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एक खाली रॉकेट का भार 5000 किग्रा. है तथा इसमें 40,000 किग्रा. इंधन भर है। यदि ईंधन का निर्वातक वेग 2.0 किलोमीटर/से. हो तो रॉकेट द्वारा प्राप्त अधिकतम वेग ज्ञात कीजिये।
उदाहरण 17 : एक खाली रॉकेट का भार 5000 किग्रा. है तथा इसमें 40,000 किग्रा. इंधन भर है। यदि ईंधन का निर्वातक वेग 2.0 किलोमीटर/से. हो तो रॉकेट द्वारा प्राप्त अधिकतम वेग ज्ञात कीजिये।
[loge 10 = 2.3, log10 3 = 0.4771]
हलः- प्रश्नानुसार, vo = 0.Mo = 5000 + 40.000 = 45000 किग्रा.
M=5000 किलोग्राम, vr = 2.0 किलोमीटर/से.
गुरूत्वीय प्रभाव को नगण्य मानने पर रॉकेट द्वारा प्राप्त अधिकतम वेग का मान
V = v0 + vr loge (MO/M)
= 0 + 2 x 103 x loge 45000/5000
= 2 x 103 x loge (3)2
= 2 x 103 x 2loge 3
= 4 x 103 x 2.3 log103
= 4 x 103 x 2.3 x 0.4771
= 4 x103 x 1.097
= 4.39 x 103 मी./से.
= 4.39 किलोमीटर/से.
उदाहरण 18 : एक 8000 किलोग्राम-भार का रॉकेट ऊर्ध्वाधर उड़ान के लिये तैयार है उसकी निर्वातक चाल 800 मी./से. है। आवश्यक प्रणोद देने के लिये किस दर से गैस निकलनी। चाहिये?
- रॉकेट के भार को सम्भालने (overcome) के लिये। (ii) रॉकेट को प्रारम्भिक ऊर्ध्वाधर त्वरण 3g देने के लिये।
हलः- प्रश्नानुसार,
M(रॉकेट + ईंधन) = 8000 किलोग्राम
Vr = 800 मीटर/से.
(i) रॉकेट के गति समीकरण के अनुसार
M dv/dt = – Mg – vr dM/dt
जिसमें M dv/dt किसी क्षण लगने वाला नेट ऊध्वधिर बल तथा vr dM/dt प्रणोद है
रॉकेट के भारी को सन्तुलित करने के लिए प्रणोद द्वारा कोई नेट ऊर्ध्वाधर बल नहीं लगाना चाहिए।
अर्थात् M dv/dt = 0
अतः समीकरण (1) से
- Mg – vr dM/dt = 0
Dm/dt = – Mg/vr
= 8000 x 9.8/800
= – 98 किलोग्राम/से.
अर्थात् गैस 98 किलोग्राम/से. की दर से निकलनी चाहिए।
(ii) यदि रॉकेट को प्रारम्भिक ऊर्ध्वाधर त्वरण 3g देना है तो समीकरण (1) में
Dv/dt = – 3g रखने पर
-3 Mg =- Mg –Vr dm/dt
dM /dt = – 4Mg /vr
= 4 x 98
=- 392 किलोग्राम/से.
अर्थात् इस स्थिति में गैस 392 किलोग्राम/से. की दर से निकलनी चाहिए।
उदाहरण 19 : एक रॉकेट का द्रव्यमान 20 किलोग्राम है तथा उसमें 180 किलोग्राम ईंधन भरा है। यदि गैस का निर्वातक वेग 1.6 किलोमीटर/से. हो तो पृथ्वी से ऊधिर उठने के लिये न्यूनतम कितने ईंधन की आवश्यकता होगी? यदि ईधन के जलने की दर 20 किलोग्राम/से. हो तो रॉकेट द्वारा प्राप्त अन्तिम ऊधिर वेग ज्ञात करो।।
हल : प्रश्नानुसार,
M(रॉकेट + ईंधन) = 20 + 180 = 200 किलोग्राम
रॉकेट का द्रव्यमान M = 20 किलोग्राम
रॉकेट में ईंधन के खर्च होने की दर इतनी होनी चाहिए कि उससे रॉकेट को दिया गया प्रणोद vr dM/dt प्रारम्भिक भार Mog के बराबर हो तब रॉकेट पृथ्वी से ऊपर उठ सकेगा।
अर्थात् vr = dm/dt = mog
Dm/dt = mog/vr = 200 x 9.8/1.6 x 103 = 1.225 किग्रा./से.
यदि ईंधन जलने की दर 20 किलोग्राम/से. हो तो 180 किलोग्राम ईंधन जलने में लगा समय
t = 180/20 = 9 सेकण्ड
अतः रॉकेट का अन्तिम वेग
v = vo + vr loge (Mo/M) – gt
= 0+ (1.6 x 103) loge(200/20 -9.8 x 9
= 1.6 x 103 x 2.3 log10 10 – 88.2
= 1.6 x 103 x 2.3 – 88.2
= 3680 – 88.2
= 3591.8 मी./से.
= 3.6 किलोमीटर/से.
उदाहरण 20 : 100 ग्राम दव्यमान के एक कण का वेग v =-3i + j + 5 k मी./से. है जबकि उसकी स्थिति बिन्दु r = 7i + 3j + k मीटर पर है। मूल बिन्दु (0,0,0) के प्रति कण का कोणीय संवेग ज्ञात करो।
हलः- प्रश्नानुसार,
m = 100 ग्राम = 0.1 किग्रा., r = (rp – ro) = rp,
क्योंकि निर्देश बिन्दु मूल बिन्दु है।
कोणीय संवेग J = m (r x v)
= 0.1 [(7i +3j + k) (-3i + j + 5k)]
= 0.1 |I j k|
|7 3 1|
|-3 1 5|
=0.1 [i(3 – 5 -1 x 1) + j {i x (-3)-7 x 5} + k {7 x 1 – 3 x (-3)}]
= 0.1 [i (14)+j (-38)+k(16)]
= 1.4 i -3.8 j +1.6k जूल सेकण्ड
उदाहरण 21: एक F = 3 i +2j – 4k न्यूटन का बल निर्देश (मूल) बिन्दु से (2i – 4j + 2k) मीटर दूरी पर एक बिन्दु पर लग रहा है। इस बल का मूल बिन्दु पर बल-आघूर्ण तथा बल-आघूर्ण का परिमाण ज्ञात करो। हलः- प्रश्नानुसार,
F = 3i + 2j – 4k न्यूटन
r = (rp – ro)= 2i – 4j – 2k मीटर
बल-आघूर्ण r x F
= (2i – 4j + 2k) x (3i + 2j – 4k)
|I j k|
|2 -4 2|
|3 2 -4|
= I {(-4)(-4)-2 x 2} + j {3 x 2 – 2 x (-4)} + k {2 x 2-3 x (-4)}
= i(16–4)+j (6+8) + k (4+12)
= i(12)+j (14)+k (16)
= 12i +14j + 16k न्यूटन मीटर
= √(12)2 + (14)2 + (16)2 = √144 + 196 + 256
= 24.4 न्यूटन-मी.
उदाहरण 22 : दो प्रोटोन जिनकी प्रत्येक की ऊर्जा 500 Mev है एक दूसरे की ओर की दिशा में गमन करते हुए कितनी निकटतम दरी तक आ सकते हैं, गणना करो।
हलः- प्रश्नानुसार, प्रोटोन की गतिज ऊर्जा = 500 Mev
= 500 x1.6 x10-13
= 800 x 10-13
जूल प्रोटोन निकाय की कुल ऊर्जा = 2 x 500 Mev
= 2 x 500 x 1.6 x 10-13 जूल
माना दोनों प्रोटोन के बीच की निकटतम दूरी 5 मीटर है तो उस स्थिति में निकाय की स्थितिज , ऊर्जा
U(s) = 1/4 π ε0 q2/s = 9 x 109 x (1.6 x 10-19)2/S
9x 109 (1.6×10-1982
प्रोटोन निकाय की स्थितिज ऊर्जा का मान उनकी कुल गतिज ऊर्जा के बराबर होगा, अर्थात
9 -109 (1.6 x 10-19)2 /s = 1000 x 1.6 x 10-13
S = 9 x 109 x(1.6×10-19 )2 /1000 x 1.6 x 10-13
=1.44 x 10-18 मीटर
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