वर्तनी की सामान्य अशुद्धियाँ | उच्चारण की सामान्य अशुद्ध वाक्य और शुद्ध वाक्य कौनसा है ? अशुद्ध वाक्य को शुद्ध करके लिखिए पीडीऍफ़ इन हिंदी व्याकरण |
सामान्य अशुद्धिया
हिन्दी एक सरल भाषा है। लेकिन उसे सीखने के लिए सतत अभ्यास की जरूरत है। शब्दों और वाक्यों का शुद्ध प्रयोग सीखने से ही हम हिन्दी बोल अथवा लिख सकते हैं । भ्रमवश हमारी भाषा में सामान्य अशुद्धियों पायी जाती हैं । लिंग, वचन, हस्व एवं दीर्घ मात्राओं, बिन्दु आदि का सही प्रयोग न जानने के कारण हम सामान्य गलतियाँ कर बैठते हैं । नीचे वाक्यों के प्रयोग में होने वाली गलतियों की ओर संकेत किया गया है.-
अशुद्ध वाक्य | शुद्ध वाक्य |
(1) छात्रों ने पं० नेहरू को अभिनन्दनपत्र प्रदान किया ।
(2) भारत सरकार ने डा० श्रीमाली को ‘पद्मविभूषण‘ की पदवी अर्पित की । (3) वह गाने की कसरत कर रहा है। (4) उनकी सौभाग्यवती कन्या का विवाह कल होगा। (5) शोक है कि आपने मेरे पत्रों का कोई उत्तर नहीं दिया । (6) जीवन और साहित्य का घोर सम्बन्ध है। (7) मैदान में भारी-भरकम भीड$ जमा थी। (8) वे ऋषि धन्य हैं कि जिन्होंने ये ग्रंथ बनाये। (9) मैं इसका वह अर्थ नहीं लगाता जो कि आप लगाते हैं। नोट- यहाँ ‘कि‘ का प्रयोग ठीक नहीं है । (10) आपका पत्र सधन्यवाद या धन्यवाद सहित मिला। (11) लड$ाई के द्वारा लोगों ने खूब धन कमाया। (12) उनका बहुत भारी सम्मान हुआ । (13) पति-पत्नी के झगड$े का हेतु क्या हो सकता। (14) दो दिन की बदली के पीछे आज सूरज निकला है। (15) शत्रु मैदान से दौड$ खड$ा हुआ । (16) लड$का मिठाई लेकर भागता हुआ घर आया । (17) इस समय आपकी आयु चालीस वर्ष की है। (18) शत्रुओं ने प्रत्येक क्षेत्रों पर अधिकार जमा लिया । (19) राम ने मोहन पर कठोर कुठाराघात किया। (20) पुलिस ने राम में आरोप लगाया । (21) मेरा नाम श्री रामचन्द्र जी है। (22) मैं तुम्हें अच्छी-अच्छी बात बताऊँगा । (23) इस दूकान पर अनार, संतरे और अंगूर का शरबत मिलता है। (24) वह दंड देने के योग्य है। (25) राम ने श्याम के गले में एक गेंदे की माला डाल दी। (26) कई रेलवे के कर्मचारियों की गिरफ्तारी हुई। (27) बाघ और बकरी एक घाट पानी पीती है। (28) एक गाय, दो घोड$े और एक बकरी मैदान में चर रहे हैं। (29) उन्होंने इस बात पर आपत्ति प्रकट की। (30) कवियों को काव्य के करते समय ही यह आनन्द मिलता है। (31) वहाँ बहुत-से लोग बेहाल दशा में पड$े थे। (32) उस जंगल में प्रातःकाल के समय बहुत ही सुहावना दृश्य होता था। (33) दो वर्षों के बीच राम और श्याम के बीच कटुता उत्पन्न हो गयी। (34) पाकिस्तान की वर्तमान मौजूदा अवस्था अच्छी नहीं है। (35) कृपया आप ही यह बतलाने का अनुग्रह करें। (36) वह भी सोती नींद से जाग पड$ा। (37) तमाम देशभर में यह बात फैल गयी। (38) भाषण सुनने के बाद राम वापस लौट आया । (39) वे सब कालचक्र के पहिये के नीचे पिस गये। (40) शौनकादि प्रभृति शास्त्रकारों का कहना है। (41) उनकी आँखों की दृष्टि शून्य आकाश में लगी। (42) वे लोग परस्पर एक दूसरे को सन्देह की दृष्टि से देखते हैं। (43) आपका भवदीय । (44) इस कार्य को करते हुए मुझे कई महीने हो गये। नोट- यहाँ श्कोश् का प्रयोग व्यर्थ है। (45) प्रस्तुत कविता अनेक भावों को प्रकट करती (46) बाजार में झुण्ड-के-झुण्ड जानवर खड$े (47) उन्होंने हाथ जोड$ा। (48) कै बजे ? चार बजे । (49) उसे सौ रुपये जुर्माने हुए। (50) सभा में सभी वर्ग के लोग उपस्थित थे। (51) मैं नावों पर सवार था । (52) शेर को देखकर उसका प्राण सूख गया । (53) सबके आँख से आँसू बहता है । (54) वह आपका दर्शन करने आया है । नोट- लोग, दाम, आँसू, होश, हिज्जे, भाग्य, दर्शन, प्राण, समाचार का हिन्दी में बहुवचन में प्रयोग होता है। (55) उसके एक-एक शब्द तुले हुए थे। (56) स्वस्ति श्री पिताजी, प्रणाम । (57) सारा राज्य उसके लिए एक थाती थी। (58) उसने मुझे बम्बई बुलायी । (59) अदालत ने गोडसे पर अभियोग चलाया। (60) वह भाँग ढालता है। (61) वह शराब छानता है। (62) कई सौ वर्षों तक भारत के गले में पराधीनता की बेडि$याँ पड$ी रहीं। (63) राम से लड$ना तलवार की नोक पर चलना है। (64) भारत को आजाद करने का बीड$ा कौन चबाता है ? (65) उसने तरह-तरह का रूप धारण किया । (66) दस हजार का टिकट गायब हो गया । (67) ऐसी एकाध त्रुटियाँ और देखने में आयेंगी। (68) प्रत्येक छोटी-मोटी विशेषताओं को देखना चाहिए। (69) कुछ प्रकाशक लेखकों को निराशा देते हैं। (70) उसने एक वर्ष तक मेरी प्रतीक्षा देखी ! (71) गुरुजी प्रश्न पूछते हैं। (72) मैं आपकी भक्ति या श्रद्धा करता हूँ। (73) यह काम आप पर निर्भर करता है। नोट- ‘निर्भर‘ के साथ श्करनाश् क्रिया का प्रयोग नहीं होता है। (74) आजकल वहाँ काफी सरगर्मी दृष्टिगोचर हो रही है। नोट-‘सरगर्मी’ के साथ ‘दृष्टिगोचर‘ का प्रयोग अच्छा नहीं लगता । (75) वकीलों ने कागजात का निरीक्षण किया। (76) वहाँ बहुत-से पशु और पक्षी उड$ते और चरते हुए दिखाई दिये। (77) भारतीयों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को बतायें कि भारत उनका है। (78) मैं अपनी बात का स्पष्टीकरण करने के लिए तैयार हूँ। नोट-यहाँ दो-दो क्रियावाचक पर्दो (‘करण, करने‘) का प्रयोग दोषपूर्ण है। (79) पुस्तक को जहाँ से ली थी, वहीं रख दी। (80) विद्यार्थियों को इस रचना का अध्ययन उपयोगी होगा। (81) वहाँ घमासान की लड$ाई हो रही है। (82) इस बात के कहने में किसी को संकोच न होगा। (83) उसके चाचा को लड$की हुई है। (84) इन दोनों में केवल यही अन्तर है। (85) मैंने उससे वार्ता की । (86) हम तो अवश्य ही जायेंगे । (87) पिता का उत्तरदायित्व पुत्र के ऊपर होता है। (88) बहुत-से लोग इस धारणा के बन गये हैं। (89) किसी भी आदमी को भेज दो । (90) यह अभियोग उनके ऊपर लगाया गया है। (91) मैं अपने गुरु के ऊपर श्रद्धा रखता हूँ। (92) तुम्हारा सब काम गलत होता है। (93) गाँव पर सों की अधिकता है। (94) वह बिलकुल भी बात करना नहीं चाहती थी। (95) कुछ स्थलों में ऐसा कहा गया है। (96) वह निज में वहाँ जाना नहीं चाहता । (97) चाहे जैसे भी हो, तुम वहाँ जाओ । (98) सड$क में भारी भीड$ लगी है । (99) शब्द केवल संकेतमात्र है। (100) मैंने सूई, कंघी, दर्पण और पुस्तके मोल लिये। (101) यह तो केवल आप ही पर निर्भर है। (102) कृपया आप ही यह बताने का अनुग्रह द्य करें। (103) उन्हें मृत्युदंड की सजा मिली है। (104) हमारे यहाँ तरुण नवयुवकों की शिक्षा का उत्तम प्रबन्ध है। (105) मुझसे यह काम संभव नहीं हो सकता । (106) एक-एक करके सभी मर गये । (107) उसने इधर देखा और बोला । (108) वह आरोग्य हो गया । (109) तुम्हारा यह कहना मेरे लिए बड$ी बात होगी। (110) निरपराधी को दंड देना उचित नहीं । (111) ऐक्यता उन्नति लाती है । (112) यह कहना आपकी भूल है । (113) हम लोग कुशलपूर्वक से हैं । (114) मैं आपको धन्यवाद देता हूँ । (115) राम ने श्याम को सहयोग दिया । (116) नेहरू जी की मृत्यु से हमें बड$ा खेद हुआ। (117) वे लोग परस्पर एक-दूसरे को सन्देह की दृष्टि से देखते थे। (118) आज मैं प्रातःकाल के समय वहाँ गया । (119) वह विलाप करके रोने लगा। (120) हिमालय में ठंढी बर्फ जमी रहती है। (121) वहाँ अभी भी गर्म आग है। (122) पशुओं के झुण्ड पानी की चाह में घूम रहे है। नोट- ‘चाह‘ में नहीं, ‘तलाश‘ या ‘खोज‘ में घुमा-फिरा जाता है। (123) प्रायः ऐसे अवसर आते हैं, जिनमें लोगों को कभी-कभी अपना मत बदलना पड$ता है। नोट- ‘प्रायः‘ और ‘कभी-कभी का एक वाक्य में प्रयोग नहीं होता। (124) उन्होंने अपनी कविता आप पढ$कर सुनायी। (125) तब शायद यह काम जरूर हो जायगा। नोट- ‘तब‘ और ‘शायद‘ का प्रयोग एक साथ नहीं होता। (126) इस समस्या की बहुत अच्छी दवा उनके पास है। (127) उसके बाद फिर यह हुआ । (128) लेकिन फिर भी मैं आपकी बात मान लूँगा। नोट- ‘लेकिन‘ और ‘फिर भी‘ समानार्थक हैं। (129) राम अपनी चतुराई और चालाकी से सबको प्रसन्न रखता है। (130) सिवा तुमको छोड$कर कोई ऐसी बात नहीं कहता। (131) चरखा कातना चाहिए ! नोट- चरखा चलाया जाता है, उस पर धागे काते जाते हैं। (132) उसने मुक्तकंठ से प्रशंसा की । (133) उसने मुक्तहस्त से धन लुटाया । नोट-‘मुक्तहस्त‘ के साथ ‘से‘ नहीं जोड$ना चाहिए। (134) निम्न शब्दों पर ध्यान दें। नोट- निम्न का अर्थ है ‘नीच‘ । इसका अर्थ ‘नीचे लिखे‘ नहीं है। (135) उसने पूरी शक्तिभर काम किया । (136) सारे विश्व – भर में उसका नाम प्रसिद्ध है। (137) किसी और दूसरे आदमी को बुलाओ । (138) समस्त प्राणिमात्र का कल्याण करो । (139) यह सबसे सुंदरतम स्त्री है । (140) बाजी खेलना चाहिए । (141) सौभाग्यवती मीरा का विवाह हो गया । (142) मोती की कडि$याँ । (143) गीतों की लडि$याँ । (144) हाथों में बेडि$याँ । (145) पैरों में हथकडि$याँ । (146) मेरी स्त्री आ रही है। (147) बेफजूल बात मत करो। (148) इस समय आपकी आयु क्या है ? (149) उसके रहन-सहन का दर्जा कैसा है ? |
छात्रों ने पं० नेहरू को अभिनन्दन पत्र अर्पित किया।
नोट- जब बड$ों की ओर से छोटों को कुछ दिया जाता है वहाँ ‘प्रदान‘ का प्रयोग होता है । जब छोटों की ओर द्य से कुछ दिया जाता है वहाँ श्अर्पणश् का प्रयोग होता है। भारत सरकार ने डा० श्रीमाली को ‘पद्मविभूषण‘ की पदवी प्रदान की। नोट- पहले वाक्य के समान यहाँ ‘प्रदान‘ का प्रयोग उपयुक्त है। वह गाने का अभ्यास या रियाज कर रहा है । उनकी आयुष्मती अथवा सौभाग्यकांक्षिणी कन्या का विवाह कल होगा। नोट- विवाह के पूर्व कन्या को सौभाग्यवती नहीं कहते। खेद है कि आपने मेरे पत्रों का कोई उत्तर नहीं दिया । नोट- सामान्य कष्ट के लिए शोक का प्रयोग नहीं होता। जीवन और साहित्य का अभिन्न सम्बन्ध है। मैदान में भारी भीड$ जमा थी। वे ऋषि धन्य हैं जिन्होंने ये ग्रंथ बनाये। मैं इसका वह अर्थ नहीं लगाता जो आप लगाते हैं। आपका पत्र मिला। धन्यवाद । लड$ाई के समय लोगों ने खूब धन कमाया। उनका बहुत सम्मान हुआ। पति-पत्नी में झगड$े का कारण क्या हो सकता है। नोट- ‘हेतु‘ विशिष्ट अर्थ में तथा ‘कारण‘ सामान्य अर्थ में प्रयुक्त होता है। दो दिन की बदली के बाद या उपरान्त आज सूरज निकला है। शत्रु मैदान से भाग खड$ा हुआ। लड$का मिठाई लेकर दौड$ता हुआ घर आया । नोट- भय के कारण श्भागनेश् का प्रयोग होता है तथा ‘दौड$ने‘ का सामान्य अर्थ में । इस समय आपकी अवस्था चालीस वर्ष की नोट – साधारण उम्र को ‘अवस्था‘ तथा समस्त जीवन-काल को श्आयुश् कहते हैं । शत्रुओं ने प्रत्येक क्षेत्र पर अधिकार जमा लिया । राम ने मोहन पर कुठाराघात किया । पुलिस ने राम पर आरोप लगाया । मेरा नाम रामचन्द्र है। नोट- अपने नाम के साथ ‘श्री‘ और ‘जी‘ नहीं लगाया जाता है। मैं तुम्हें अच्छी-अच्छी बातें बताऊँगा। इस दूकान में अनार, संतरे और अंगूर के शरबत मिलते हैं। वह दंडनीय है अथवा वह दंड पाने के योग्य है। राम ने श्याम के गले में गेंदे की एक माला डाल दी। रेलवे के कई कर्मचारियों की गिरफ्तारी हुई। बाघ और बकरी एक घाट पर पानी पीते हैं। एक गाय, दो घोड$े और एक बकरी मैदान में चर रही है। उन्होंने इस बात पर आपत्ति की । कवियों को काव्य करते समय ही यह आनन्द म् मिलता है। वहाँ बहुत-से लोग बेहाल पड$े थे । वहाँ बहुत-से लोग दुर्दशा में पड$े थे। उस जंगल में प्रातःकाल का दृश्य बहुत ही सुहावना होता था। दो वर्षों के बीच राम और श्याम में कटुता उत्पन्न हो गयी। पाकिस्तान की वर्तमान (या मौजूदा) अवस्था ठीक नहीं है। कृपया आप ही यह बतलायें । वह भी नींद से जाग पड$ा। देशभर में यह बात फैल गयी । भाषण सुनने के बाद राम लौट आया । वे सब कालचक्र से पिस गये । शौनकादि शास्त्रकारों का कहना है । अथवा-शौनक प्रभृति शास्त्रकारों का कहना है । उनकी आँखें शून्य आकाश में लगी हैं । वे एक दूसरे को सन्देह की दृष्टि से देखते आपका अथवा भवदीय । नोट- कोई एक ही लिखना चाहिए । यह कार्य करते मुझे कई महीने हो गये । प्रस्तुत कविता अनेक भाव प्रकट करती है। बाजार में झुण्ड-के-झुण्ड जानवर हैं। उन्होंने हाथ जोड$े। क्या बजा ? चार बजा । उसे सौ रुपया जुर्माना हुआ। सभा में हर वर्ग के लोग उपस्थित थे। मैं नाव पर सवार था। शेर को देखकर उसके प्राण सूख गये । सबकी आँखों से आँसू बहते हैं । वह आपके दर्शन करने आया है। उसका एक-एक शब्द तुला हुआ था । सिद्धि श्री पिता जी, प्रणाम । नोट- अपने से बड$ों के लिए ‘सिद्धिश्री‘ तथा छोटों एवं बराबर वालों के लिए ‘स्वस्तिश्री‘ लिखा जाता है। सारा राज्य उसके लिए थाती था । उसने मुझे बम्बई बुलाया । अदालत ने गोडसे पर अभियोग लगाया । वह भौंग छानता है। वह शराब दालता है। कई सौ वर्षों तक भारत के पैरों में पराधीनता की बेडि$याँ पड$ी रहीं। राम से लड$ना तलवार की धार पर चलना है। भारत को आजाद करने का बीड$ा कौन उठाता है। उसने तरह-तरह के रूप धारण किये । दस हजार के टिकट गायब हो गये। ऐसी एकाध त्रुटि और देखने में आयेगी । नोट- एकाध के साथ एकवचन का प्रयोग होता है। प्रत्येक छोटी-मोटी विशेषता को देखना चाहिए । कुछ प्रकाशक लेखकों को निराश करते हैं। उसने एक वर्ष तक मेरी प्रतीक्षा की । नोट- प्रतीक्षा की जाती है, देखी नहीं जाती है । गुरुजी प्रश्न करते हैं। नोट- ‘प्रश्न‘ के साथ श्करनाश् क्रिया का प्रयोग होता है। मैं आप पर श्रद्धा (या भक्ति) रखता हूँ। नोट- श्रद्धा, भक्ति के साथ ‘करना‘ क्रिया का प्रयोग अच्छा नहीं लगता। यह काम आप पर निर्भर है। आजकल वहाँ काफी सरगर्मी दिखाई देती है । वकीलों ने कागजात की जाँच की । वहाँ बहुत से पशु और पक्षी चरते और उड$ते हुये दिखाई दिये। भारतीयों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को बतायें द्य कि भारत हमारा है। मैं अपने बात के स्पष्टीकरण के लिए तैयार हूँ। पुस्तक जहाँ से ली थी, वहीं रख दी। विद्यार्थियों के लिए इस रचना का अध्ययन उपयोगी है। वहाँ घमासान लड$ाई हो रही है। यह बात कहने में किसी को संकोच नहीं होगा। उसके चाचा के लड$की हुई है । नोट-संबंध, स्वामित्व और संप्रदान के अर्थ में सम्बन्धकारक का सम्बन्ध क्रिया के साथ होता है और उसकी ‘के‘ विभक्ति आती है। इन दोनों में यही अन्तर है। नोट-वाक्यों में प्रयुक्त ‘यही = यह $ ही’ का ‘ही‘ और ‘केवल‘ पर्यायवाची हैं। मैंने उससे बात की। हम तो अवश्य जायँगे । नोट- ‘अवश्य‘ और ‘ही‘ का प्रयोग एक साथ नहीं होता । पिता का उत्तरदायित्व पुत्र पर होता है । बहुत-से लोगों की यह (या ऐसी) धारणा हो गयी है। किसी आदमी को भेज दो। नोट- ‘किस $ही = किसी’ के ‘ही‘ से ही काम चल जाता है । अतः उसके स्थान पर ‘भी‘ का प्रयोग भद्दा लगता है। यह अभियोग उनपर लगाया गया है । मैं अपने गुरु पर श्रद्धा रखता हूँ तुम्हारे सब काम गलत हैं। गाँव में सपों की अधिकता है । वह बिलकुल बात करना नहीं चाहती थी । कुछ स्थलों पर ऐसा कहा गया है । वह स्वयं वहाँ जाना नहीं चाहता । चाहे जैसे हो, तुम वहाँ जाओ । सड$क पर भारी भीड$ लगी है । शब्द केवल संकेत है। नोट- किसी एक पद पर बल देने के लिए ‘पर‘, ‘केवल‘, ‘मात्र‘, ‘ही‘ में से किसी एक अव्यय का ही प्रयोग होता है। मैंने सूई, कंघी, दर्पण और पुस्तकें मोल ली । नोट- ‘ने‘ चिह्न वाले कर्ता और ‘को‘ चिह्न से रहित कर्म की स्थिति में अन्तिम कर्म के वचन, लिंग के अनुसार क्रिया होगी। यह तो केवल आप पर निर्भर है। कृपया आप ही यह बतायें । उन्हें मृत्युदंड मिला है। हमारे यहाँ नवयुवकों की शिक्षा का उत्तम प्रबन्ध है। मुझसे यह काम संभव नहीं। नोट- ‘संभव‘ और ‘हो‘ सकना समान अर्थ देते है। एक-एक कर सभी मर गये। उसने इधर देखा और कहा । वह नीरोग हो गया। तुम्हारा यह कहना मेरे लिए बड$ी बात होगा। नोट- ‘कहना‘ कर्ता है । उसी के अनुसार क्रिया होनी चाहिए। निरपराध को दंड देना उचित नहीं । एकता से उन्नति होती है। यह कहना आपकी गलती है । हम लोग सकुशल या कुशलपूर्वक हैं । मैं आपका धन्यवाद करता हूँ। राम ने श्याम का सहयोग किया। नेहरू जी की मृत्यु से हमें बड$ा दुःख हुआ । नोट- नितान्त हानि की स्थिति में ‘दुःख‘ होता है। वे लोग एक-दूसरे को सन्देह की दृष्टि से देखते थे। आज मैं प्रातःकाल वहाँ गया । वह विलाप करने लगा। हिमालय पर बर्फ जमी रहती है। नोट-बर्फ ठंढी होती है। वहाँ अभी भी आग है। नोट- आग गर्म होती ही है। पशुओं के झुण्ड पानी की खोज (या तलाश) में घूम रहे थे। प्रायः ऐसे अवसर आते हैं, जब कि लोगों को अपना मत बदलना पड$ता है। उन्होंने अपनी कविता पढ$कर सुनायी। तब यह काम जरूर हो जायगा । इस समस्या का बहुत अच्छा समाधान उनके पास है। नोट- ‘समस्या‘ का ‘समाधान‘ होता है, ‘दवा‘ नहीं। उसके बाद यह हुआ। लेकिन मैं आपकी बात मान लूँगा। राम अपनी चतुराई से सबको प्रसन्न रखता तुमको छोड$कर कोई ऐसी बात नहीं कहता। सिवा तुम्हारे कोई ऐसी बात नहीं कहता । चरखा चलाना चाहिए। उसने मुक्तकंठ प्रशंसा की। नोट- ‘मुक्तकंठ‘ के साथ ‘से‘ नहीं जोड$ना चाहिए। उसने मुक्तहस्त धन लुटाया । निम्नांकित शब्दों पर ध्यान दें। निम्नलिखित शब्दों पर ध्यान दें। उसने शक्तिभर काम किया । विश्वभर में उसका नाम प्रसिद्ध है । किसी दूसरे को बुलाओ या किसी और को बुलाओ। प्राणिमात्र का कल्याण करो । यह सबसे सुन्दर स्त्री है। बाजी लगाना चाहिए। सुश्री मीरा का विवाह हो गया । मोती लडि$याँ । गीतों की कडि$याँ । हाथों में हथकडि$याँ। पैरों में बेडि$याँ । मेरी पत्नी आ रही है। फजूल बात मत करो। इस समय आपकी अवस्था क्या है ? उसके रहन-सहन का स्तर कैसा है ? |