अमीटर को किस क्रम में जोड़ा जाता है ammeter is always connected in in hindi अमीटर को विद्युत परिपथ में कैसे जोड़ा जाता है

ammeter is always connected in in hindi how to connect अमीटर को किस क्रम में जोड़ा जाता है अमीटर को विद्युत परिपथ में कैसे जोड़ा जाता है  ?

मौखिक प्रश्न व उत्तर 
प्रश्न 13. अमीटर क्या है?
उत्तर- अमीटर से परिपथ में बड़े मान की धारा को एम्पियर में पढ़ा जा सकता है।
प्रश्न 14. अमीटर को परिपथ में किस प्रकार संयोजित किया जाता है?
उत्तर- श्रेणीक्रम में

प्रश्न 15. इसे परिपथ के श्रेणीक्रम में ही संयोजित क्यों करते हैं?
उत्तर- ताकि मापी जाने वाली सम्पूर्ण धारा इसमें होकर प्रवाहित हो सके।
प्रश्न 16. अमीटर का प्रतिरोध कैसा (उच्च या निम्न) होना चाहिए तथा क्यों?
उत्तर- अमीटर का प्रतिरोध अल्प होना चाहिए ताकि अमीटर के संयोजन से परिपथ की धारा परिवर्तित न हो सके।
प्रश्न 17. अमीटर का पूरा नाम क्या है?
उत्तर- एम्पियर-मीटर प्रश्न
प्रश्न 18. आदर्श अमीटर का प्रतिरोध कितना होता है?
उत्तर- शून्य
प्रश्न 19. एक धारामापी, अमीटर की भांति कार्य क्यों नहीं कर सकता।
उत्तर- अमीटर अल्प प्रतिरोध एवं उच्च मान की धारा प्रवाह की क्षमता का उपकरण है जबकि धारामापी अपेक्षाकृत अधिक प्रतिरोध
तथा कम मान की धारा प्रवाह की क्षमता का उपकरण है।
प्रश्न 20. शंट किसे कहते हैं?
उत्तर- एक प्रतिरोध जिसे धारामापी कुण्डली के समान्तर क्रम में संयोजित करते हैं।
प्रश्न 21. धारामापी को अमीटर में परिवर्तित करने के लिए क्या किया जाता है?
उत्तर- धारामापी कुण्डली के समान्तर क्रम में एक उचित मान का शंट प्रतिरोध जोड़ा जाता है।
प्रश्न 22. एक मिली अमीटर तथा एक अमीटर बनाना है किसके लिए शंट प्रतिरोध का मान अधिक होगा?
उत्तर- मिलीअमीटर के लिए क्योंकि शंट प्रतिरोध का मान परास के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
प्रश्न 23. एक धारामापी जिसके समान्तर क्रम में शंट ै जोड़कर इसे अमीटर में रूपान्तरित किया जाता है का तुल्य प्रतिरोध किस कोटि का होगा?
उत्तर- लगभग शंट प्रतिरोध के मान के समान।
प्रश्न 24. एक अमीटर की परास किस प्रकार परिवर्तित की जा सकती है?
उत्तर- शंट प्रतिरोध का मान परिवर्तित करके।
प्रश्न 25. अमीटर में ऋणात्मक एवं धनात्मक टर्मिनल क्यों होते हैं?
उत्तर- ताकि धारा का प्रवेश केवल धन टर्मिनल की ओर से हो तथा कुण्डली केवल एक दिशा में विक्षेपित हो।
प्रश्न 26. वोल्टमीटर क्या है?
उत्तर- यह दो बिन्दुओं के मध्य विभवान्तर मापने का उपकरण है।
प्रश्न 27. वोल्टमीटर को परिपथ में किस प्रकार संयोजित किया जाता है?
उत्तर- उन दो बिन्दुओं के मध्य समान्तर क्रम में जिनके मध्य विभवान्तर का मापन करना है।
प्रश्न 28. इसे समान्तर क्रम में ही क्यों संयोजित किया जाता है?
उत्तर- ताकि मापे जाने वाला विभवान्तर, उसके टर्मिनलों के मध्य उपस्थित हो जाये।
प्रश्न 29. एक वोल्टमीटर की विशेषताएं होनी चाहिए
उत्तर- इसे बहुत उच्च प्रतिरोध एवं अल्प धारावाही होना चाहिए।
प्रश्न 30. वोल्टमीटर उच्च प्रतिरोध एवं अल्प धारावाही होना चाहिए क्यों?
उत्तर- ताकि यह मापे जाने वाले विभवान्तर से अधिक धारा ग्रहण कर, विभवान्तर के मान को परिवर्तित न कर सके।
प्रश्न 31. आदर्श वोल्टमीटर का प्रतिरोध कितना होना चाहिए?
उत्तर- अनन्त
प्रश्न 32. एक धारामापी, वोल्टमीटर की भांति कार्य नहीं कर पाता क्यों?
उत्तर- क्योंकि धारामापी का प्रतिरोध अपेक्षाकृत कम होता है तथा इसकी धारावाही क्षमता अधिक होती है।
प्रश्न 33. एक धारामापी को वोल्टमीटर में किस प्रकार रूपान्तरित किया जा सकता है?
उत्तर- धारामापी कुण्डली के श्रेणीक्रम में उच्च प्रतिरोध संयोजित करके।
प्रश्न 34. एक वोल्टमीटर की परास किस प्रकार परिवर्तित की जा सकती है?
उत्तर- श्रेणीक्रम में संयोजित प्रतिरोध का मान परिवर्तित करके।
प्रश्न 35. एक धारामापी को माइक्रोवोल्टमीटर, मिलीवोल्टमीटर तथा वोल्टमीटर में रूपान्तरित करने पर किस प्रकार के वोल्टमीटर के लिए श्रेणीक्रम प्रतिरोध निम्न होगा?
उत्तर- माइक्रोवोल्टमीटर के लिए क्योंकि श्रेणीक्रम प्रतिरोध का मान वोल्टमीटर की परास के समानुपाती होता है।
प्रश्न 36. क्या एक सामान्य वोल्टमीटर का प्रतिरोध अनन्त होता है?
उत्तर- नहीं।
प्रश्न 37. अनन्त प्रतिरोध वाले वोल्टमीटर का नाम बताइये।
उत्तर- इलेक्ट्रोमीटर (या इलेक्ट्रोस्टेटिक वोल्टमीटर), संतुलन बिन्दु पर विभवामापी का प्रतिरोध अनन्त होता है। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक वोल्टमीटर टज्टड (निर्वात् नलिका वोल्टमीटर) का प्रतिरोध भी लगभग अनन्त होता है।
प्रश्न 38. गैल्वेनोमीटर, अमीटर और वोल्टमीटर में क्या अन्तर है?
उत्तर- गैल्वेनोमीटर, अमीटर व वोल्टमीटर की आन्तरिक बनावट का सिद्धान्त समान है। गैल्वेनोमीटर की कुण्डली के समान्तर क्रम में एक अल्पप्रतिरोध का शन्ट लगाकर पैमाने को सीधा ऐम्पियर में अंकित कर देते हैं तो यह अमीटर कहलाता है। यदि उच्च मान का प्रतिरोध श्रेणीक्रम में लगा दिया जाये तो यह वोल्टमीटर कहलाता है।

प्रयोग संख्या 
Experiment No.
उद्देश्य (Object) :
दिये गए ज्ञात प्रतिरोध एवं ज्ञात दक्षतांक के धारामापी को ऐच्छिक परास के वोल्टमीटर में रूपान्तरित करना तथा उसका सत्यापन करना।
उपकरण (Apparatus):
ज्ञात प्रतिरोध तथा ज्ञात दक्षतांक का धारामापी, दी गई परास का वोल्टमीटर धारा नियंत्रक, उच्च प्रतिरोध बॉक्स, बैटरी, कुंजी एवं संयोजक तार आदि।
परिपथ चित्र (Circuit Diagram):
सिद्धान्त (Theory):
यदि धारामापी का प्रतिरोध G तथा दक्षतांक X है तथा धारामापी के एक ओर के कुल अंशों की संख्या N है । तब .
(i) धारामापी की पूर्ण स्केल पर विक्षेप के लिए आवश्यक धारा Ig  = NX
(ii) यदि धारामापी को V परास के वोल्टमीटर में रूपान्तरित करना है तो धारामापी के श्रेणीक्रम में उच्च प्रतिरोध जोड़ते हैं इस उच्च प्रतिरोध का मान
VR”H = V/Ig-G
प्रयोग विधि (Method):
1. सर्वप्रथम धारामापी के ज्ञात दक्षतांक X के द्वारा धारामापी की पूर्ण स्केल विक्षेप धारा Ig  = NX ज्ञात कर लेते हैं। जहां N = धारामापी के एक ओर के कुल अंशों की संख्या।
2. अब सूत्र R”H = V/Ig-G द्वारा धारामापी को V परास के वोल्टमीटर में रूपान्तरित करने के लिए आवश्यक उच्च प्रतिरोध की गणना करते हैं। G = धारामापी का प्रतिरोध
3. अब धारामापी के श्रेणीक्रम में इस उच्च प्रतिरोध को उच्च प्रतिरोध बॉक्स में प्रयुक्त कर संयोजित कर लेते हैं तथा निम्न चित्रानुसार परिपथ संयोजन करते हैं।
4. अब कुंजी ज्ञ की डॉट लगाकर, विभव विभाजक की भांति प्रयुक्त धारा नियंत्रक की सहायता से विभवान्तर परिवर्तित कर प्रमाणिक वोल्टमीटर एवं रूपान्तरित वोल्टमीटर के पाठ्यांक नोट करते हैं। यह प्रक्रिया 5 बार दोहराते हैं तथा प्रेक्षण सारणी नोट कर लेते हैं।

प्रेक्षण (Observatios):
1. धारामापी का प्रतिरोध G = ….. ओम
2. धारामापी का दक्षतांक X = ….. एम्पियर/भाग
3. धारामापी के एक ओर के कुल अंश N =…..
4. धारामापी की पूर्ण स्केल विक्षेप धारा Ig  = NX =…. एम्पियर
5. रूपान्तरित वोल्टमीटर की परास V = ….. वोल्ट
6. रूपान्तरित वोल्टमीटर का अल्पतमांक k = V/N=  …….. वोल्ट
7. प्रमाणिक वोल्टमीटर का अल्पतमांक k” = परास/खानांे की संख्या …….. वोल्ट
8. सत्यापन सारणी:
क्र. सं. रूपान्तरित वोल्टमीटर का पाठ्यांक प्रमाणिक वोल्टमीटर का पाठ्यांक अन्तर (V-V)
(वोल्ट)
धारामापी के
विक्षेपित स्थानों की संख्या n1 n1× (अल्पतांकज्ञ)
= V (वोल्ट) अमीटर के
विक्षेपित खानों
की संख्या n2 n2× (अल्पतमांक K’)
= V’  (वोल्ट)
1.
2.
3.
4.
5.

गणना (Calculations) :
1. सूत्र Ig = NX द्वारा धारामापी की पूर्ण स्केल विक्षेप धारा की गणना करते हैं।
2. सूत्र R”H = V/Ig – G द्वारा धारामापी को ट परास के वोल्टमीटर में रूपान्तरित करने के लिए श्रेणीक्रम में संयोजित किये जाने वाले उच्च प्रतिरोध R की गणना करते हैं। जहां G धारामापी का प्रतिरोध है।
परिणाम (Result):
1. दिए गए धारामापी को वोल्टमीटर में रूपान्तरित करने के लिए श्रेणीक्रम के आवश्यक उच्च प्रतिरोध का मान ……..ओम प्राप्त हुआ।
2. रूपान्तरित वोल्टमीटर एवं प्रमाणिक वोल्टमीटर के पाठ्यांकों में अल्प अन्तर प्राप्त होता है जो कि प्रायोगिक त्रुटि की सीमा में है अतः रूपान्तरण यथार्थ है।
सावधानियां (Precautions):
1. संयोजन दृढ़ होने चाहिए।
2. प्रयुक्त सेल का विद्युत वाहक बल स्थिर रहना चाहिए।
3. श्रेणीक्रम में प्रयुक्त प्रतिरोध बॉक्स उच्च परास का होना चाहिए।
4. प्रमाणिक वोल्टमीटर की परास, रूपान्तरित वोल्टमीटर की परास के समान होनी चाहिए।
5. प्रयुक्त धारामापी सुग्राही होना चाहिए।
त्रुटि स्त्रोत (Sources of Error):
1. उपकरणों के संयोजन पेच ढीले होने पर।
2. प्रतिरोध बॉक्स की डॉट्स पर जंग लगी हो तथा ठीक से कसी न होने पर।
3. धारामापी में अंशांकन समान दूरी पर नहीं होने पर।
4. धारामापी एवं वोल्टमीटर में शून्यांक त्रुटि होने पर त्रुटि संभव है।