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तीन बल्ब, तीन (on/off) स्विच, एक फ्यूज तथा एक विद्युत स्त्रोत लेकर घरेलू विद्युत परिपथ बनाना।
प्रश्न : तीन बल्ब, तीन (on/off) स्विच, एक फ्यूज तथा एक विद्युत स्त्रोत लेकर घरेलू विद्युत परिपथ बनाना। ?? क्रियाकलाप 3 देखें –
क्रियाकलाप (Activity) – 2
उददेश्य (Object) :
मल्टीमीटर (बहुमापी) की सहायता से प्रतिरोध, वोल्टता (AC/DC), धारा (AC/DC) का मापन करना तथा परिपथ की निरन्तरता की जांच करना।
उपकरण (Apparatus) :
मल्टीमीटर, प्रतिरोध, दिष्ट धारा परिपथ तथा प्रत्यावर्ती धारा परिपथ आदि।
प्रेक्षण (Observations) :
(i) दिए गए अज्ञात प्रतिरोध का मान R = 2 ओम
(ii) दिए गए दिष्ट धारा परिपथ में प्रवाहित धारा Idc = 1 एम्पियर
(iii) दिए गए परिपथ में प्रतिरोध के सिरों पर दिष्ट विभवान्तर Vdc = 2 वोल्ट
(iv) दिया गया परिपथ पूर्णतः संयोजित है।
परिणाम (Result) : मल्टीमीटर की सहायता से दिए गए परिपथ में –
(i) जुड़े हुए प्रतिरोध का मान R = 2 ओम
(ii) परिपथ में प्रवाहित धारा Idc = 1 एम्पियर तथा
(iii) प्रतिरोध के सिरों पर दिष्ट विभवान्तर Vdc = 2 वोल्ट प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त परिपथ प्रत्येक बिन्दु पर पूर्णतः संयोजित हैं। . ..
क्रियाकलाप (Activity) – 3
उद्देश्य (Object) :
तीन बल्ब, तीन (on/off) स्विच, एक फ्यूज तथा एक विद्युत स्त्रोत लेकर घरेलू विद्युत परिपथ बनाना।
सामग्री (Material)ः
तीन बल्ब (तीनों 100 वॉट, 220 वोल्ट), तीन होल्डर, तीन (on/off) स्विच, एक फ्यूज (5 amp.), एक दो पिन प्लग, a.c. विद्युत स्त्रोत तथा लचीले संयोजक तार जिन पर लाल व काले रंग का अवरोधी आवरण हो।
चित्र (Diagram)ः
सभी सामग्री लेकर, P-94 पर दी गई विधि के अनुसार लकड़ी के बोर्ड पर परिपथ का निर्माण करें तथा शिक्षक की उपस्थिति में दो पिन प्लग को AC मेन्स के साथ जोड़कर स्विचों को on-off करके परिपथ का परीक्षण करें।
क्रियाकलाप (Activity) – 4
उद्देश्य (Object) :
दिये गए वैद्युत अवयवों को जोड़कर विद्युत परिपथ संयोजित करना (माना ओम के नियम का सत्यापन करने का परिपथ)
उपकरण (Apparataus) :
संचायक सेल, धारा नियंत्रक, कुंजी, अमीटर, वोल्टमीटर, प्रतिरोध तार तथा संयोजक तार आदि ।
परिपथ चित्र (Circuit Diagram):
व्यवस्था आरेख (Arrangement Diagram):
विधि (Method):
व्यवस्था आरेख के अनुसार, संचायक सेल के साथ अमीटर, प्रतिरोध तार, धारा नियंत्रक एवं कुंजी को श्रेणीक्रम में संयोजित कर लेते हैं तथा दोल्टमीटर को प्रतिरोध तार के समान्तर क्रम में संयोजित करते हैं। यहां ध्यान रखना चाहिए कि अमीटर एवं वोल्टमीटर के धन टर्मिनल संचायक सेल के धनाग्र की ओर ही संयोजित हो तथा ऋण टर्मिनल, संचायक सेल के ऋणाग्र की ओर ही संयोजित हों। परिपथ संयोजित करने के पश्चात् शिक्षक से जांच करवायें।
सावधानियां (Precautions) :
संयोजन करते समय कुंजी की डॉट निकली हुई होनी चाहिए।
संयोजक तारों के सिरों को रेगमाल से साफ कर लेना चाहिए।
संयोजन दृढ़ एवं कसे हुए होने चाहिए।
संयोजक तार येथासंभव छोटे व सीधे होने चाहिए।
क्रियाकलाप (Activity) – 5
उद्देश्य (Object):
नियत धारा के लिए चालक तार की लम्बाई के साथ विभव पतन का अध्ययन करना।
उपकरण (Apparatus):
विभवमापी, 2 वोल्ट की बैटरी, कुंजी, धारा नियंत्रक, 0.2V परास का वोल्टमीटर एवं संयोजक तार आदि।
परिपथ चित्र (Circuit Diagram):
सिद्धान्त (Theory):
यदि एक चालक तार का अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल सर्वत्र एक समान हो तो चालक तार का प्रतिरोध उसकी लम्बाई के समानुपाती होता है, अर्थात्
R ∝ l …..(1)
तथा ओम के नियम से चालक तार के सिरों पर उत्पन्न विभवान्तर
V= IR
यदि धारा प् नियत है तो V ∝ R ..…(2)
(1) व (2) से विभवपतन V ∝ l
या V/l = x नियतांक
नियतांक x को चालक तार पर विभव प्रवणता कहते हैं।
प्रेक्षण (Observations) :
(1) वोल्टमीटर का अल्पतमांक = परास/खानों की संख्या = 3/60 = 0.05 वोल्ट
(2) सारणी:
क्रम संख्या विभवमापी तार की
लम्बाई l (सेमी.) वोल्टमीटर का पाठ्यांक V वोल्ट विभव प्रवणता
x = V/l
(वोल्ट/सेमी.)
विक्षेपित विभागों की संख्या n V = n× अल्पतमांक (वोल्ट)
1.
2.
3.
4.
5.
6. 50
100
150
200
250
300 5
10
15
20
25
30 0.25
0.50
0.75
1.00
1.25
1.50 0.005
0.005
0.005
0.005
0.005
0.005
गणना (Calculation):
सूत्र x = V/l से
प्रथम प्रेक्षण के लिए x = 0.25/50= 0.005 वोल्ट/सेमी.
द्वितीय प्रेक्षण के लिए x = 0.5/100= 0.005 वोल्ट/सेमी.
तृतीय प्रेक्षण के लिए x = 0.75/150= 0.005 वोल्ट/सेमी.
चतुर्थ प्रेक्षण के लिए x = 1.00/200= 0.005 वोल्ट/सेमी.
पंचम प्रेक्षण के लिए x = 1.25/250= 0.005 वोल्ट/सेमी.
छठे प्रेक्षण के लिए x = 1.50/300= 0.005 वोल्ट/सेमी.
परिणाम (Result) :
अनुपात V/l का मान 0.005 वोल्ट/सेमी नियत रहता है अतः तार पर विभव पतन उसकी लम्बाई के समानुपाती होता है।
सावधानियां (Precautions):
संयोजन करने से पूर्व संयोजक तारों के सिरों को रेगमाल से साफ कर लेना चाहिए।
संयोजन कसे हुए होने चाहिए।
तार की लम्बाई का मापन सेट-स्क्वायर की सहायता से यथार्थता से करना चाहिए।
क्रियाकलाप (Activity)-6
उद्देश्य (Object):
एक दिए गए खुले परिपथ, जिसमें कम से कम एक बैटरी प्रतिरोध/धारा नियंत्रक, कुंजी, अमीटर तश वोल्टमीटर हों का परिपथ चित्र बनाना तथा गलत तरीके से जुड़े हुए अवयवों को चिन्हित करना, परिपथ को सही करना तथा सही परिपथ आरेख बनाना। कुछ संभावित त्रुटिपूर्ण परिपथ चित्र (Some circuit diagrams with possible errors):
परिपथ सही करना (To correct the given circuit) .
परिपथ में त्रुटियों को चिन्हित कर उन्हें सही परिपथ आरेख के अनुसार दूर कर देते हैं।
SECTION B
क्रियाकलाप (Activity)-1
उद्देश्य (object)- प्रकाश निर्भर प्रतिरोध (LDR – Light Dependent Resistance) पर प्रकाश की तीव्रता के प्रभाव का अध्ययन करना।
उपकरण (Apparatus)- एक LDR , स्टैण्ड पर लगा बल्ब, प्रकाशीय बेंच, मल्टीमीटर
सिद्धान्त (Theory)- LDR , सामान्यतः कैडमियम सल्फाइड का बना होता है तथा इसका प्रतिरोध प्रकाश की तीव्रता के व्युत्क्रमानुपाती होता है अर्थात् प्रकाश की तीव्रता बढ़ने पर इसका प्रतिरोध घटता है।
अतः LDR का प्रतिरोध R α 1/I, I = प्रकाश की तीव्रता
एवं किसी बिन्दु पर प्रकाश की तीव्रता, बिन्दु की प्रकाश स्त्रोत से दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है अर्थात्
I α 1/d2
प्रेक्षण (observations)ः
क्र.स. LDR एवं बल्ब के मध्य दूरी क (सेमी.) LDR का प्रतिरोध R (ओम)
1.
2.
3.
4.
5.
6.
7.
8. 50
45
40
35
30
25
20
15 54 KΩ
18 KΩ
6 KΩ
2 KΩ
675 Ω
225 Ω
75 Ω
25 Ω
परिणाम (Result)-
प्रेक्षणों से स्पष्ट है कि स्क्त् का प्रतिरोध प्रकाश की तीव्रता बढ़ने के साथ कम होता है।
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