16 वें वर्ग के तत्व Elements of 16th Class

Elements of 16th Class 16 वें वर्ग के तत्व :

  1. इलेक्ट्रॉनिक विन्यास :
परमाणु क्रमांक  तत्व  इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
 8 O 2[He] 2S2 2P4
 16 S 10[Ne] 3S2 3P4
 34 Se 18[Ar] 3d10 4S2 4P4
 52 Te 36[Kr] 4d10 5S2 5P4
 84 PO 54[Xe] 4f14 5d10 6S2 6P4

नोट :  इनका बाह्यतम इलेक्ट्रॉनिक विन्यास nS2 nP4 होता है |

नोट :   इन्हें कैल्कोजोन भी कहते हैं क्योंकि कॉपर के अधिकांश अयस्क किस वर्ग के तत्वों से मिलकर बने होते हैं

  1.  परमाणु आकार :

ऊपर से नीचे जाने पर कोशों की संख्या बढ़ती जाती है अतः परमाणु का आकार बढ़ता जाता है

  1. आयनन एंथैल्पी :

वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर कम होती जाती है

प्रश्न 1 :  15 वर्ग के तत्वों की आयनन एंथैल्पी अधिक होती है जबकि 16 वर्ग के संगत तत्वों की आयनन एंथैल्पी कम होती है क्यों ?

या

N  की आयनन एंथैल्पी O से अधिक होती है क्यों ?

उत्तर :  15 वर्ग के तत्वों का बाह्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास nS2 nP3 होता है , P कक्षक अर्ध पूर्ण होने के कारण यह अधिक स्थाई है ,  अतः 15 वर्ग के तत्वों की आयनन एंथैल्पी अधिक होती है

16 वर्ग के तत्वों का बाह्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास nS2 nP4 होता है , यह एक इलेक्ट्रॉन त्यागकर अधिक स्थाई विन्यास प्राप्त करना चाहते हैं अतः आयनन एंथैल्पी कम होती है

  1.  विधुत ऋणता :

आकार बढ़ने पर विधुत ऋणता कम होती जाती है  

नोट : F के बाद O की विधुत ऋणता सबसे अधिक होती है

  1.  इलेक्ट्रॉन बंधुता या इलेक्ट्रॉन लब्धि एंथैल्पी :

उदासीन परमाणु द्वारा इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने पर जो ऊर्जा बाहर निकलती है उसे इलेक्ट्रॉन बंधुता कहते हैं

आकार बढ़ने पर इलेक्ट्रॉन बंधुता कम होती है

अपवाद :

प्रश्न 1 : S की इलेक्ट्रॉन बंधुता O से अधिक होती है क्यों ?

उत्तर : O का परमाणु आकार छोटा होने के कारण इलेक्ट्रॉन का घनत्व अधिक होता है ,  अतः इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति कम होती है जिससे इलेक्ट्रॉन बंधुता कम हो जाती है

S का परमाणु आकार बड़ा होने के कारण इलेक्ट्रॉन का घनत्व कम होता है अतः इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति अधिक होती है जिससे इलेक्ट्रॉन बंधुता का मान अधिक होता है

  1. भौतिक गुण :
  • O गैस है जबकि अन्य तत्व ठोस अवस्था में है
  • O तथा S अधातु , Se  तथा Te उपधातु जबकि Po रेडियो सक्रिय धातु है
  • ऊपर से नीचे जाने पर गलनांक व क्वथनांक बढ़ते जाते हैं
  1.  ऑक्सीकरण अवस्था :
  • इस वर्ग के तत्वों की अधिकतम ऑक्सीकरण अवस्था +6 तथा न्यूनतम ऑक्सीकरण अवस्था -2 होती है
  • ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण अवस्था प्रायः -2 होती है

अपवाद :  OF2 में O की ऑक्सीकरण अवस्था +2  होती है ,  H2O2 में O की ऑक्सीकरण अवस्था -1 होती है

  • ऑक्सीजन के अतिरिक्त अन्य तत्वों की सामान्य ऑक्सीकरण अवस्थाएं +2 , +4 , +6 होती है
  • इस वर्ग के भारी तत्व अक्रिय युग्म प्रभाव के कारण +4 ऑक्सीकरण अवस्था में अधिक स्थाई होते हैं
  1.  ऑक्सीजन के सामान्य गुण :
  • इस समूह में O का आकार छोटा होता है
  • इस समूह में O की विधुत ऋणता अधिक होती है
  • O मे खाली d  कक्षकों का अभाव होता है

प्रश्न 1 : OF6 नहीं होता जबकि SF6 होता है क्यों ?

उत्तर : O में खाली d कक्षक नहीं होते जबकि S में खाली d कक्षक होते हैं अतः SF6   का अस्तित्व है

प्रश्न 2 : O2 गैस है जबकि S8 एक ठोस है क्यों ?

उत्तर :  O का परमाणु आकार छोटा होने के कारण यह है pπ- pπ bond द्वारा दूसरे ऑक्सीजन परमाणु से द्विबंध बना लेते हैं , अर्थार्थ O2 बनता है , O2 के अणुओं के मध्य दुर्बल वांडरवाल बल होते हैं अतः  O2 गैस है

S का आकार बड़ा होता है इसमें pπ- pπ बन्ध नहीं बनता परंतु गंधक के 8 परमाणु एकल बंध से जुड़कर S8  अणु का निर्माण करते हैं ,  इन अणुओं के मध्य प्रबल वांडरवाल बल होते हैं अतः गंधक ठोस है