कूलॉम के नियम का सदिश निरूपण (vector representation of coulomb’s law) , कूलाम नियम का सदिश रूप

(vector representation of coulomb’s law form in hindi) कूलॉम के नियम का सदिश निरूपण : कूलॉम के नियम के अनुसार दो बिंदु आवेश q1 & q2 के मध्य लगने वाला विद्युत बल दोनों के परिमाण (मान) के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

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चूँकि आवेश धनात्मक या ऋणात्मक कुछ भी हो सकता है अतः आवेशों के परिमाण को  |q1| & |q2में प्रयोग किया गया है।
क्योंकि हम जानते है की बल एक सदिश राशि है अतः कूलॉम के नियम को सदिश रूप में लिखा जा सकता है , माना दो आवेश q1 & qहै तथा दोनों की प्रकृति समान है ये आवेश बिंदु A तथा B पर चित्रानुसार रखे है।
चूँकि दोनों आवेश समान प्रकृति के है अतः ये एक दूसरे को प्रतिकर्षित करेंगे।

A के स्थिति सदिश को निम्न प्रकार व्यक्त कर सकते है

F12
F12
F12

ठीक इसी प्रकार

आवेश q1 से  q2 की  ओर वेक्टर को निम्न प्रकार लिखा जा सकता है।

ठीक इसी प्रकार आवेश qसे qकी  ओर वेक्टर को निम्न प्रकार लिखा जा सकता है।

एकांक वेक्टर के रूप में लिखने पर दोनों को निम्न प्रकार व्यक्त किया जाता है

माना qसे qआवेश पर आरोपित बल F12 vector  है तथा आवेश q1 से  qपर आरोपित बल F21 vector  है तो

चूँकि हम जानते है की r12 = r21 = r
अतः

सदिश रूप में कूलाम का नियम (Coulomb’s law in vector form in hindi) : कूलाम के नियम के अनुसार दो बिंदु आवेशों q1 व q2 के बीच लगने वाला वैद्युत बल आवेशों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके मध्य की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है अर्थात यहाँ पर आवेशो के परिमाण |q1| एवं |q2| का प्रयोग किया गया है क्योंकि आवेश ऋणात्मक और धनात्मक कुछ भी हो सकते है एवं उसके अनुसार बल भी आकर्षण या प्रतिकर्षण प्रकृति का हो सकता है।

अत: F = K|q1||q2|/r2

यहाँ K , स्थिर वैद्युत बल नियतांक है।

चूँकि बल सदिश राशि है अत: कुलाम बल को सदिश रूप में लिखना बेहतर होगा। माना समान प्रकृति के दो आवेश q1 व q2 बिदुओं  A व B पर रखे है। ये दोनों आवेश एक दुसरे पर प्रतिकर्षण बल आरोपित करेंगे।

बिंदु A का स्थिति वेक्टर r1 = OA

बिंदु B का स्थिति वेक्टर r2 = OB

इसलिए q1 व q2 की ओर अर्थात A से B की ओर वेक्टर –

AB = r12 = r2 – r2

इसी प्रकार BA = r21 = r1 – r2

r12 का परिमाण r12 एवं r21 का परिमाण |r21| होगा।

क्योंकि किसी वेक्टर की दिशा एकांक वेक्टर द्वारा निर्धारित होती है , जिसकी दिशा उसी वेक्टर के अनुदिश होती है अत:

एकांक वेक्टर r12 = r12/ |r12|

एकांक वेक्टर r21 = r21/ |r21|

अथवा

एकांक वेक्टर r12 = r12/ |r12|

एकांक वेक्टर r21 = r21/ |r21|

हम जानते है कि एकांक सदिश = स्थिति सदिश/सदिश का परिमाण

परिमाण को सदैव || मोड़ में लिखते है।

यदि q1 व q2 पर बल F12 हो और q1 व q2 पर बल F21 हो तो –

F12 = q1q2 r21/4πE0|r21|2

और

F21 = q1q2 r12/4πE0|r12|2

यदि q1 व qके मध्य दूरी r हो तो r12 = r21 = r
चूँकि F12 = q1q2 r21/4πE0|r21|2  समीकरण-1

और

F21 = q1q2 r12/4πE0|r12|समीकरण-2

समीकरण-1 और समीकरण-2 कुलाम के नियम को सदिश रूप में व्यक्त करते है।

चूँकि r21 = -r12

F12 = -F21

इसी प्रकार यदि q1 व q2 विपरीत प्रकृति के आवेश है तो वे एक दुसरे को आकर्षित करेंगे।

इस दशा में कुलाम बल –

F12 = q1q2.r12/4πE0.r122

और

F21 = q1q2.r21/4πE0.r212

r12 का स्थिति सदिश = B का स्थिति सदिश – A का स्थिति सदिश
r12 का स्थिति सदिश  = r2 – r1
r12 का परिमाण  = |r2 – r1|
इसी प्रकार
r21 का स्थिति सदिश = A का स्थिति सदिश – B का स्थिति सदिश

r21 का स्थिति सदिश = r1 – r2

r21 का परिमाण  = |r1 – r2|

यदि कोई वेक्टर निम्न प्रकार लिखा है –

r = xi + yj + zk

अत: |r| = √(i का गुणांक)2 + (j का गुणांक)2 + (k का गुणांक)2

|r| = √(x2 + y2 + z2)

answer by Lucky sir –

F21 = q2 पर q1 के कारण बल F21 = q1q2.r21/4πE0.r212

F12 = q1 पर q2 के कारण बल F12 = q1q2.r12/4πE0.r122

F12 = -F21

इसी तरह r12 = -r21

या F12 + F21 = 0