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Categories: Physicsphysics

एक प्रेरक का लोहे की क्रोड के बिना एवं क्रोड सहित प्रतिरोध एवं प्रतिबाधा ज्ञात करना To Measure the Resistance and Impedance

To Measure the Resistance and Impedance of an Inductor With or Without Iron Core in hindi ?

क्रियाकलाप (Activities)
SECTION-A
क्रियाकलाप (Activities) -1
उद्देश्य (Object):
एक प्रेरक का लोहे की क्रोड के बिना एवं क्रोड सहित प्रतिरोध एवं प्रतिबाधा ज्ञात करना।
उपकरण (Apparatus):
दी गई प्रेरक कण्डली, लोहे की क्रोड, धारा नियंत्रक, कुंजी, बैटरी, दिष्ट धारा अमीटर एवं वोल्टमीटर प्रत्यावर्ती धारा अमीटर एवं वोल्टमीटर, अपचायी ट्रांसफार्मर तथा संयोजक तार आदि।
परिपथ चित्र (Circuit Diagram) :
सिद्धान्त (Theory):
एक कुण्डली में प्रतिरोध एवं प्रेरकत्व दोनों गुण विद्यमान होते हैं परंतु दिष्ट वोल्टता के लिए कुण्डली केवल. प्रतिरोध गुण प्रदर्शित करती है अतः कुण्डली का प्रतिरोध
त्त्र कुण्डली के सिरों पर उत्पन्न दिष्ट विभवान्तर/कुण्डली में प्रवाहित दिष्ट धारा

या Ùj V/I ……..;1)
जब कुण्डली पर प्रत्यावर्ती वोल्टता आरोपित की जाती है तो कुण्डली का प्रतिरोध एवं प्रेरकत्व दोनों गुण प्रदर्शित होते हैं। इस स्थिति में कुण्डली की प्रतिबाधा
J = Vrms/Irms ……..;2)
परंतु कुण्डली के र्लिए = √;R2़ω2़L2) = √;R2़π2़f2 L2)
जहां f = आरोपित प्रत्यावर्ती वोल्टता की आवृत्ति
ω = 2πf= आरोपित प्रत्यावर्ती वोल्टता की कोणीय आवृत्ति
L = कुण्डली का स्वप्रेरकत्व (क्रोड रहित)
जब कुण्डली के अन्दर लौह क्रोड रखा जाता है तो लोहे की चुम्बकशीलता के अधिक होने के कारण इसका स्वप्रेरकत्व बढ़ जाता है अतः प्रतिबाधा भी बढ़ जाती है।
अर्थात् लौह क्रौड सहित स्वप्रेरकत्व L’>L तथा प्रतिबार्धा ‘>Z

प्रेक्षण (Observatios):
दिष्ट धारा अमीटर का अल्पतमांक = ….. एम्पियर,
दिष्ट धारा वोल्टमीटर का अल्पतमांक = ….. वोल्ट
AC अमीटर का अल्पतमांक = …. एम्पियर,
AC वोल्टमीटर का अल्पतमांक = ….. वोल्ट
सारणी:
विवरण क्रोड रहित कुण्डली के लिए लौह क्रोड रहित कुण्डली के लिए
वोल्मीटर
का पाठ्यांक
V (वोल्ट)
अमीटर का
पाठ्यांक I
(एम्पियर)
कुण्डली का
प्रतिरोध या
प्रतिबाधा R
J;k = V/I
(ओम) वोल्मीटर
का पाठ्यांक
V (वोल्ट)
अमीटर का
पाठ्यांक I
(एम्पियर)
कुण्डली का
प्रतिरोध या
प्रतिबाधा R
J;k = V/I
(ओम)

DC परिपथ के लिए R = R =
AC परिपथ के लिए J = J =

परिणाम (Result):
(i) दी गई कुण्डली का बिना क्रोड एवं क्रोड सहित प्रतिरोध एक समान R  = ….. ओम प्राप्त होता है।
(ii) क्रोड रहित कुण्डली की प्रतिबार्धा = ……… ओम एवं क्रोड सहित कुण्डली की प्रतिबार्धा ”  = …… ओम प्राप्त होती है।

(प्रयोग-5)
उद्देश्य (object)ः
एक P-N सधि डायोड के लिए अग्र अभिनति एवं पश्च अभिनति में I-V अभिलाक्षााणका
उपकरण (Apparatus)ः
एक P-N संधि डायोड संचायक सेल, मिली अमीटर माइक्रो अमीटर उपर्युक्त परास के दो वोल्टमीटर, उपर्युक्त परास के धारा नियंत्रक, कुंजी तथा संयोजक तार आदि।
परिपथ चित्र (Circuit Diagram) :
अमाटर, माइक्रो अमीटर उपयक्त परास के दो वोल्टमीटर,
सिद्धान्त (Theory) – P-N संधि डायोड में प्रवाहित धारा का मान उसके बायस वोल्टता पर निम्न समीकरण के अनुसार निर्भर करता है।
I = I0 ( eqv/kT -1)

जहाँ I0 = संतृप्त धारा, q = इलेक्ट्रॉन का आवेश, T = संधि का परम ताप, K  = वोल्ट्जमान नियतांक तथा V = बायस वोल्टता
(i) अग्र बायस अवस्था में v का मान धनात्मक होता है अतः eqv/kT ≫ 1 अतः .
I = I0eqv/kT
अर्थात् डायोड में प्रवाहित धारा बायस वोल्टता के साथ चरघातांकी रूप से बढ़ता है।
(ii) उत्क्रम बायस अवस्था में v का मान ऋणात्मक होता है अतः eqv/kT ≪ 1 अतः
I = -I0
अर्थात् डायोड में प्रवाहित धारा लगभग नियत रहती है।
(iii) डायोड के प्रतिरोध- डायोड एक अन-ओमीय युक्ति है अतः डायोड के लिए गतिक प्रतिरोध परिभाषित किये जाते हैं।
(A) अग्र गतिक प्रतिरोध Rdf = अग्रं वोल्टता में परिवर्तन / संगत अग्र धारा में परिवर्तन = ∆ Vf / ∆ fI
(B) पश्च गतिक प्रतिरोध Rdr = पश्च वोल्टता में परिवर्तन / संगत पश्च धारा में परिवर्तन = ∆ Vr / ∆ I r

प्रेक्षण (observations)ः
(A) अग्र बायस के लिए-
वोल्टमीटर का अल्पतमांक = 0.02 वोल्ट
मिली अमीटर का अल्पतमांक = 0.2 मिली एम्पियर
(B) पश्च बायस के लिए-
वोल्टमीटर का अल्पतमांक = 0.2 वोल्ट
माइक्रो अमीटर का अल्पतमांक = 1 माइक्रो एम्पियर
(C) सारणी

अग्रदिशिक बायस उत्क्रम बायस
क्र.
स. वोल्टमीटर का पाठ्यांक मिली अमीटर का पाठ्यांक क्र.
स. वोल्टमीटर का पाठ्यांक माइक्रो अमीटर का पाठ्यांक
खानों
की
संख्या
n1 अग्र वोल्टता
Vf=n1
× अल्पतमांक
(वोल्ट)
खानों
की
संख्या
n2 अग्र धारा
fI=n2
× अल्पतमांक
(मिली एम्पियर)
खानों
की
संख्या
n3 पश्च वोल्टता
Vr=n3
× अल्पतमांक
(वोल्ट)
खानों
की
संख्या
n4 पश्च धारा
Ir=n4
× अल्पतमांक
(माइक्रो एम्पियर)

1. 15 0.3 6 1.2 1. 2 0.4 2
2. 20 0.4 12 2.4 2. 5 1.0 7
3. 25 0.5 18 3.6 3. 6 1.2 10
4. 30 0.6 28 5.6 4. 8 1.6 16
5. 35 0.7 38 7.6 5. 10 2.0 32

गणना (Calculation):
प्राप्त प्रेक्षणों से चित्रानुसार ग्राफ खींचते हैं-

माना पैमाना अक्ष बायस : Ûअक्ष : 1 बड़ा खाना = 0.1 वोल्ट अग्र वोल्टता Y अक्ष : 1 बड़ा खाना = ImA अग्र धारा पश्च बायस -Û अक्ष : 2 बड़े खाने = 1 वोल्ट पश्च वोल्टता -Y अक्ष : 1 बड़ा खाना = SHA पश्च धारा

अग्र बायस के लिए- ग्राफ से ∆ Vf = 0.6-0.4 = 0.2 वोल्ट, ∆ fI= 5.6-2.4 = 3.2 mA
अतः अग्र गतिक प्रतिरोध
Rdf  = ∆ Vf / ∆ fi~ = 0.2/3.2 × 10-3 = 200/3.2 = 62.5 ओम
पश्च बायस के लिए- ग्राफ से ∆ Vr = 1.6- 1= 0.6 वोल्ट, ∆ Ir = 16-7 = 9 μ।
अतः पश्च गतिक प्रतिरोध
Rdr = ∆ Vr / ∆ Ir = 0.6/9× 10-6 = 60× 104 /9 = 6.67 × 104 ओम
परिणाम (Result) – दिए गए P-N संधि डायोड के लिए अग्रबायस एवं उत्क्रम बायस अभिलाक्षणिक वक्र ग्राफ पेपर पर अंकित है तथा डायोड के लिए प्रतिरोध के मान निम्नानुसार प्राप्त होते है
अग्र गतिक प्रतिरोध Rdf = 62.5 ओम तथा उत्क्रम गतिक प्रतिरोध Rdr =6.67 × 104 ओम
सावधानियाँ (Precautions) –
(i). प्रत्येक संयोजन को पर्याप्त दृढ़ (ज्पहीज म्दवनही) होना चाहिए।
(ii) अग्र अभिनति में डायोड के P सिरे को बैटरी के धन ध्रुव से तथा N सिरे को ऋण ध्रुव से जोड़ना चाहिए। इसी तरह उत्क्रम अभिनति में डायोड के P सिरे को बैटरी के ऋण ध्रुव से तथा N सिरे को धन ध्रुव से जोड़ना चाहिए।
(iii) वोल्टमीटर और अमीटर को विद्युत् परिपथ में जोड़ते समय ध्यान रखना चाहिए कि उनके (़) सिरे बैटरी के धन ध्रुव की ओर हों।
(iv) जब प्रेक्षण लेना हो तभी थोड़ी देर के लिए डायोड पर विभवान्तर लगाया जाना चाहिए।
(v) डायोड के सिरों पर लगाया गया विभवान्तर उसकी सुरक्षा सीमा के अन्दर होना चाहिए, अन्यथा डायोड खराब हो सकता है।
(vi) अग्र अभिनति में मिली-अमीटर और उत्क्रम अभिनति में माइक्रो-अमीटर प्रयुक्त करना चाहिए।

Sbistudy

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