JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: physicsPhysics

प्रकाश निर्भर प्रतिरोध (LED – Light Dependent Resistance) पर प्रकाश की तीव्रता के प्रभाव का अध्ययन करना।

अध्याय 12 क्रियाकलाप
(Activities)
क्रियाकलाप-1
[Activity] 1,
उद्देश्य (object) – प्रकाश निर्भर प्रतिरोध (LED – Light Dependent Resistance) पर प्रकाश की तीव्रता के प्रभाव का अध्ययन करना।
उपकरण (Apparatus) – एक स्क्त्, स्टैण्ड पर लगा बल्ब, प्रकाशीय बेंच, मल्टीमीटर
सिद्धान्त (Theory) – स्क्त्, सामान्यतः कैडमियम सल्फाइड का बना होता है तथा इसका प्रतिरोध प्रकाश की तीव्रता के व्युत्क्रमानुपाती होता है अर्थात् प्रकाश की तीव्रता बढ़ने पर इसका प्रतिरोध घटता है।
अतः स्क्त् का प्रतिरोध R α 1/I, I = प्रकाश की तीव्रता
एवं किसी बिन्दु पर प्रकाश की तीव्रता, बिन्दु की प्रकाश स्त्रोत से दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है अर्थात्
I α 1/d2
प्रयोग विधि (Method) –
(i) सर्वप्रथम हम चित्रानसार एक प्रकाशीय बैंच पर एक स्टैण्ड पर बल्ब तथा दूसरे पर स्क्त् लगा देते हैं तथा मेन्स से एवं LED ~ को मल्टीमीटर से जोड़ देते हैं।
(ii) मल्टीमीटर को नोब घुमाकर प्रतिरोध मापी के लिए समंजित कर लेते हैं तथा मल्टीमीटर का शून्य समंजित कर लेते है, इसके लिए मल्टीमीटर की लीड़ो को सीधे परस्पर जोड़ लेते हैं, यदि संकेतक शून्य प्रतिरोध प्रदर्शित नहीं करता है तो समंजक नोब से इसे शून्य पर कर लेते हैं।
(iii) अब मल्टीमीटर की लीड़ों को स्क्त् के दोनों सिरों पर जोड़कर बिना बल्ब वद किए स्क्त् का प्रतिरोध नोट करते हैं,यह उच्च मान प्राप्त होता है
(iv) अब बल्ब को स्क्त् से 50 सेमी. की दूरी पर रखकर बल्ब को वद कर देते हैं, जैसे ही स्क्त् पर प्रकाश पडता है, स्क्त् का प्रतिरोध घटने लगता है। बल्ब एवं स्क्त् के मध्य दूरी प्रकाशीय बेंच की स्केल पर तथा स्क्त् का प्रतिरोध मल्टीमीटर से नोट कर लेते हैं।
(v) अब यही प्रक्रिया बल्ब को स्क्त् की ओर 5-5 सेमी. खिसकाकर दोहराते हैं तथा प्रेक्षणों को सारणी में नोट कर लेते है।

प्रेक्षण (observations)
क्र.स. LED एवं बल्ब के मध्य दूरी क (सेमी.) LED का प्रतिरोध R (ओम)
1.
2.
3.
4.
5.
6.
7.
8. 50
45
40
35
30
25
20
15

परिणाम (Result) –
प्रेक्षणों से स्पष्ट है कि LED का प्रतिरोध प्रकाश की तीव्रता बढ़ने के साथ कम होता है।
मौखिक प्रश्न व उत्तर (Viva Voce)
प्रश्न 1. स्क्त् का पूरा नाम क्या है?
उत्तर- Light Dependent Resistance (प्रकाश निर्भर प्रतिरोध)
प्रश्न 2. LED , सामान्यतः किस पदार्थ का बना होता है?
उत्तर- यह सामान्यतः कैडमियम सल्फाइड का बना होता है।
प्रश्न 3. LED  के प्रतिरोध पर प्रकाश की तीव्रता का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर- इसका प्रतिरोध प्रकाश की तीव्रता बढ़ने पर कम होता है
प्रश्न 4. यदि पूर्णतः अंधेरा हो तो स्क्त् का प्रतिरोध किस कोटि का होता है?
उत्तर- 10 ओम (मेगा ओम) कोटि का।
प्रश्न 5. उच्च तीव्रता का प्रकाश आपतित कराने पर स्क्त् का प्रतिरोध लगभग किस कोटि का प्राप्त होता है?
उत्तर- यह लगभग 10 ओम कोटि का प्राप्त होता है।
क्रियाकलाप-2
[Activity] 2,
उद्देश्य (object)- एक डायोड, एक LED , एक ट्रांजिस्टर, IC, एक प्रतिरोध तथा एक संधारित्र के समूह में से अलग-अलग अवयव पहचानना।
उपकरण (Apparatus) – दिये गये अवयव जैसे-डायोड, स्म्क्, ट्रांजिस्टर, प्ब्, प्रतिरोध तथा संधारित्र, एक बैटरी, कुंजी, परिवर्ती प्रतिरोध तथा मिली-अमीटर (या मल्टीमीटर)।
सिद्धान्त (Theory) – विभिन्न अवयवों की पहचान उनकी बनावट तथा कार्य के आधार की जा सकती है। विभिन्न अवयवों की बनावट तथा कार्य निम्न प्रकार हैं

1. डायोड (diode) – यह द्वि-टर्मिनल यक्ति है तथा केवल अग्र अभिनति में धारा प्रवाह करती है। अभिनति में कोई धारा का प्रवाह नहीं करती है। यह प्रकाश का उत्सर्जन नहीं करता है। चित्र 12.2 मे डायोड प्रदर्शित है।
2. LED (प्रकाश उत्सर्जक डायोड)- यह द्विक टर्मिनल युक्ति है जो केवल अग्र अभिनति में धारा का प्रवास करती है. पश्च अभिनति में कोई धारा का प्रवाह नहीं करती है। यह अग्र अभिनति में प्रकाश उत्साजत करता है। चित्र 12.3 में स्म्क् प्रदर्शित है।
3. ट्रांजिस्टर (Transistor)- यह तीन टर्मिनल युक्ति है। चित्र 12.4 में ट्रांजिस्टर प्रदर्शित है।
4. IC (एकीकृत परिपथ) (Integrated Circuit)- यह चिप के रूप में रूप में अनेक टर्मिनल वाली युक्ति है। चित्र 12.5 में IC प्रदर्शित है।
5. प्रतिरोध (Resistor) – यह द्वि-टर्मिनल युक्ति है। इससे होकर प्रत्येक दिशा में धारा प्रवाहित की जा सकती है। चित्र 12.6 में प्रतिरोध प्रदर्शित है।
6. संधारित्र (Capacitor)-यह द्वि-टर्मिनल युक्ति है जो अपने से होकर केवल ंण्बण् को बहने देती है, कण्बण् को नहीं बहने देती है। चित्र 12.7 में संधारित्र प्रदर्शित है।
विधि (Method) –
1. सर्वप्रथम दिये गये अवयवों में तीन टर्मिनल से अधिक वाली युक्ति को अलग कर लेते हैं। यह अवयव IC (एकीकृत परिपथ) है।
2. तत्पश्चात् तीन टर्मिनल वाले अवयव को अलग करते हैं। यह ट्रांजिस्टर है।
3. अब शेष बचे चारों अवयव दो टर्मिनल वाले होते हैं जो डायोड, स्म्क्, प्रतिरोध अथवा संधारित्र हैं। इन्हें जानने के लिए चित्र 12.8 में प्रदर्शित विद्युत परिपथ बनाते हैं। इसके लिए बैटरी परिवर्ती प्रतिरोध व कुंजी, मीटर तथा दिये गये किसी एक द्वि-टर्मिनल अवयव को श्रेणीक्रम में बिन्दु A व B के मध्य जोड़ते है।
4. अब कुंजी में डॉट लगाते हैं तथा मिली-अमीटर में विक्षेप देखते हैं। तत्पश्चात् अवयव से जुड़े सिरों A व B को आपस में बदल देते हैं जिससे अवयव में बहने वाली धारा की दिशा बदल जाती है तथा पुनः मिली-अमीटर मे विक्षेप देखते हैं। निम्न में से कोई एक प्रेक्षण सम्भव है-
क्र.सं. प्रेक्षण निष्कर्ष
;a) केवल एक दिशा में धारा प्रवाहित करने पर मिली अमीटर में विक्षेप, लेकिन कोई प्रकाश उत्सर्जन नहीं। डायोड
;b) केवल एक दिशा में धारा प्रवाहित करने पर मिली अमीटर में विक्षेप तथा प्रकाश उत्सर्जन स्म्क्
;c) दोनों दिशाओं में धारा प्रवाहित करने पर अमीटर में समान विक्षेप प्रतिरोध
;d) किसी भी दिशा में धारा प्रवाहित करने पर मिली अमीटर में कोई विक्षेप नहीं संधारित्र

सावधानियाँ (Precautions)-
1.अवयव में प्रवाहित धारा की दिशा बदलने के लिए अवयव के सिरों को आपस में बदला जाता है। ऐसा करने से पूर्व कुंजी से प्लग हटा देना चाहिए।
2. प्रत्येक बार मिली अमीटर का ़ अंकित सिरा बैटरी के धनात्मक सिरे की ओर जुड़ा होना चाहिए।
छवजम: यह प्रयोग मल्टीमीटर को उपयोग में लाकर भी किया जा सकता है। इसके लिए मल्टीमीटर को प्रतिरोध मापन के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
मौखिक प्रश्न व उत्तर (Viva Voce)
प्रश्न 1. आप IC की पहचान कैसे करते हो?
उत्तर- IC में तीन से अधिक (अनेक) टर्मिनल होते हैं क्योंकि इसमें एक चिप पर अनेक अवयव (जैसे-डायोड, प्रतिरोध, संधारित्र, ट्रांजिस्टर आदि) आपस में आन्तरिक रूप से जुड़े होते हैं तथा प्रत्येक अवयव (या परिपथ) के टर्मिनल बाहर निकले होते है।
प्रश्न 2. आप ट्रांजिस्टर की पहचान कैसे करते हो?
उत्तर- ट्रांजिस्टर में तीन टर्मिनल होते हैं। .
प्रश्न 3. डायोड, LED, प्रतिरोध तथा संधारित्र की पहचान कैसे करते हो?
उत्तर- डायोड, LED , प्रतिरोध तथा संधारित्र प्रत्येक अवयव में दो-दो टर्मिनल होते हैं।
प्रश्न 4. फिर आप डायोड, LED. प्रतिरोध तथा संधारित्र की पहचान कैसे करते हो?
उत्तर- इसमें पहले एक दिशा में दिष्ट धारा प्रवाहित करते हैं तथा फिर विपरीत दिशा में। डायोड अपने से होकर केवल एक दिशा में धारा बहने देता है। LED भी अपने में से केवल एक दिशा में धारा बहने देता है, लेकिन जब वह धारा बहने देता है तो रंगीन चमकने भी लगता है। प्रतिरोध अपने में से दोनों दिशाओं में धारा गुजरने देता है। इसके विपरीत, संधारित्र अपने में से किसी भी दिशा में दिष्ट धारा नहीं गुजरने देता ळें

प्रश्न 5. यह जाँच करने के लिए कि अवयव अपने में से धारा गुजारता है या नहीं, कौन-सा उपकरण आप प्रयुक्त करते हो?
उत्तर- डी.सी. विद्युत परिपथ अथवा मल्टीमीटर जिसे प्रतिरोध मापन के लिए प्रयुक्त करते हैं। मल्टीमीटर में ़ अंकित सिरे को बैटरी के ऋणात्मक सिरे की भाँति तथा — अंकित सिरे को बैटरी के धनात्मक सिरे की भाँति मानते हैं।

Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

3 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

3 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

3 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now