bio-agriculture Chemistry in hindi कृषि रसायन व उसके प्रभाव & जैव-कृषि एक अध्ययन , महत्व
कृषि रसायन व उसके प्रभाव(Agricultural Chemistry and Its Effects):-
विभिन्न प्रकार के पीडकनाशी एवं रासायनिक उर्वरकशुदा के परितंत्र को असन्तुलित करते है ये लक्ष्य जीवों के साथ-2 उपलक्ष्य जीवों को भी मार देते है, इनसे मृदा अन उपजाऊ हो जाती है तथा ये जलीय परितंत्र में पहुंचकर जैव-आवर्धन के द्वारा हानिकारक प्रभाव उत्पन्न करते है।
जैव-कृषि एक अध्ययन(A study of bio-agriculture):-
चक्रिय एवं शून्य अपशिष्ट उत्पाद वाली कृषि को एकीकृत जैव-कृषि कहते है। इसमें कृषि कार्यो के साथ-2 पशुपालन, मधुमक्खी पालन, जल संग्रहण, कम्पोस्ट निर्माण आदि किये जाते है।
महत्व(Importance):-
1 इसमें अपशिष्ट उत्पाद नगणय होते है।
2 एक प्रक्रम का अपशिष्ट उत्पाद अन्य प्रक्रम में पोषक पदार्थो के रूप में प्रयुक्त होता है।
3 संसाधनों का अधिकतम उपयोग संभव होता है। यह बहुत ईमाइती एवं लम्बे समय तक चलने वाल प्रक्रम है।
4 रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता नहीं होती है।
5 सोनीपत हरियाणा के किसान रमेश चन्द डागर ने एकीकृत कृषि को अपनाया। तथा इसके लाभ प्राप्त किये — ने एकीकृत कृषि को अपनाया। तथा इसके लाभप्राप्त किये उसने अन्य किसानों को भी इससे फायदा पहुंचाने के लिए एक किसान कल्ब बनाया जिसके 5000 से अधिक सदस्य बने।