उदाहरण 16 : एक लटू ऊर्ध्वाधर से 20° का कोण बनाते हुये 20 चक्कर प्रति सेकण्ड की दर से चक्रण कर रहा है। इसका द्रव्यमान 0.7 किग्रा. है तथा इसका जड़त्व आघूर्ण 5.0×104 किग्रा.-मी2. है। मूल बिन्दु से द्रव्यमान केन्द्र की दूरी 5.0 सेमी. है। ऊपर से देखने पर चक्रण दक्षिणावती दिखाई देते हैं। पुरस्सरण का कोणीय वेग व दिशा ज्ञात कीजिये।
हल : पुरस्सरण का कोणीय वेग
यहाँ ωp = mgr/j = mgr/Iω
M = 0.7 किग्रा
G = 9.8 मी./से2.
r= 0.05 मी.
I = 5.0 x 10-4 किग्रा-मी.2
ω= 2π x 20 = 40π रेडियन/सेकण्ड
पुरस्सरण का कोणीय वेग
ωp = 0.7 x 9.8 x 0.05/ 5.0 x 10-4 x 40 x 3.14
= 5.46 रेडियन/सेकण्ड
पुरस्सरण की दिशा भी दक्षिणावर्ती होगी।
उदाहरण 13: यदि उदाहरण (12) के निकाय की छड़ X-अक्ष के सापेक्ष ω कोणीय वेग से घूर्णन कर रही है तो निकाय के कोणीय संवेग के घटक ज्ञात करो। क्या कोणीय संवेग J और कोणीय वेग सदिश ω समान्तर हैं ?
हलः घूर्णन करते हुए पिण्ड के कोणीय , संवेग Jऔर कोणीय वेग ω के घटकों में सामान्य रूप से निम्न सम्बन्ध होते हैं
JX = IXX ωx + IXY ωy + IXZ ωZ
JY = IYX ωx + Iyy ωy + IYZ ωZ
JZ = IZX ωx + Izy ωy + IZZ ωZ,
प्रश्नानुसार
ω = ω X, अतः ωx = ω, ωy, = ωz = 0.
अतः कोणीय संवेग के घटक
JX = JXX ω
JY = IYX ω व JZ = 0 (: यहाँ सममिति से IZX =- Σ mizixi = 0)
अर्थात् जब छड XY तल में स्थित होती है, तब कोणीय संवेग सदिश भी XY तल में ही स्थित होगा।। इसका कोणीय वेग ω से झुकाव ज्ञात करने के लिए।
JY /JX = IYX/IXX = IXY/IXX = tan ϕ
यहाँ ϕ J व ω के मध्य कोण है।
IXY = – 2.598 x 104 ग्राम-सेमी.2 तथा
IXX = 4.5 x 104 ग्राम-सेमी.2
Tan ϕ = 2.598 x 104/4.5 x 104
= – 0.577
ϕ = tan-1 ‘(-0.577)= 30°
अतः J, ω के समान्तर नहीं है तथा यह छड़ के लम्बवत् X-अक्ष से -30° के कोण पर है।
उदाहरण 14 : 100g तथा 150g के दो कण 50cm लम्बी छड़ के सिरों पर स्थित हैं। कार्तीय निर्देशांक पद्धति का मूल बिन्दु इस निकाय के द्रव्यमान केन्द्र पर है। छड़ X-Y तल में स्थित है तथा x-अक्ष से 60° कोण बनाती है।
() निकाय के जड़त्वीय गुणांकों की गणना कीजिये।
(i) यदि छड़ X-अक्ष के परितः 20 rad/s के कोणीय वेग से घूर्णन करे तो निकाय के कोणीय संवेग का परिमाण व दिशा ज्ञात कीजिये।
हलः 100g के कण से द्रव्यमान केन्द्र की दूरी
R1 = 100 x 0 + 150 x 50 / 100 +150 = 30 cm
अतः द्रव्यमान केन्द्र के सापेक्ष 100g के कण के निर्देशांक होंगे
X1 =30 cos 60° = 15 cm
Y1 = 30 sin 60° = 26 cm
Z1 = 0
इसी प्रकार 150g के कण के निर्देशांक होंगे
X2 =- 20 cos 60° =-10 cm (r2 = 50 – 30 = 20 cm)
Y2 =- 20 sin 60° =-17.32 cm
Z2 =0
जड़त्वीय गुणांक
|XX = Σ mI(r2i – x2i)
= 100(302 – 152) + 150(202 –102)
= 100(900 – 225)+ 150(400-100)
=67500 + 45000 = 11.25 x 104 +g-cm
IXY = IYX = – Σmi xi yi
=-100 x 15 x 26 – 150 x 10 x 17.32
=- 39000 – 25980 =- 06.50 x 104 g-cm2
IYY = Σmi (ri2 – y2i)
= 100(900 – 676) + 150(400 – 300)
= 22400 + 15000 = 3.74 x 104 g-cm2
Izz = Σ mi (ri2 + z2i)
[1] = -6.50 370
= 100 x 900 + 150 x 400
= 15.0 x 104 g-cm2
Ixz = Izx = Iyz = Izy = 0
|11.25 -6.60 0|
[1] = |-6.50 3.74 0| x 104 g-cm2
|0 0 15.0|
(ii) जब छड़ X-अक्ष के परितः 20 rad/s की चाल से घूर्णित है तब ω = 20 x.
Jx = Ixx ωx + Ixy ωy + Ixz ωz
= 11.25 x 104 x 20
=22.5 x 105 erg-sec.
Jy = Iyx, ωx, + Iyy ωy , + Iyz ωz
= – 6.5 x 104 x 20
=-13.0 x 105 erg-sec
JZ = IZX ωx + IZY ωy + IZZ ωZ
= 0
कोणीय संवेग का परिमाण J = (J2X + J2Y)1/2
= [22.52 + (-13.0)2]1/2 x 105
= (506.25 +169.0)1/2 x 105
= 26.0 x 105 erg-s
यदि कोणीय संवेग की दिशा X-अक्ष से ϕ कोण पर है तो
tan ϕ = JY/JX = – 13.0/22.5 = – 0.58
ϕ = – tan-1 (0.578)
= – 300
उदाहरण 15: एक निकाय में तीन समान द्रव्यमान m क्रमशः बिन्दु (a, 0,0); (0, a ,0) तथा (0.0, a) पर स्थित हैं। इस निकाय के सभी जड़त्वीय गुणांक ज्ञात कीजिये।।
हल : चित्र में तीन द्रव्यमान दिये हुए बिन्दुओं पर दिखाये गए हैं। जड़त्वीय गुणांकों के मान निम्न
Ixx = Σ mi (ri2 – x2i)
= Σ mi (Yi2 + Z2i)
= m (0 + 0 ) +m(a2 + 0) + m(0 + a2)
= 2ma2
Iyy = Σ mi (r2i – yi2) = Σ mi (x2i + z2i)
= m (a2 +0)+ m(0 +0)+ m(0 + a2)
= 2ma2
IZZ = Σmi (ri2 – z2i) = Σmi (xi2 + y2i)
= m (a2 + 0) + m(0 + a2) +m(0 + 0)
= 2ma2
IXY = IYX = – Σmi xi yi
= – m x a x 0 – m x 0 x a – m x 0 x 0 = 0
= 0
IXZ = IZX = – Σmi xi zi
=- m x 0 x 0 – m x a x 0 – m x 0 x a
= 0
Iyz = IZY = – Σmi yi zi
= – m x 0 x 0 – m x a x 0 – m x 0 x a
= 0
सभी जड़त्वीय गुणांकों को मैट्रिक्स के रूप में रखने पर
[2ma2 0 0]
[I] = [0 2ma2 0]
[0 0 2ma2]