कार्बोहाइड्रेट की परिभाषा क्या है , Carbohydrate in hindi वर्गीकरण या प्रकार , उदाहरण ,सूत्र , किसमे होता है ?

Carbohydrate in hindi , कार्बोहाइड्रेट की परिभाषा क्या है  किसे कहते हैं , वर्गीकरण या प्रकार , उदाहरण ,सूत्र , किसमे होता है ? , कार्बोहाइड्रेट का पाचन कहाँ होता है , भोजन के उदाहरण ? सबसे ज्यादा कार्बोहाइड्रेट किस चीज में होता है ? कमी से होने वाले रोग कौन कौन से है ?

जैव अणु : वे कार्बनिक पदार्थ जो पेड़ पौधे व जीव जन्तु की वृद्धि के लिए आवश्यक होते है , उन्हें जैव अणु कहते है। 

उदाहरण : कार्बोहाइड्रेट न्यूक्लिक अम्ल आदि।

कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) – 

1 . कार्बोहाइड्रेट का शाब्दिक अर्थ है कार्बन के हाइड्रेट।

  1. C , H , O से बने वे यौगिक जिनमे H व O का अनुपात 2:1 होता है उन्हें कार्बोहाइट्रेट कहते है।
  2. इनका सामन्य सूत्र Cx(H2O)yहोता है यहाँ x तथा y संख्याएँ समान तथा भिन्न भिन्न हो सकती है इनके अंत में प्राय ose (ओस) लगाते है।

उदाहरण – glucose , fructose , glactose , mannose (C6H12O6 या C6(H2O)2)

उदाहरण – sucros , maltose , lactose (C12H22O11 या C12(H2O)11)

उदाहरण –  cellulose , starch (C6H10O5)n or (C6(H2O)5)n

नोट : कुछ यौगिकों में से H व O का अनुपात 2:1 है परन्तु वे कार्बोहाइड्रेट नहीं है।

जैसे – ऐसिटिक अम्ल CH3-COOH or C2H4O2

लैक्टिक अम्ल C3H6O3

कुछ पदार्थ कार्बोहाइड्रेट होते हुए भी उनमे H व O का अनुपात 2:1 नहीं होता है।

उदाहरण : रैमनोस C6H12O

कार्बनिक हाइड्रेट की आधुनिक परिभाषा (Modern definition of organic hydrate):

वे ध्रुवण घूर्णक यौगिक जो पॉलीहाइड्रोक्सी ऐल्डीहाइड या कीटोन होते है या वे पदार्थ जिनके जल अपघटन से पॉलीहाइड्रोक्सी एल्डिहाइड या कीटोन बनते है उन्हें कार्बोहाइड्रेट कहते है।

कार्बोहाइट्रेट का वर्गीकरण (Classification of Carbohydrates):

A . भौतिक गुण के आधार पर

  1. शर्करा : ये स्वाद में मीठी जल में विलेय ठोस क्रिस्टलीय होती है।  जैसे सुक्रोस
  2. अशर्करा : ये स्वादहीन जल में अविलेय तथा अक्रिस्टलीय ठोस है।  जैसे सेल्यूलोस , स्टार्च

B . जल अपघटन के आधार पर :

इस आधार पर उन्हें तीन भागों में बांटा गया है।

  1. मोनो सैकेराइड (Mono Sacride):
  • ये जल में विलेय होती है परन्तु इनका जल अपघटन नहीं होता
  • ये ठोस क्रिस्टलीय है
  • इनका सामान्य सूत्र CnH2nOn होता है
  • कार्बन परमाणु की संख्या के आधार पर इन्हे निम्न प्रकार से वर्गीकृत करते है।
  •  triose  trtorse pentose  hexose
     C3H6O3  C4H8O4  C5H10O5  C6H12O6
  • यदि एल्डिहाइड समूह उपस्थित है तो एल्डोस तथा कीटोन समूह उपस्थित है तो कीटोस कहते है।

प्रश्न : एलडोहेक्सोज का उदाहरण दीजिये

उत्तर : gulcose

प्रश्न – कीटो हैक्सोज का उदाहरण दीजिये

उत्तर – fructose

  1. ओलिगो सैकेराइड (Oligo Saccharide): वे कार्बोहाइड्रेट जिनके जल अपघटन से दो से लेकर 10 तक मोनो सैकेराइड बनते है , उन्हें ओलिगो सैकेराइड कहते है।

यदि किसी कार्बोहाइड्रेट के जल अपघटन से 2,3,4 मोनो सैकेराइड बनते है तो उन्हें क्रमशः डाई , ट्राई , टेट्रा सैकेराइड कहते है।

सुक्रोस , माल्टोस , लेक्टोस सभी डाइसैकेराइड है क्योंकि इनके जल अपघटन  मोनो सैकेराइड बनते है।

  1. पॉलिसैकेराइड (Polysaccharide):

वे कार्बोहाइड्रेट जिनके जल अपघटन से अनेक मोनो सैकेराइड बनते है उन्हें पॉलिसैकेराइड कहते है।

उदाहरण : स्टार्च , सेलुलोस

कोशिका के अणु :

कार्बोहाइड्रेट : कार्बोहाइड्रेट कार्बनिक एल्डिहाइड या कीटोन रखने वाले पोलीहाइड्रोक्सी कार्बनिक यौगिक होते है। इनमे कार्बन , हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का अनुपात 1:2:1 होता है।

[ सामान्य सूत्र : Cn(H2O) ]

इनको कार्बन जल योजित भी कहते है।

क्योंकि इनमे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का अनुपात वही होता है जो जल में होता है , इन्हें सैकेराइड और शर्करा भी कहा जाता है।

कार्बोहाइड्रेट को तीन प्रमुख भागों में वर्गीकृत किया गया है –

1. मोनोसैकेराइड

2. ओलीगोसैकेराइड

3. पोलीसैकेराइड

कार्बोहाइड्रेट : यह C:H:O से मिलकर बना होता है जिसमे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का अनुपात 2:1 होता है और इनका साधारण सूत्र (CH2O)n होता है , ये ऊर्जा के प्रमुख स्रोत है।

भोजन में मुख्य कार्बोहाइड्रेट का स्रोत अनाज और दालें होती है।

कार्बोहाइड्रेट के प्रकार तथा उदाहरण –

 कार्बोहाइड्रेट जा प्रकार  उदाहरण
 1. मोनोसैकेराइड  ग्लूकोज (मुख्य रक्त शर्करा)

फ्रक्टोज (फलों में उपस्थित)

गेलेक्टोज (दुग्ध में पाई जाने वाली शर्करा)

डी ऑक्सीराइबोज (डीएनए में)

राइबोज (RNA में)

 2. डाइ सैकेराइड  सुक्रोज (टेबिल शर्करा) = ग्लूकोज + फ्रक्टोज

लेक्टोज (दुग्ध शर्करा) = ग्लूकोज + गेलैक्टोज

माल्टोज = ग्लूकोज + ग्लूकोज

3. पोलीसैकेराइड  ग्लाइकोजन – जंतुओं में कार्बोहाइड्रेट का जमा रूप

स्टार्च – पौधों में कार्बोहाइड्रेट का जमा रूप

सेल्युलोज – पौधों में कोशिका भित्ति का भाग , मनुष्यों के द्वारा पाचन नहीं होता है , परन्तु आंतो में भोजन की गति को बढाता है।

विशिष्ट लक्षण :

  1. संचित मात्रा : 900 ग्राम लगभग
  2. संचय स्थल : यकृत और पेशियाँ
  3. प्रतिदिन की आवश्यकता : 500 ग्राम लगभग
  4. स्रोत : मुख्यतः – अनाज (चावल , गेहूँ , मक्का) , दालें , टमाटर , फल , गन्ना , दूध , शहद , शर्करा आदि।
  5. कैलोरी वैल्यू : 4.1 किलो कैलोरी / ग्राम
  6. फिजियोलॉजिकल वैल्यू : 4 किलो कैलारो/ग्राम

कार्बोहाइड्रेट के कार्य

  • कार्बोहाइड्रेट में ग्लूकोज मुख्य रूप से श्वसन ईंधन है।
  • राइबोज तथा डिऑक्सीराइबोज न्यूक्लिक अम्ल के प्रमुख घटक है। (डीएनए तथा RNA) गेलैक्टोज मेड्युलरी शिथ का रचनात्मक घटक है।
  • मोनोसैकेराइड मोनोमर्स की तरह आपस में मिलकर डाइसैकेराइड एवं पोलीसैकेराइड का निर्माण करते है।
  • स्टार्च एवं ग्लाइकोजन , संचित इंधन के रूप में कार्य करते है।
  • अधिक मात्रा में उपस्थित ग्लूकोज को लाइपोजिनेसिस द्वारा वसा में परिवर्तित करके एडीपोज उत्तक एवं मिसेन्टरीज में संचित कर लिया जाता है।
  • ग्लूकोज एंटीकीटोजेनिक कार्य करता है और वसा के अपूर्ण ऑक्सीकरण तथा रक्त में कीटोनिक बॉडी के निर्माण को रोकता है।
  • ग्लूकोज प्रोटीन संश्लेषण के लिए अमीनो अम्ल को सुरक्षित रखता है।
  • सुक्रोज पौधों से प्राप्त होने वाली मुख्य शर्करा है जो गन्ने और चुकंदर में पाई जाती है।
  • सेल्युलोज और हेमीसेल्युलोज पौधों की कोशिका भित्ति के मुख्य घटक है।
  • काइटिन क्रस्टेशियन के बाह्य कवच और फंजाई की कोशिका भित्ति का मुख्य घटक है।
  • हिपेरिन रक्त वाहिकाओ के अन्दर रक्त का थक्का बनने से रोकता है। (प्रतिजामक)
  • ग्लाइकोप्रोटीन एक सुरक्षा आवरण बनाती है , ग्लाइकोकैलिक्स आंत के विलाई में पाई जाती है।
  • हायल्यूरोनिक एसिड साइनोवियल फ्लूड के रूप में जोड़ो पर चिकनापन प्रदान करता है।
  • रक्त में पाए जाने वाली एंटीजन A , B और Rh- फैक्टर जो जंतुओं को प्रतिरोधकता प्रदान करते है , ये ग्लाईकोप्रोटीन होते है और जन्तुओं को प्रतिरक्षा प्रदान करते है।
  • शर्करा कुछ ग्लाइकोप्रोटीन हार्मोनों जैसे – FSH (फोलीक्युलर स्टीमुलेटिंग हार्मोन) और LH (ल्यूटीनाइजिंग हार्मोन) की प्रमुख घटक है। FSH गैमीटोजैनेसिस को नियंत्रित करता है जबकि LH अण्डोत्सर्ग की प्रक्रिया तथा कार्पस ल्युटियम के निर्माण को प्रेरित करता है।
  • कार्बोहाइड्रेट अमीनो अम्ल में परिवर्तित हो सकता है।
  • कोशिका झिल्ली में पाए जाने वाले ओलिगोसैकेराइड कोशिकाओं को पहचानने में सहायक होते है।
  • सेल्युलोज भोजन में रेशों के रूप में होती है। यह पाचक रस के स्त्रवण को उत्प्रेरित करती है और क्रमाकुंचन में सहायक होती है।
  • सेल्युलोज नाइट्रेट विस्फोटक के रूप में उपयोग किया जाता है
  • कार्बोक्सी मैथिल सेल्युलोज का उपयोग कोस्मेटिक और दवाओं में किया जाता है।
  • सेल्युलोज एसिटेट का उपयोग सेल्युलोज प्लास्टिक , फेब्रिक्स और शटर प्रूफ ग्लास के निर्माण में होता है।

कार्बोहाइड्रेट

ये कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बने कार्बनिक तत्व होते हैं। इसका फार्मूला Cm(H2O)n है। इसके स्रोत आलू, चावल, मक्का, गेहूं, इत्यादि हैं। इसको तीन भागों में बांटा जाता है- शर्करा (सुगर), स्टार्च व सेलूलोज

1. मोनोसैकेराइडः यह सबसे सरल शर्करा होती है।

उदाहरणः पेन्टोजेज, ग्लूकोज, राइबोज, फ्रक्टोज आदि।

2. डाइसैकेराइडः ये दो मोनोसैकेराइड इकाइयों के जोड़ से बनते हैं।

उदाहरणः लेक्टोज, सुक्रोज आदि ।

3. पॉलीसैकेराइडः ये बहुत सारी मोनोसैकेराइड इकाइयों के जोड़  से बनते हैं।

उदाहरणः स्टार्च, ग्लाइकोजेन, सैल्युलोज ।

शर्कराः ग्लूकोज ,  फ्रक्टोज (फलों में शर्करा), सुक्रोज (टेबल सुगर), लैक्टोज (दूध में), मैल्टोज (जौं में)

स्टार्चः यह ब्रेड, आलू, चावल आदि में मौजूद होता है। पादप भोजन को स्टार्च के रूप में संग्रहित करते हैं।

सेलूलोजः यह अपरिष्कृत पादप खाद्य में पाया जाता है। फाइबर इसका एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

ऽ कार्बोहाइड्रेड की अधिकता से मोटापा और इसकी कमी से शरीर का वजन कम हो जाता है। इससे कार्य करने की क्षमता घट जाती है।