने हैदराबाद में 1591 ई. में विश्वप्रसिद्ध चारमीनार का निर्माण करवाया। गुलबगा में बहमनशाह का मकबरा विशुद्ध फारसी शैली का मकबरा है जिस पर तुगलक शैली का स्पष्ट प्रभाव दिखता है। बहमनी शासकों के कुल 12 मकबरे बने। जिनमें अहमदशाह प्रथम का मकबरा सर्वश्रेष्ठ है।
बीजापुर में आदिलशाही शासकों द्वारा अनेक स्मारक बनवाये गये जिनमें जंजीर और मंडू मस्जिद, शाहपुर की सुनहरी मस्जिद, लक्ष्मीस्वर की काली मस्जिद प्रमुख हैं। इब्राहीम आदिलशाह प्रथम ने बीजापुर में इब्राहीम रोजा निर्मित करवाया। मुहम्मद आदिलशाह का मकबरा गोल गुम्बज नाम से विश्व प्रसिद्ध है। यह भारत सबसे विशाल गुम्बद है।
प्रश्न: ताजमहल
उत्तर: ताजमहल शाहजहाँ की प्रिय पत्नी श्मुमताज महलश् (अर्जुमन्द बानो बेगम) का मकबरा है। इसका निर्माण आगरा में यमुना नदी के दाहिने किनारे
पर 1631 ई. में शुरू हुआ जो 1653 ई. में 22 वर्ष बाद 9 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हआ। ताजमहल का मख्य वास्तकार इटली का प्रसिद्ध वास्तविद श्श्वैरोनियो वैरोनियोश्श्. प्रारूपकार श्अहमद लाहौरीश् था। जिसे शाहजहाँ ने श्नादिर उल असरारश् की उपाधि दी थी। ताजमहल का प्रधान मिस्री श्श्उस्ताद ईसा खाँश्श् था। ताजमहल श्कंदाकार गुम्बदश् का उत्कृष्ट नमूना है। ताजमहल हुमायूँ के मकबरे से प्रेरित था! ताजमहल में शाहजहां कालीन वास्तुकला का चरमोत्कर्ष दिखाई देता है। श्लेनपूलश् ने ताजमहल के बारे में लिखा है कि श्श्ताजमहल संगमरमर के रूप में वह स्वप्न है, जिसकी योजना ईश्वर ने तैयार की तथा निर्माण स्वर्णकारों ने किया।श्श् इसी प्रकार हावेल ने इसे – श्भारतीय नारीत्व की साकार प्रतिमाश् कहा है। उसने कहा है कि -ष्यह एक ऐसा महान आदर्श विचार है, जो स्थापत्य कला से नहीं, बल्कि मूर्तिकला से संबंधित हैष् ताजमहल में फारसी एवं भारतीय शैली का अद्भुत समन्वय मिलता है। इतिहासकार स्मिथ महोदय ने इसे-ष्यूरोपीय एवं एशियाई प्रतिभा के सम्मिश्रण की उपज बताया है।ष्