ऑर्गन पाइप क्या है , प्रकार , कार्यविधि , संरचना चित्र (organ pipe in hindi) , खुला बन्द ऑर्गन पाइप

(organ pipe in hindi) ऑर्गन पाइप क्या है , प्रकार , कार्यविधि , संरचना चित्र : यह एक ऐसा उपकरण है जिसकी सहायता से ध्वनि उत्पन्न की जाती है ,यह सामान्यत: बेलनाकार आकार के होते है।
जितने भी संगीत के वायु वाद्य यन्त्र है जैसे बांसुरी आदि , ये इस सिद्धान्त पर कार्य करते है की जब इनमे हवा दी जाती है तो हवा में कम्पन्न उत्पन्न होता है , और दी गयी हवा और टकराकर आने वाली हवा आपस में अध्यारोपित हो जाती है जिससे अनुदैर्ध्य तरंगे उत्पन्न हो जाती है।
जब ऑर्गन पाइप में हवा दी जाती है तो यह एक विशेष प्रकार की पिच की प्रतिध्वनित ध्वनि उत्पन्न करता है।
ऑर्गन पाइप दो प्रकार के होते है –
1. बन्द ऑर्गन पाइप (closed organ pipe)
2. खुला या kegueeऑर्गन पाइप (open organ pipe)

1. बन्द ऑर्गन पाइप (closed organ pipe)

ये वो बेलनाकार पाइप होते है जिनका एक सिरा खुला रहता है तथा पाइप का दूसरा सिरा या भाग बन्द रहता है।
कार्यविधि : जब हम एक बंद ऑर्गन पाइप में फूंक देते है तो अनुदैर्ध्य तरंगे खुले सिरे से बन्ध सिरे की ओर गति करती है और ये अनुदैर्ध्य तरंगे बंद सिरे से परावर्तित होकर वापस खुले सिरे की ओर गति करने लग जाती है है जिससे अर्थात दोनों दिशाओ में अनुदैर्ध्य तरंगे गति करने लग जाती है जिससे आगे दोनों अनुदैर्ध्य तरंगे आपस में अध्यारोपित हो जाती है और परिणामस्वरूप अप्रगामी तरंग उत्पन्न करती है।

बंद ऑर्गन पाइप में हमेशा खुले सिरे पर प्रस्पंद बनते है और खुले सिरे पर हमेशा निस्पंद बनते है।  चित्र में प्रस्पन्द को A और निस्पन्द को N से दर्शाया हुआ है।

2. खुला या kegueeऑर्गन पाइप (open organ pipe)

ये वे बेलनाकार आकार के पाइप होते है जो दोनों सिरों से खुले होते है , अर्थात इनमें दोनों सिरे खुले रहते है।
कार्यविधि : जब खुले ऑर्गन पाइप के एक सिरे पर अर्थात खुले सिरे पर फूंक देते है तो अनुदैर्ध्य तरंगे वायु स्तम्भ से ये अनुदैर्ध्य तरंगे या तो संपीडित दो जाती है या विरलन हो जाती हुई दुसरे सिरे की ओर गति करती है , चूँकि इसमें दूसरा सिरा भी खुला है अत: यह खुला सिरा एक परिसीमा की तरह कार्य करता है जो आने वाली अनुदैर्ध्य तरंगो को वापस उसी दिशा में भेज देता है अब इसी प्रकार पहला सिरा इन तरंगो के लिए परिसीमा की तरह कार्य करेगा जो इन्हें वापस दुसरे सिरे की ओर भेज देता है , इस तरह पाइप में दो अनुदैर्ध्य तरंगे विपरीत दिशा में गति करने लग जाती है जिससे ये दोनों विपरीत दिशा में गतिशील अनुदैर्ध्य  तरंगे आपस में अध्यारोपीत हो जाती है और अप्रगामी तरंगे उत्पन्न हो जाती है।
खुला या keguee ऑर्गन पाइप में दोनों सिरे खुले रहते है और दोनों सिरों पर हमेशा प्रस्पंद ही उत्पन्न होते है।