उदाहरण – एक अवमन्दित दोलक का द्रव्यमान तथा स्वाभाविक आवृत्ति क्रमशः m व ω0 है और अवमन्दन गुणांक का परिमाण m ω0/√2 हा यदि चालक बल F0 cos (ω0 t √2) हो तो सिद्व करो कि चालक बल द्वारा t = 0 एव t = π/ω0 के बीच दोलक को दी गई ऊर्जा F0 2 ( π – √2)/4m ω02 होगी।
हलः प्रश्नानुसार,
अवमन्दन गुणांक λ = m ω0/√2
दोलक का द्रव्यमान = m
चालक बल F = F0 cos
चालक बल की आवृत्ति ω = ω0/√2
विश्रान्तिकाल t = m/ λ = √2/ ω0
(1) दोलक का आयाम x0 = F0/m 1/[( ω02 – ω2)2 + ω2/t2]1/2
= Fo/m 1/√(ω02 – ω02/2)2 + ω02/2 . ω02/2
= F0√2/m ω02 …………………………….(1)
(ii) दोलक की प्रारंभिक कला ¢ = tan-1 ω/t/( ω02 – ω2) = tan-1 ω0/√2 ω0/√2 /( ω02 – ω02/2)
= tan-1 1 = π/4 …………………….(2)
दोलक के विस्थापन का समीकरण
x = xo cos (ωt – φ)
X = F0√2/mω02 cos (ω0t/√2 – π) ……………………………(3)
दोलक का वेग dx/dt = – F0/mω0 sin (ω0t/√2 – π/4) …………………………(4)
चालक बल द्वारा t = 0 एवं t = ω0/√2 के बीच दोलक को दी गई ऊर्जा
E = ∫Fπω0√2 dx = (πω0√2) ∫F dx/dt dt
समीकरण (3) व (4) से मान रखने पर
E = (πω0√2) F02/mω0 cos (ω0t/√2) sin (ω0t/√2 – π/4) dt
= – Fo√2/mω0 (πω0√2)cos (ω0t/√2) [sin (ω0t/√2)cos π/4 – cos (ω0t/√2) sin – π/4] dt
= – F02/ mω02√2 (πω0√2) [sin ω0t √2 – cos √2 – 1]dt
= – F02/ mω02√2 = [- cos ω0t/√2/ ω0/√2 – t ] πω0√2
E = F02(π – 2)/4m ω02