चरक किसके राज चिकित्सक थे चरक किसके दरबार में थे राज्य में रहता था Charak in which period in hindi

Charak in which period in hindi चरक किसके राज चिकित्सक थे चरक किसके दरबार में थे राज्य में रहता था ?

प्रश्न : चरक किसके राज चिकित्सक थे?
(अ) हर्ष (ब) चंद्रगुप्त मौर्य
(स) अशोक (द) कनिष्क
S.S.C. (डाटा एंट्री ऑपरेटर) परीक्षा, 2009
उत्तर-(द)
चरक, कनिष्क के राजचिकित्सक थे। इन्हें ‘चिकित्सा का जनक‘ कहा जाता है। इन्हें चिकित्सा की प्रत्येक विधा पर समान अधिकार था। इन्होंने चिकित्साशास्त्रीय ग्रंथ ‘चरक संहिता‘ की रचना की।

मौर्योत्तर काल
ऑनलाइन परीक्षा-प्रश्न (2016)
 कल्हण, मैत्रेयी, कालिदास एवं पाणिनी में से कौन संस्कृत का प्रथम व्याकरणविद था? – पाणिनी
 गांधार कला किन दो कलाओं का संयोजन है? – हिंद-यूनानी
 भारतीय कला का वह कौन-सा स्कूल है जो, ‘ग्रेको-रोमन, बौद्ध आर्ट‘ के नाम से भी जाना जाता है? -गंधार
 वसुमित्र, नागार्जुन, चरक तथा पतंजलि में से कौन कनिष्क के राजवैद्य थे? -चरक
 सातवाहन साम्राज्य के संस्थापक कौन थे? – सिमुक
 सही सुमेलित हैं-
महाकाल मंदिर – उज्जैन
शृंगेरीमठ – चिकमंगलूर जिला
सूर्य मंदिर – कोणार्क
जैन मंदिर – खजुराहो
नोट- खजुराहो के मंदिर वैष्णव, शैव, शाक्त एवं जैन धर्म से संबंधित हैं।
 पाणिनि द्वारा रचित पुस्तक का क्या नाम है? – अष्टाध्यायी
ऑफलाइन परीक्षा-प्रश्न (2006-2015)
1. मिलिंदपान्हो क्या है?
(अ) बौद्ध स्थल (ब) बुद्ध का एक नाम
(स) कला का बौद्ध नाम (द) बौद्ध पाठ
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2013
उत्तर-(द)
मिलिंदपान्हो एक बौद्ध पाठ या ग्रंथ है, जो इंडो-ग्रीक शासक मिनेण्डर एवं बौद्ध भिक्षु नागसेन के संवाद के रूप में रचित है।

3. कुषाण काल में भारतीय और ग्रीक शैली के मिश्रण से
विकसित कला विद्यालय को किस नाम से जाना जाता
है?
(अ) कुषाण कला (ब) फारसी कला
(स) गांधार कला (द) मुगल कला
S.S.C. मल्टी टास्किंग परीक्षा, 2013
उत्तर-(स)
गांधार कला, कुषाण काल में विकसित हुई थी। गांधार कला की विषय-वस्तु भारतीय थी परंतु कला शैली यूनानी और रोमन थी। इसलिए गांधार कला को ग्रीको-रोमन, ग्रीको-बुद्धिस्ट या हिंदूयूनानी कला भी कहा जाता है। सर्वप्रथम गांधार नामक स्थान पर इसके प्रकट होने के कारण इसे गांधार कला कहा जाता है।
4. कुषाण वंश के प्रसिद्ध राजा का नाम बताइए?
(अ) कनिष्क (ब) पुलकेशिन
(स) हर्ष (द) विक्रमादित्य
S.S.C. मल्टी टास्किंग परीक्षा, 2014
उत्तर-(अ)
कुषाण वंश का प्रसिद्ध शासक कनिष्क था। इसके राज्यारोहण की तिथि 78 ई. भारत में शक संवत् की सूचक है।
5. कनिष्क किस वर्ष में राज्य सिंहासन पर आरूढ़ हुए?
(अ) 108 ई. (ब) 78 ई.
(स) 58 ई. (द) 128 ई.
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2011
उत्तर-(ब)
कुषाण शासक कनिष्क के राज्यारोहण की सर्वाधिक मान्य तिथि 78 ई. है। इसी से शक संवत् का प्रारंभ माना जाता है।
6. शक संवत् किसने और कब शुरू किया था?
(अ) कादफिसिस ने 58 ई. पू. में
(ब) रूद्रदामन प्रथम ने 78 ईस्वी में
(स) विक्रमादित्य ने 58 ई.पू. में
(द) कनिष्क ने 78 ईस्वी में
S.S.C.K Tax Asst. परीक्षा, 2008
उत्तर-(द)
शक संवत् का संस्थापक कनिष्क था, जिसके द्वारा इसे 78 ई. में प्रारंभ किया गया था।
7. बौद्ध धर्म का संरक्षक कुषाण शासक कौन था?
(अ) कौटिल्य (ब) अशोक
(स) विक्रमादित्य (द) कनिष्क)
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2015
उत्तर-(द)
बौद्ध धर्म का संरक्षक कुषाण शासक कनिष्क था। उसके शासन काल में कश्मीर के कुण्डल वन नामक स्थान पर चतुर्थ बौद्ध संगीति का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान वसुमित्र ने की थी तथा अश्वघोष इसके उपाध्यक्ष बनाए गए। कनिष्क के समय बौद्ध धर्म दो संप्रदायों में बंट गया हीनयान तथा महायान।
8. निम्नलिखित साहित्यिक कृतियों का उनके लेखकों के साथ मिलान करिए।
अ. कविराजमार्ग 1. महावीराचार्य
ब. आदिपुराण 2. सकटायन
स. गणितसारास्मगृह 3. अमोघवर्ष
घ. अमोघतिथी 4. जिनसेन
A B C D
(अ) 3 4 2 1
(ब) 4 3 1 2
(स) 3 4 1 2
(द) 2 1 3 4
S.S.C. परीक्षा, 2012
उत्तर-(स)
सही सुमेलित हैं-
साहित्य लेखक
कविराजमार्ग अमोघवर्ष
आदिपुराण जिनसेन
गणितसारास्मगृह महावीराचाय
अमोघतिथी सकटायन

9. निम्न के जोड़े बनाइए
(A) विक्रम संवत् – 1. 248 A.D.
(B) शक संवत् – 2. 320 A.D.
(C) कलचुरी संवत् – 3. 58 B.C.
(D) गुप्त संवत् – 4. 78  A.D.
(a) A1, B2, C3, D4
(b) A3, B4, C1, D2
(c) A4, B3, C2, D1
(d) A2, B1, C4, D3
S.S.C. संयुक्त स्नातक स्तरीय (Tier-I) परीक्षा, 2012
उत्तर-(ब)
सही सुमेलित हैं
विक्रम संवत् – 58 B.C. (वास्तव में यह 57 ई.पू. है)
शक संवत् – 78 A.D.
कलचुरी संवत् – 248 A.D.
गुप्त संवत् – 320 A.D. (319 ई.)
10. कला की गांधार शैली किसके शासनकाल में पनपी थी?
(अ) हर्ष (ब) अशोक
(स) कनिष्क (द) चंद्रगुप्त द्वितीय
S.S.C. मैट्रिक स्तरीय परीक्षा, 2006
उत्तर-(स)
कुषाण काल (मुख्यतः कनिष्क के समय) के दौरान मूर्तिकला की गांधार शैली, भारत-ग्रीक (यूनानी) शैली का मिश्रण है। इसका केंद्रबिंदु गांधार था। अतः इसे गांधार कला शैली भी कहा जाता है। इसमें बुद्ध एवं बोधिसत्वों की मूर्तियां काले स्लेटी पाषाण से बनाई गई हैं।
11. प्राचीन काल में निम्नलिखित में से कौन कलिंग का एक महान शासक था?
(अ) अजातशत्रु (ब) बिंदुसार
(स) खारवेल (द) मयूरशर्मन
S.S.C. मैट्रिक स्तरीय परीक्षा, 2006
उत्तर-(स)
प्राचीन काल में खारवेल कलिंग का एक महान शासक था। खारवेल, फलिंग का वीर एवं प्रतापी शासक था। इसके बारे में हमारी जानकारी का मुख्य स्रोत हाथीगुम्फा अभिलेख है। यह द्वितीय सदी ई.पू. में शासक हुआ था तथा इसका संबंध खारवेल के चेदि वंश से था। इसने अनेक विजय प्राप्त की, जिनमें मगध के शासक बृहस्पति मित्र पर तथा दक्षिण के सातवाहन शासक शातकर्णी पर विजयें प्रमुख हैं। यह जैन तीर्थंकर की मूर्ति को मगध से कलिंग ले जाने में सफल रहा। इसने कृषि हेतु नहरों का निर्माण करवाया तथा प्राची नदी के दोनों तटों पर महाविजय प्रसाद नामक महल बनवाया। यह जैन धर्म का अनुयायी था। इसने ऐरा, महाराज, मेघवाहन, कलिंगाधिपति आदि उपाधियां भी धारण की थीं।
12. राजा खारवेल किस चेदी वंश के महानतम शासक थे?
(अ) चोलमंडलम (ब) कलिंग
(स) कन्नौज (द) पुरुषपुर
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2013
उत्तर-(ब)
उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
13. कलिंग शासक खारवेल ने संरक्षण दिया-
(अ) हिंदू धर्म (वैष्णव धर्म) को (ब) शैव धर्म को
(स) बौद्ध धर्म को (द) जैन धर्म को
S.S.C. संयुक्त हायर सेकण्डरी (10़2) स्तरीय परीक्षा, 2012
उत्तर-(द)
कलिंग के चेदिवंश का सबसे प्रतापी शासक खारवेल था, जिसका झुकाव जैन धर्म के प्रति था। इसके द्वारा जैन लोगों को ग्राम दान दिए जाने का अभिलेखीय साक्ष्य ‘हाथी गुम्फा अभिलेख‘ है।
14. सातवाहन का सबसे बड़ा शासक कौन था?
(अ) शातकर्णी प् (ब) गौतमीपुत्र शातकर्णी
(स) सिमुक (द) हाल
S.S.C. .संयुक्त स्नातक स्तरीय (ज्पमत-प्) परीक्षा, 2014
उत्तर-(ब)
गौतमीपुत्र शातकर्णी, सातवाहन वंश का सर्वश्रेष्ठ शासक था। इसकी माता गौतमी, बलश्री की नासिक प्रशस्ति तथा पुलुमावी के नासिक गुहालेख से इसकी सैनिक सफलताओं के विषय में सूचना मिलती है। नासिक प्रशस्ति से पता चलता है कि इसके वाहनों ने तीनों समुद्रों (इससे तात्पर्य बंगाल की खाड़ी, अरब सागर तथा हिंद महासागर) का जल पिया था।
15. निम्नलिखित में से विद्या की सबसे पुरानी पीठ कौन-सी है?
(अ) तक्षशिला (ब) नालंदा
(स) उज्जैन (द) विक्रमशिला
S.S.C.  मैट्रिक स्तरीय परीक्षा, 2006
उत्तर-(अ)
तक्षशिला विद्या की सबसे पुरानी पील है। यह मौर्य युग के पूर्व ही स्थापित था। नालंदा एवं उज्जैन गुप्तकालीन जबकि विक्रमशिला पाल युगीन विद्या केंद्र थे। नगरी अत्यंत प्राचीन काल में गांधार जनपद की राजधानी थी। यह आधुनिक रावलपिंडी से 20 मील पश्चिम की ओर सिंध तथा झेलम नदियों के बीच स्थित है। रामायण की परंपरा के अनुसार भरत के पुत्र तक्ष ने इसे बसाया था। जनमेजय का नाग यन्त्र यहीं पर हुआ था। इसकी सबसे अधिक ख्याति शैक्षणिक क्षेत्र में मानी जाती है। यह उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। व्याकरण के विश्वविख्यात विद्वान पाणिनी, राजनीति तथा अर्थशास्त्र के विश्व-विश्रुत विद्वान चाणक्य तथा आयुर्वेद चिकित्सा के प्रसिद्ध विद्वान आचार्य जीवक ने तक्षशिला में शिक्षा पाई थी। इसके अतिरिक्त कौशल नरेश प्रसेनजित, बौद्ध विद्वान वसुबंधु आदि ने यहीं शिक्षा प्राप्त की थी। चंद्रगुप्त मौर्य ने अपनी सैनिक शिक्षा यहीं पर ग्रहण की थी। चाणक्य यहां का प्रमुख आचार्य भी था।