हिंदी माध्यम नोट्स
अल्पसंख्यक समिति के अध्यक्ष कौन थे , अल्पसंख्यक उप-समिति who was the chairman of the minorities committee
who was the chairman of the minorities committee in hindi अल्पसंख्यक समिति के अध्यक्ष कौन थे , अल्पसंख्यक उप-समिति minorities sub committee ?
संविधान सभा की समितियां
संविधान सभा ने संविधान के निर्माण से संबंधित विभिन्न कार्यों को करने के लिए कई समितियों का गठन किया। इनमें से 8 बड़ी समितियां थीं तथा अन्य छोटी। इन समितियों तथा इनके अध्यक्षों के नाम इस प्रकार हैंः
बड़ी समितियां
1. संघ शक्ति समिति- जवाहरलाल नेहरू
2. संघीय संविधान समिति- जवाहरलाल नहैः
3. प्रांतीय संविधान समिति- सरदार पटेल
4. प्रारूप समिति- डॉ. बी.आर. अंबेडकर
5. मौलिक अधिकारों, अल्पसंख्यकों एवं जनजातियों तथा बहिष्कृत क्षेत्रों के लिए सलाहकार समिति (परामर्शदाता समिति)-सरदार पटेल। इस समिति के अंतर्गत निम्नलिखित पांच उप-समितियां थींः
(क) मौलिक अधिकार उप-समिति- जे.बी.कृपलानी
(ख) अल्पसंख्यक उप-समिति- एच.सी.मुखर्जी
(ग) उत्तर-पूर्व सीमांत जनजातीय क्षेत्र असम को छोड़कर तथा आंशिक रूप से छोड़े गए क्षेत्र के लिए उप-समिति-गोपीनाथ बरदोई।
(घ) छोड़े गए एवं आंशिक रूप से छोड़े गए क्षेत्रों (असम में सिंचित क्षेत्रों के अलावा) के लिए उप-समिति-ए.वी. ठक्कर।
(ड) उत्तर-पश्चिम फ्रंटियर जनजाति क्षेत्र उप-समिति
6. प्रक्रिया नियम समिति-डॉ.राजेंद्र प्रसाद
7. राज्यों के लिये समिति (राज्यों से समझौता करने वाली)-जवाहरलाल नेहरू
8. संचालन समिति- डॉ. राजेंद्र प्रसाद
छोटी समितियां
1. वित्त एवं कर्मचारी (स्टाफ) समिति – डा. राजेन्द्र प्रसाद
2. प्रत्यायक (क्रेडेन्सियल) समिति -अलादि कृष्णास्वामी अय्यर
3. सदन समिति- बी. पट्टाभिसीतारमैय्या
4. कार्य संचालन समिति – डा. के.एम. मुंशी
5. राष्ट्र ध्वज सम्बन्धी तदर्थ समिति-डा. राजेन्द्र प्रसाद
6. संविधान सभा के कार्यों के लिए समिति – जी.वी. मावलंकर
7. सर्वोच्च न्यायालय के लिए तदर्थ समिति – एस. वरदाचारी (जो कि सभा के सदस्य नहीं थे)
8. मुख्य आयुक्तों के प्रांतों के लिए समिति -बी. पट्टाभिसीतारमैय्या
9. संघीय संविधान के वित्तीय प्रावधानों सम्बन्धी समिति नलिनी रंजन सरकार (जो कि सभा के सदस्य नहीं थे)
10. भाषाई प्रांत आयोग – एस.के. डार (जो कि सभा के सदस्य नहीं थे)
11. प्रारूप संविधान की जांच के लिए विशेष समिति – जवाहरलाल नेहरू
12. प्रेस दीर्घा समिति – उषा नाथ सेन
13. नागरिकता पर तदर्थ समिति – एस. वरदाचारी
प्रारूप समिति
संविधान सभा की सभी समितियों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण थी प्रारूप समिति । इसका गठन 29 अगस्त, 1947 को हुआ था। यह वह समिति थी जिसे नए संविधान का प्रारूप तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसमें सात सदस्य थे, जिनके नाम इस प्रकार हैंः
1. डॉक्टर बी.आर. अंबेडकर (अध्यक्ष)
2. एन. गोपालस्वामी आयंगार
3. अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर
4. डॉक्टर के.एम. मुंशी
5. सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला
6. एन. माधव राव (इन्होंने बी.एल. मित्र की जगह ली, जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों से त्याग-पत्र दे दिया था)
7. टी.टी. कृष्णामाचारी (इन्होंने सन् 1948 में डी.पी. खेतान की मृत्यु के बाद उनकी जगह ली)
विभिन्न समितियों के प्रस्तावों पर विचार करने के बाद प्रारूप समिति ने भारत के संविधान का पहला प्रारूप तैयार किया। इसे फरवरी 1948 में प्रकाशित किया गया। भारत के लोगों को इस प्रारूप पर चर्चा करने और संशोधनों का प्रस्ताव देने के लिए 8 माह का समय दिया गया। लोगों की शिकायतों, आलोचनाओं और सुझावों के परिप्रेक्ष्य में प्रारूप समिति ने दूसरा प्रारूप तैयार किया, जिसे अक्टूबर 1948 में प्रकाशित किया गया।
प्रारूप समिति ने अपना प्रारूप तैयार करने में छह माह से भी कम का समय लिया। इस दौरान उसकी कुल 141 बैठकें हुईं।
संविधान का प्रभाव में आना
डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने सभा में 4 नवंबर, 1948 को संविधान का अंतिम प्रारूप पेश किया। इस बार संविधान पहली बार पढ़ा गया। सभा में इस पर पांच दिन (9 नवंबर, 1949 तक) आम चर्चा हुई।
संविधान पर दूसरी बार 15 नवंबर, 1948 से विचार होना शुरू हुआ। इसमें संविधान पर खंडवार विचार किया गया। यह कार्य 17 अक्टूबर, 1949 तक चला। इस अवधि में कम से कम 7653 संशोधन प्रस्ताव आये, जिनमें से वास्तव में 2473 पर ही सभा में चर्चा हुयी।
संविधान पर तीसरी बार 14 नवंबर, 1949 से विचार होना शुरू हुआ। डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने ‘द कॉन्सटिट्यूशन ऐज सैटल्ड बाई द असेंबली बी पास्ड‘ प्रस्ताव पेश किया। संविधान के प्रारूप पर पेश इस प्रस्ताव को 26 नवंबर, 1949 को पारित घोषित कर दिया गया और इस पर अध्यक्ष व सदस्यों के हस्ताक्षर लिए गए। सभा में कुल 299 सदस्यों में से उस दिन केवल 284 सदस्य उपस्थित थे, जिन्होंने संविधान पर हस्ताक्षर किए। संविधान की प्रस्तावना में 26 नवंबर, 1949 का उल्लेख उस दिन के रूप में किया गया है जिस दिन भारत के लोगों ने सभा में संविधान को अपनाया, लागू किया व स्वयं को संविधान सौंपा।
26 नवंबर, 1949 को अपनाए गए संविधान में प्रस्तावना, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं। प्रस्तावना को पूरे संविधान को लागू करने के बाद लागू किया गया।
नए विधि मंत्री डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने सभा में संविधान के प्रारूप को रखा। उन्होंने सभा के कार्य-कलापों में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। उन्हें अपनी तर्कसंगत व प्रभावशाली दलीलों के लिए जाना जाता था। उन्हें ‘भारत के संविधान के पिता‘ के रूप में पहचाना जाता है। इस महान लेखक, संविधान
तालिका 2.1 भारत की संविधान सभा (1946) में सीटों का आबंटन
क्रम संख्या क्षेत्र सीटें
1. ब्रिटिश भारतीय प्रांत (11) 292
2. देशी रियासतें (भारतीय राज्य) 93
3. मुख्य आयुक्त के प्रांत (4) 4
कुल 389
तालिका 2.1 भारत की संविधान सभा (1946) में सीटों का आबंटन
क्रम संख्या दल का नाम सीटें जीतीं
1. कांग्रेस 208
2. मुस्लिम लीग 73
3. यूनियनिस्ट पार्टी 1
4. यूनियनिस्ट मुस्लिम्स 1
5. यूनियनिस्ट शेड्यूल्ड कास्ट्स 1
6. कृषक प्रजा पार्टी 1
7. शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन 1
8. सिख (नॉन कांग्रेस) 1
9. कम्युनिस्ट पार्टी 1
10. इंडिपेंडेंट्स (स्वतंत्र) 8
कुल 296
तालिका 2.3 संविधान सभा (1946) में समुदाय आधारित प्रतिनिधित्व
क्रम संख्या दल का नाम सीटें जीतीं
1. हिन्दू 163
2. मुस्लिम 80
3. अनुसूचित जाति 31
4. भारतीय ईसाई 6
5. पिछड़ी जनजातियां 6
6. सिख 4
7. ऐंग्लो-इंडियन 3
8. पारसी 3
कुल 296
विशेषज्ञ, अनुसूचित जातियों के निर्विवाद नेता और भारत के संविधान के प्रमुख शिल्पकार को आधुनिक मनु की संज्ञा भी दी जाती है।
संविधान का प्रवर्तन
26 नवंबर, 1949 को नागरिकता, चुनाव, तदर्थ संसद, अस्थायी व परिवर्तनशील नियम तथा छोटे शीर्षकों से जुड़े कुछ प्रावधान अनुच्छेद 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 379, 380, 388, 391, 392 और 393 स्वतः ही लागू हो गए।
संविधान के शेष प्रावधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुए । इस दिन को संविधान की शुरुआत के दिन के रूप में देखा जाता है और इसे श्गणतंत्र दिवसश् के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन को संविधान की शुरुआत के रूप में इसलिए चुना गया क्योंकि इसका अपना ऐतिहासिक महत्व है। इसी दिन 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (दिसंबर 1929) में पारित हुए संकल्प के आधार पर पूर्ण स्वराज दिवस मनाया गया था।
संविधान की शुरुआत के साथ ही भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 और भारत शासन अधिनियम, 1935 को समाप्त कर दिया गया। हालांकि एबोलिशन ऑफ प्रिवी काउंसिल ज्यूरिडिक्शन एक्ट, 1949 लागू रहा।
Recent Posts
सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है
सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…
मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the
marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…
राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi
sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…
गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi
gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…
Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन
वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…
polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten
get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…