JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: physics

एक द्वि-परमाणुक अणु के लिए स्थितिज ऊर्जा फलन को निम्न रूप में व्यक्त करते हैं , एक स्प्रिंग की स्थितिज ऊर्जा है

संख्यात्मक उदाहरण

उदाहरण- 1. एक द्वि-परमाणुक अणु के लिए स्थितिज ऊर्जा फलन को निम्न रूप में व्यक्त करते हैं

Ux) = a/x12 – b/x6

मध्य बल

यहाँ a तथा b धनात्मक नियतांक है और x परमाणुओं के मध्य दूरी है। परमाणुओं के मध्य बल  के लिए व्यंजक ज्ञात करो और x के किस मान के लिए U(x) = 0 तथा U(x) न्यूनतम होता है

हलः प्रश्नानुसार, किसी द्वि-परमाणुक अणु के लिए स्थितिज ऊर्जा

U(x) = a/x12 – b/x6 ………………………..(1)

समीकरण (1) का अवकलन करने पर

∂U/∂x = – 12a/x13 + 6b/x7 ……………………(2)

बल   F = – ∂U/∂x = 12a/x13 – 6b/x7 ……………………….(3)

(i) U(x) = 0 के लिए

U(x) = a/x12 – b/x6 = 0

X12/x6 = a/b

X = (a/b)1/6 …………………(4)

(ii) स्थितिज ऊर्जा न्यूनतम होने के लिए आवश्यक है कि F = – du/dx = 0 तथा d2U/dx2 धनात्मक हो।

समीकरण (3) से

12a/x13 – 6b/x7 = 0

X13/x7 = 12a/6b

X = (2a/b)1/6 ………………………….(5)

समीकरण (2) का अवकलन करने पर

∂U/ ∂x2 = 156a/x14 – 42b/x8

X = (2a/b)1/6

2U/ ∂x2 = 156a (2a/b)-14/6 -42b (2a/b)-8/6

= 39 b2/a (b/2a)1/3 – 21 b2/a (b/2a)1/3

= 18 b2/a (b/2a)1/3 = धनात्मक

अतः x = (2a/b)1/6 पर स्थितिज ऊर्जा का मान न्यूनतम होता है।

उदाहरण- 2. एक स्प्रिंग की स्थितिज ऊर्जा है : U(x) =  1/2 = cx2 – csx3

जहां स्प्रिंग का विस्तार x है तथा c एवं s स्थिरांक है। लघु दोलन के सन्निकटन में सिंगर जुड़े m द्रव्यमान के एक लोलक की दोलन आवृत्ति ज्ञात कीजिए।

हल : एक स्प्रिंग की स्थितिज ऊर्जा

U(x) =1/2 cx2 – c sx3

कण की दोलनी गति के लिए आवश्यक शर्त है कि स्थितिज ऊर्जा न्यूनतम तथा d2U/dx2 का मान धनात्मक हो। साम्य स्थिति के लिए

का मान

dU/dx = cx -3 csx2

साम्यवस्था स्थिति

X0 = 0 तथा x0 = 1/3s

No = 0 पर d2 U/dx2 = c = धनात्मक

No = 1/3s  पर d2U/dx2  =- c ऋणात्मक

X0 = 0 पर स्थायी साम्यावस्था होती है।

बल नियतांक  k = c

आवर्तकाल  T = 2π m/c

उदाहरण- 3. यदि स्थितिज ऊर्जा वक्र का समीकरण U = a cos a x है तो

  • सिद्ध करो कि x = (2n + 1) π/a स्थायी सन्तुलन की स्थितियां होंगी।

(ii) यदि कण की कुल ऊर्जा E है तो विभव कूप से केन्द्र पर अधिकतम गतिज ऊर्जा (E+a) होती है।

  • यदि कण की कुल ऊर्जा (-a/2) तो दोलक का आयाम एवं आवर्तकाल ज्ञात करो।

हल : (i) स्थायी सन्तुलन की स्थिति पर स्थितिज ऊर्जा न्यूनतम होती है।

Cos a x = – 1

X0 = (2n + 1) π/a           n = 0,1,2 …………….

कुल ऊर्जा = गतिज ऊर्जा + स्थितिज ऊर्जा

E = K +U= E + a cos ax

Kmax = E- Umin

=E-(-a) = (E + a)

(ii) स्थायी सन्तुलन की स्थिति पर

k= mω02 = (d2U/dx2) x = x0

= -a a2 cos a x|x = x0

= a a2

ω0 =(aa2/m)

आवर्तकाल  T = 2π m/aa2

महत्तम गतिज ऊर्जा  = 1/2 m ω02 A2

E + a = 1/2 m ω02A2

E = -a/2

a/2 = m/2 . aa2/m A2

A = 1/a

उदाहरण- 4. एक दोलक निम्न सम्बन्ध के अनुसार सरल आवर्ती गति करता है :

x = 10 sin (2πt + π/6)m

  • t = 2 s पर दोलक का विस्थापन, वेग तथा त्वरण ज्ञात करो।

(ii) यदि दोलक का द्रव्यमान 2 kg है तो इसी समय पर प्रत्यानयन बल, गतिज ऊर्जा एवं

हल: प्रश्नानुसार,

आयाम a= 10 m

आवृत्ति ω0 = 2π rad/s

प्रारम्भिक कला φ = π/6

(i) दोलक का विस्थापन

x = 10 sin (2πt + π/6)m

t = 2s पर

x = 10 sin (4π + π/6] – 10 sin π/6

= 10 x 1/2 = 5m

दोलक का वेग

v = aω0 cos (ω0t + φ)

t = 2s पर

v = 10 x 2π cos (2π x 2 + π/6)

= 20 π cos π/6 = 20π =  3/2

= 10 π 3 m/s

दोलक का त्वरण f = – ω02 x

T = 2s पर x = 5 m

F =-(2π)2 x 5

=- 20π2 m/sec2

(ii) प्रत्यानयन बल F =- m ω02x

=- 2 x (2π)2 x 5

=- 40 π2 N

स्थितिज ऊर्जा U = 1/2 m ω02x2

= 1/2 x 2 x (2π)2 x 52

= 100 π2 J

गतिज ऊर्जा K = 1/2  mv2

= 1/2 x 2 x (10 π  3)2

= 300 π2

उदाहरण- 5. एक सरल आवर्त गति करता हुआ कण जब माध्य स्थिति से x1 तथा X2 दुरी पर होता है तो उसके वेग v1 तथा वेग v2 होते हैं। कण का आवर्त काल तथा आयाम ज्ञात करो

हलः x1  विस्थापन पर दोलक का वेग v1 = ω0  a2 – x12 …………………(1)

X2 विस्थापन पर दोलक का वेग v2 = ω0 a2 – x22

जहाँ दोलक का आयाम a तथा स्वाभाविक आवृत्ति ω0 है।

समीकरण (1) व (2) का वर्ग करके भाग देने पर

V12/v22 = a2 – x21/a2 – x22

A = x22 v21 – x12 v22/v12 – v22

समीकरण (1) व (2) का वर्ग करके घटाने पर

V12 – v22 = ω02 (x22 – x12)

ω0 = v12 – v22/x22 – x12

T = 2π/ ω0 = 2π x22 – x12/v12 – v22

उदाहरण- 6. सिद्ध कीजिए कि स्थिति के सापेक्ष सरल आवर्ती दोलक की माध्य गतिज ऊर्जा 1/2  = mω02a2 तथा माध्य स्थितिज ऊर्जा 1/6 m ω02a2 होती है।

या

सिद्ध कीजिए कि एक सरल आवर्त दोलक की माध्य गतिज ऊर्जा, माध्य स्थितिज ऊर्जा की दुगुनी होती है जबकि माध्य स्थिति के सापेक्ष लिया जाता है।

हल : सरल आवर्त्त दोलक की गतिज ऊर्जा

K = 1/2 mω02 (a2 –x2)

स्थिति के सापेक्ष माध्य गतिज ऊर्जा

<K> = 1/a = K dx

= 1/2 1/2 m ω02 (a2 – x2)dx = m ω02/2a [a2x – x3/3]

= 1/3 m ω02a2

सरल आवर्त दोलन की स्थितिज ऊर्जा

U = 1/2 m ω02x2

स्थिति के सापेक्ष माध्य स्थितिज ऊर्जा

<U> = 1/2 Udx

= 1/2 1/2 ω02x2 dx = ω02/2a [x3/3]

= 1/6 ω02a2

<K> = 2 <U>

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now