gold leaf electroscope in hindi ,working स्वर्ण पत्र विद्युतदर्शी यंत्र : किसी वस्तु पर उपस्थित आवेश के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए जैसे की उस वस्तु पर कितना (अनुमानित) आवेश उपस्थित है , यदि दो आवेशित वस्तु दी गयी है तो उन दोनों वस्तुओं पर आवेश की प्रकृति समान है या विपरीत इस प्रकार की जानकारी हमें जिस उपकरण से प्राप्त होती है उसे स्वर्ण पत्र विधुतदर्शी (gold leaf electroscope) कहते है।
विद्युतदर्शी उपकरण का निर्माण या संरचना या बनावट (structure) :
कार्यविधि (working) :
स्वर्ण पत्र विद्युतदर्शी का कार्य बताइये (gold leaf electroscope in hindi)
यह एक ऐसा उपकरण होता है जिसकी सहायता से किसी भी आवेशित वस्तु पर आवेश की उपस्थिति तथा आवेश की प्रकृति का पता लगाया जा सकता है। स्वर्णपत्र वैद्युतदर्शी की सहायता से विभवान्तर की माप भी की जा सकती है।
इस छड़ के निचले सिरे पर अत्यधिक पतले दो स्वर्ण पत्र (सोने की पत्तियां) लगे रहते है एवं ऊपरी सिरे पर एक धातु की चकती लगी रहती है। विधुतदर्शी की सुग्राहिता बढाने के लिए स्वर्ण पत्रों के सामने जार की दिवार में दो टिन की पत्तियाँ चिपका दी जाती है।
स्वर्ण पत्र अत्यंत हल्के होते है एवं चालक होने के कारण वे बहुत कम स्थिर विद्युत बल का भी शीघ्रता से प्रभाव प्रदर्शित करने लगते है। जब कोई आवेशित छड़ धातु की चकती से स्पर्श करायी जाती है तो छड का आवेश छड के माध्यम से स्वर्ण पत्रों तक पहुँच जाता है तथा स्वर्ण पत्र एक दुसरे को प्रतिकर्षित करने लगते है तथा वे फ़ैल जाते है। स्वर्ण पत्रो का फैलना चकती से स्पर्श करायी गयी छड के आवेशित होने का प्रमाण है। स्वर्ण पत्रों का फैलाव आवेश के परिमाण के अनुपात में होता है।
स्वर्ण पत्र विद्युतदर्शी के स्वर्ण पत्रों को ज्ञात प्रकार का आवेश देने के बाद यदि कोई अन्य छड चकती स्पर्श करायी जाती है एवं पत्तियों का फैलाव बढ़ता है तो छड़ पर समान प्रकार का आवेश होगा तथा यदि पत्तियों का फैलाव कम होता है तो छड़ पर आवेश विपरीत प्रकृति का होगा।
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