कोलॉइडी विलयन का शोधन Purification of colloidal solution in hindi

Purification of colloidal solution in hindi कोलॉइडी विलयन का शोधन :अपोहन (dialysis ) , विधुत अपोहन , अति सूक्ष्म निस्पंदन

कोलाइडी विलयन में विधुत अपघट्य की अशुद्धियो को हटाना आवश्यक है चूँकि कोलाइडी कण विधुत अपघट्य के आयनों द्वारा स्कन्दित हो जाते है।

कोलॉइडी विलयन के शोधन की निम्न विधियां है।

1. अपोहन (dialysis ) :

कोलाइडी विलयन में उपस्थित विधुत अपघट्य की अशुद्धियो का जंतु झिल्ली में से वितरित होना अपोहन कहलाता है।

जंतु झिल्ली से बनी थैली (अपोहक) में अशुद्ध कोलाइडी विलयन भर लेते है इसे चित्रानुसार जल से भरे पात्र में लटका देते है इस पात्र में जल का आने जाने की व्यवस्था रहती है।

विधुत अपघट्य के आयनो का आकार छोटा होने के कारण ये जंतु झिल्ली में से पृथक हो जाते है जबकि कोलाइडी कणों का आकार बड़ा होने के कारण ये जंतु झिल्ली में से पृथक नहीं होते।  इस प्रकार कोलाइडी विलयन शुद्ध हो जाता है।

2. विधुत अपोहन :

अपोहन की क्रिया में अधिक समय लगता है इस क्रिया की गति बढ़ाने के लिए बाहर वाले पात्र में दो इलेक्ट्रोड स्थापित कर देते है , विधुत धारा प्रवाहित करने पर विधुत अपघट्य के आयन विपरीत आवेशित इलेक्ट्रोड की ओर तेजी से बाहर निकल आते है इस क्रिया को विधुत अपोहन कहते है।

3. अति सूक्ष्म निस्पंदन :

साधारण फ़िल्टर पत्रों का आकार बड़ा होता है। इसे कोलोडियन में डुबोकर बाहर निकाल लेते है जिससे छिद्रो का आकार छोटा हो जाता है।

(एल्कोहॉल ईथर तथा 4% नाइट्रो सेलुलोज के मिश्रण को कोलोडियन कहते है। )

इसमें से विधुत अपघट्य की अशुद्धियाँ तो विसरित हो जाती है परन्तु कोलॉइडी कणों का आकार बड़ा होने के कारण ये विसरित नहीं होते है।