घर्षण द्वारा आवेशन क्या है charging by friction in hindi , उदाहरण , परिभाषा , चित्र किसे कहते है ?

उदाहरण , परिभाषा , चित्र घर्षण द्वारा आवेशन किसे कहते है ?

charging by friction in hindi घर्षण द्वारा आवेशन  : घर्षण का तात्पर्य है रगड़ना , जब दो वस्तुओं को रगड़ा जाता है तो घर्षण के कारण उन वस्तुओं में विद्युत आवेश उत्पन्न हो जाता है क्यूँकि यह आवेश घर्षण द्वारा उत्पन्न होता है इसलिए इसे घर्षण विद्युत तथा इस प्रक्रिया को घर्षण द्वारा आवेशन कहते हैं।

जब दो वस्तुओं को रगड़ा जाता है तो उन दोनों में से एक वस्तु इलेक्ट्रॉन त्यागती है तथा अन्य दूसरी वस्तु इलेक्ट्रॉन को ग्रहण करती है , जो वस्तु इलेक्ट्रॉन त्यागती है उस पर धनावेश आ जाता है तथा जो इलेक्ट्रॉन ग्रहण करती है वह वस्तु ऋणावेशित हो जाती हैं।

घर्षण द्वारा आवेशन को निम्न उदाहरण द्वारा समझ सकते है

जब काँच की छड़ को रेशम के कपडे से रगड़ा जाता है तो काँच की छड़ घर्षण के कारण इलेक्ट्रॉन रेशम के कपडे पर स्थानान्तरित करता है अर्थात काँच की छड़ द्वारा रेशम के कपडे पर इलेक्ट्रॉन त्यागे जाते है अतः काँच की छड़ पर इलेक्ट्रॉन की कमी हो जाती है और रेशम के ऊपर इलेक्ट्रॉन की अधिकता हो जाती है जिससे कांच की छड़ धनावेशित व रेशम का कपडा ऋणावेशित हो जाता हैं।
नोट : यदि हम तांबे की छड़ को हाथ से पकड़कर ऊनी वस्त्र से रगड़ा जाए तो ऊनी कपडे से ताम्बे की छड़ पर स्थानांतरित आवेश शरीर से होते हुए धरती में चला जाता है और फलस्वरूप छड़ आवेशित नहीं हो पाती है इसलिए चालक छड़ को एक कुचालक पदार्थ का हत्था लगाया जाता है या कुचालक स्टैंड पर रखा जाता है , जिससे वह कुचालक पदार्थ इलेक्ट्रॉन को धरती में प्रवाहित होने से रोकता हैं।
घर्षण द्वारा आवेशन : जब किसी उदासीन वस्तु को किसी दूसरी उदासीन वस्तु के साथ रगडा जाता है तो कुछ इलेक्ट्रॉन एक वस्तु से दूसरी वस्तु की ओर चले जाते है। जो वस्तु इलेक्ट्रॉन ग्रहण करती है ऋणावेशित हो जाती है जबकि दूसरी वस्तु धनावेशित हो जाती है। ये वस्तुएँ किसी भी पदार्थ की हो सकती है। उदाहरण के लिए जब कंघे को बालो में चलाया जाता है तो यह आयनित हो जाता है।
उदाहरण के लिए – जब एक सिल्क के कपड़े को काँच की छड से रगड़ते है तो क्योंकि सिल्क में इलेक्ट्रॉन ज्यादा मजबूती से बंधे रहते है और ग्लास में कम मजबूती से बंधे रहते है (इनके रासायनिक गुण के कारण ) , कुछ इलेक्ट्रोन सिल्क से छड में चले जाते है इसलिए काँच की छड़ में इलेक्ट्रॉन की कमी हो जाती है और सिल्क के कपडे में इलेक्ट्रॉन अधिकता में हो जाते है अत: कांच धनावेशित एवं सिल्क का कपड़ा ऋण आवेशित हो जाता है।
घर्षणात्मक विद्युतीकरण या घर्षण के द्वारा आवेशन की विधि : दो उचित पदार्थों को उचित दशाओ में रगड़ने या घर्षण से उत्पन्न विद्युत को घर्षण विधुत कहते है। 

उचित पदार्थो को जब रगडा जाता है तो वह विद्युतीकृत हो जाते है , इनमे से एक पदार्थ इलेक्ट्रॉनों का त्याग करता है और दूसरा पदार्थ इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करता है।

जो पदार्थ इलेक्ट्रोनों का त्याग करता है उस वस्तु को धनावेशित और जो पदार्थ इलेक्ट्रोनों को ग्रहण करता है उसे ऋणावेशित कहते है।

निचे एक सारणी दी गयी है जिसमे दर्शाया गया है कि उन्हें आपस में रगड़ने पर या घर्षण के कारण कौनसा पदार्थ धनावेशित होता है और कौनसा पदार्थ ऋणावेशित हो जाते है।

ऋण आवेशित पदार्थ धन आवेशित पदार्थ
रेशम का कपड़ा कांच की छड
प्लास्टिक या कंघी सूखे बाल
प्लास्टिक ऊन
रबर या अम्बर या एबोनाईट फर