पुरुष की सहायक नलिकाओं एवं ग्रन्थियों के प्रमुख कार्य क्या हैं ? male accessory ducts and glands in hindi

प्रश्न 11. पुरुष की सहायक नलिकाओं एवं ग्रन्थियों के प्रमुख कार्य क्या हैं ? (male accessory ducts and glands in hindi)
उत्तर : सहायक नलिकाएँ (Accessory ducts) – सहायक नलिकाओं का कार्य वृषण में बने हुए शुक्राणुओं का शरीर से बाहर तक स्थानान्तरण (युग्मक स्थानान्तरण) तथा भण्डारण करना होता है।

इनका वृषण से बाहर तक का पथ निम्न प्रकार रहता है –
वासा इफरेन्शिया → एपीडिडिमिस → वासा डिफरेन्शिया → यूरेथ्रा ← स्खलन नलिका

पुरुष की सहायक जनन ग्रन्थियाँ (accessory reproductive glands) जनन प्रक्रिया में सहायता प्रदान करती है –
(i) शुक्राशय (seminal vesicle) से स्रावित चिपचिपा और तरल शुक्रीय प्रद्रव्य (seminal plasma) का मुख्य भाग बनाता है। शुक्रीय प्रद्रव्य और शुक्राणु आपस में मिलकर वीर्य का निर्माण करते हैं।
(ii) पुरःस्थ ग्रन्थि (Prostate gland) – यह ग्रन्थि मूत्रमार्ग के अधर भाग के चारों ओर स्थित होती है। इससे सावित तरल शुक्राणुओं को सक्रिय बनाए रखता है तथा मूत्रमार्ग की अम्लीयता को समाप्त कर देता है।
(iii) बल्बोयूरेथल या काउपर्स ग्रन्थि (Bulbourethral or Cowper’s gland) – यह एक जोड़ी होती है। ये मूत्रमार्ग के पाशर्वों में स्थित होती हैं। इन प्रन्थियों से मैथुन से पहले एक क्षारीय और चिकने द्रव का स्रावण होता है। यह मूत्रमार्ग की अम्लीयता को समाप्त करके इसे चिकना बनाकर मैथुन में सहायता प्रदान करता है।

इस प्रश्न का उत्तर निम्नलिखित प्रकार से भी दिया जा सकता है

  1. पुरूष की सहायक नलिकाओं की सहायता से ही वृषण से शुक्राणुओं को मूत्र नलिका द्वारा बाहर निकाला जाता है |
  2. इन सहायक नलिकाओं की सहायता से ही शुक्राणुओं का संग्रहण और स्थानान्तरण किया जाता है |

पुरुष की सहायक नलिकाओं के कार्य निम्न है

पुरस्थ ग्रंथि : यह द्रव का स्त्राव करती है जो कि शुक्राणुओं को सक्रिय करती है |

काउपर्स ग्रंथि : यह एक प्रकार का चिपचिपा तरल पदार्थ स्त्रावित करती है जो मादा की योनी को चिकना बनाने का कार्य करता है जिससे कि मैथुन में सहायता मिलती है |

ये नलिकाएं विभिन्न प्रकार के हार्मोन का स्त्रावण करती है |