गोलीय दर्पण से प्रतिबिम्ब निर्माण Image formation by spherical mirror in hindi

Image formation by spherical mirror in hindi गोलीय दर्पण से प्रतिबिम्ब निर्माण : किसी भी गोलीय दर्पण से प्रतिबिम्ब निर्माण के लिए तीन नियम काम में लिए जाते है या ध्यान में रखे जाते है जिनका उपयोग करके आप किसी भी गोलीय दर्पण के लिए प्रतिबिम्ब निर्माण कर सकते है चाहे वस्तु किसी भी स्थिति पर रखी हो।
आइयें इनके बारे में अध्ययन करते है।
1. गोलीय दर्पण के मुख्य अक्ष X के समान्तर आने वाली प्रकाश की किरण परावर्तन के बाद दर्पण के फोकस बिन्दु से गुजरती है या गुजरती हुई प्रतीत होती है।

चित्र में हम देख सकते है की जब अवतल दर्पण में कोई प्रकाश किरण मुख्य अक्ष के समान्तर आती है तो परावर्तित होकर फोकस से वास्तविकता में गुजरती है।
जब प्रकाश किरण उत्तल दर्पण पर मुख्य अक्ष के समान्तर आपतित होती है तो परावर्तन के बाद फोकस से गुजरती हुई प्रतीत होती है लेकिन वास्तविकता में नही गुजरती है।
2. गोलीय दर्पण के वक्रता केन्द्र से आने वाली प्रकाश की किरण परावर्तन के बाद उसी मार्ग से वापस लौट जाती है।

चित्र में देख सकते है की जब कोई प्रकाश किरण दर्पण के वक्रता केंद्र से होकर दर्पण पर आपतित होती है तो परावर्तन के बाद वक्रता केन्द्र से ही वापस लौट जाती है।
3. गोलीय दर्पण के फोकस बिन्दु से होकर आने वाली प्रकाश की किरण परावर्तन के बाद दर्पण के मुख्य अक्ष के समान्तर हो जाती है।

चित्र में दर्शाया गया है की जब कोई प्रकाश किरण फोकस से होकर दर्पण पर आपतित होती है तो दर्पण से परावर्तन के बाद यह मुख्य अक्ष के समान्तर होकर गुजरती है।
4. जब प्रकाश की किरण को किसी कोण पर ध्रुव बिन्दु पर आपतित किया जाए तो परावर्तन के बाद प्रकाश की किरण उतने ही कोण के साथ वापस लौट आती है जिस चित्र में दिखाया गया है।

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