तरंग दैर्ध्य , आवृति , आवर्तकाल , आयाम , कला की परिभाषा क्या है , तरंग के लिए wave length in hindi

तरंगो से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ (important definitions related to waves) : हम पढ़ चुके है की तरंग क्या है और इसके कितने प्रकार होते है अब हम यहाँ इनसे सम्बन्धित कुछ परिभाषाओं का अध्ययन करेंगे जिससे आगे इससे सम्बन्धित शब्द आये तो आप इन शब्दों का अर्थ समझ जाए और आपको तरगों के बारे में गहनता से अध्ययन करने में आसानी रहे।
1. तरंग दैर्ध्य (wave length) :  जब कोई तरंग कम्पन्न या दोलन करती है तो एक दोलन या कम्पन्न होने में जितनी दूरी कण तय करता है उस दूरी को तरंग दैर्ध्य कहते है।
या
एक दोलन में कण द्वारा तय की गयी दूरी को तरंग दैर्ध्य कहते है।
या
दो समीपतम समान कला में कम्पन्न कणों के मध्य की दूरी को तरंग दैर्ध्य कहते है।

चित्र में दर्शाए अनुसार समीपस्थ कम्पन्न या दोलन के शिखर बिन्दुओं (crest) के मध्य की दूरी को तरंग दैर्ध्य कहते है।
2. आवृति (frequency) : एक सेकंड में कण द्वारा कम्पन्न या तरंग दैर्ध्य की संख्या को आवृति कहते है।  जैसे मान लीजिये किसी तरंग में कण एक सेकंड में 60 कम्पन्न या दोलन करते है तो उस तरंग की आवृति 60 होगी।
3. आवर्तकाल (time period) : किसी तरंग द्वारा एक तरंग दैर्ध्य की दूरी तय करने में जितना समय लेती है उस समय को उस तरंग का आवर्त काल कहते है।
अर्थात तरंग द्वारा एक तरंग दैर्ध्य की दूरी को तय करने में लगा समय आवर्त काल कहलाता है।
4. आयाम (amplitude) : तरंग के किसी कण द्वारा इसकी साम्यावस्था से अधिकतम विस्थापन को आयाम कहते है।

चित्र में देख सकते है की कण द्वारा इसकी साम्यावस्था से अधिकतम विस्थापन को आयाम (amplitude) कहा गया है।
5. कला (phase) : कला किसी भी तरंग में उपस्थित किसी कण की स्थिति और गति की दिशा की पूर्ण जानकरी देता है।
तरंग के चक्र पर समय बिंदु पर कण की स्थिति को कला द्वारा परिभाषित किया जाता है।
कला दो समान तरंग दैर्ध्य की  तरंगो के मध्य सापेक्षिक विस्थापन को भी दर्शाती है की कौनसी तरंग अन्य तरंग से कितनी आगे या पीछे है।